Padmashri Kartik Maharaj के खिलाफ बंगाल में रेप का आरोप ,कलकत्ता हाई कोर्ट में FIR रद्द करने की दी याचिका

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Padmashri Kartik Maharaj

Padmashri Kartik Maharaj के खिलाफ बंगाल में रेप का आरोप, कलकत्ता हाई कोर्ट में FIR रद्द करने की दी याचिका

                

कोलकाता :  एक महिला ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित साधु स्वामी प्रदीप्तानंद, जिन्हें कार्तिक महाराज के नाम से जाना जाता है, पर आरोप लगाया है कि उन्होंने स्कूल में नौकरी दिलाने के बहाने 2013 से कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया है।भारत में बाबाओं और आश्रमों के पहले भी भंडाफोड़ हुए हैं ,भारत सेवाश्रम संघ की मुर्शिदाबाद इकाई से जुड़े कार्तिक महाराज पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि 2013 में महाराज ने उसके साथ छह महीने तक बलात्कार किया और उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया। इस मामले में कार्तिक महाराज ने कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की है। जस्टिस जय सेनगुप्ता की बेंच ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होने की संभावना है।

कार्तिक महाराज पर महिला ने आरोप लगाए हैं। उनके खिलाफ केस भी दर्ज करवाया है। पुलिस ने कार्तिक महाराज को पूछताछ के लिए बुलाया था। मंगलवार सुबह मुर्शिदाबाद जिला पुलिस के अंतर्गत आने वाले नाबग्राम पुलिस स्टेशन में पेश होना था।

सोमवार को नाबग्राम पुलिस स्टेशन ने भारत सेवाश्रम संघ की मुर्शिदाबाद इकाई को एक नोटिस भेजा था। इस नोटिस में कार्तिक महाराज को मंगलवार सुबह पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया था। हालांकि, कार्तिक महाराज उस समय वहां मौजूद नहीं थे। इसलिए, नोटिस आश्रम के एक प्रतिनिधि को सौंप दिया गया।

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कार्तिक महाराज ने याचिका में क्या कहा

मंगलवार को कार्तिक महाराज के वकील जस्टिस सेनगुप्ता की बेंच के पास पहुंचे। उन्होंने पुलिस स्टेशन में पेश होने की समय सीमा समाप्त होने से पहले FIR रद्द करने की गुहार लगाई। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने 13 साल पहले हुई एक घटना के संबंध में एक महिला की शिकायत के आधार पर बिना किसी प्रारंभिक जांच के FIR दर्ज कर ली।

कार्तिक महाराज ने शुरुआत से ही आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए की जा रही है। इस मामले को लेकर राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है। उनका आरोप है कि BJP इस बलात्कार के मामले पर चुप है, क्योंकि आरोपी साधु भगवा कैंप के करीबी बताए जाते हैं।

बीजेपी ने टीएमसी पर लगाए आरोप

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल BJP इकाई ने शिकायत के समय पर सवाल उठाए हैं। BJP नेताओं का कहना है कि कथित बलात्कार की घटना के 13 साल बाद शिकायत दर्ज कराई गई है। वो भी ऐसे समय में जब राज्य सरकार और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज रेप केस को लेकर घिरी हुई हैं।

महिला का क्या आरोप

पिछले हफ्ते नाबग्राम पुलिस को दी गई शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि कार्तिक महाराज ने उसे चानाक आदिवासी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी का वादा किया था। यह स्कूल आश्रम द्वारा चलाया जाता है। महिला और महाराज की मुलाकात दिसंबर 2012 में हुई थी। पीड़िता ने कहा कि उसे जनवरी 2013 में स्कूल के छात्रावास में रहने की जगह भी दी गई थी। उसे आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही उसे नौकरी पर रख लिया जाएगा।

जबरन गर्भपात कराने का भी लगाया आरोप

महिला ने कार्तिक महाराज पर जनवरी और जून 2013 के बीच कम से कम 12 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है। उसने यह भी कहा कि आरोपी साधु ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उसने पुलिस से शिकायत की या किसी को कुछ बताया तो वह आत्महत्या कर लेगा। कार्तिक महाराज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए की जा रही है।

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