Ramniwas Rawat : कांग्रेस छोड़ने के ईनाम में भाजपा ने रामनिवास रावत को मंत्री बनाया!
Bhopal : श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत को वो मिल गया जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस से बगावत की थी। डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल कर लिया गया। खास बात यह कि उन्हें अकेले कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौर में भाजपा का दामन जिस वादे के साथ थामा था, आज वो पूरा हो गया।
लोकसभा चुनाव के समय राजगढ़ में एक सभा के दौरान खुद दिग्विजय सिंह की मौजूदगी ने रामनिवास रावत ने कांग्रेस न छोड़ने की बात कही थी। लेकिन, यह बात झूठ निकली और वे भाजपा में पलटी मार गए। दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे रावत को भाजपा में ही अपनी राजनीति सुरक्षित नजर आई। यही कारण था कि 6 बार कांग्रेस से विधायक रहे रामनिवास रावत ने दामन थाम लिया था।
तोमर के खिलाफ चुनाव लड़ चुके
रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे पूर्व में कांग्रेस से ही नरेन्द्र सिंह तोमर के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाने वाले रामनिवास ओबीसी नेता के रूप में बड़ा चेहरा हैं। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी नाराजगी का मुख्य कारण कांग्रेस आलाकमान की तरफ अनदेखी रही। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने से वे सबसे ज्यादा खफा थे।
भाजपा ने वादा पूरा किया
भाजपा ने उनसे मंत्री बनाए जाने का जो वादा किया था, वो आज पूरा हो गया। समझा जा रहा था कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने से उनका कद बढ़ेगा, वही हुआ भी। पहले भी वे दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं और 2003 से भाजपा की सरकार रहने के बाद से 20 साल तक वे विपक्ष में ही बैठे रहे। सवा साल कमलनाथ सरकार आने के बाद भी उन्हें कोई पद नहीं दिया गया। यही कारण है कि उनकी नाराजगी दिनों-दिन बढ़ती गई और उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया था।
सदस्यता खत्म करने की याचिका कांग्रेस ने लगाई
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास विजयपुर विधायक रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने के लिए पिटीशन लगाई है। शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के दल ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी।
शपथ लेते जुबान फिसली
रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने राज्य के मंत्री के बजाय कह दिया कि ‘मैं मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा।’ इससे गफलत हुई कि वह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
इस पिटीशन के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते अब रावत और सप्रे की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में या तो ये दोनों ही विधायक कांग्रेस विधायक पद से जल्द इस्तीफा देंगे या फिर विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लेंगे।