बसंत पंचमी पर्व पर रतलाम स्थापना महोत्सव के कार्यक्रम में महाराजा रतनसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए विधायक चेतन्य काश्यप ने महलवाड़ा के मुख्य द्वार पर लगी बन्द और खराब पड़ी घड़ी के बारे में उसको बदलने की बात कहते हुए महलवाड़े के मुख्य द्वार को 25 लाख रुपए से संवारने की बात कहीं। उन्होंने घड़ी का बंद रहना अशुभ बताते हुए कहा कि घड़ी का रुकना शहर का विकास रुकना होना बताया।
आज आवश्यकता इस बात की है कि महलवाड़े के मुख्य द्वार को संवारने की बजाय खंडहर में तब्दील होता महलवाड़ा जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, संवरने को बेताब हैं।
नागरिकों ने विधायकों से अपेक्षा की है कि
महाराजा रतनसिंह की इस रियासत को खंडहर होने से बचाने के सभी संभव प्रयास करें।
भूमिगत होते भू-माफिया
रतलाम में शायद ऐसा पहली बार हो रहा है जब भू माफियाओं का खौफ नहीं है बल्कि प्रशासन का खौफ भू माफियाओं पर हो रहा है। यही कारण है कि कलेक्टर के सख्त एक्शन के बाद कई भू-माफिया और गुंडे भूमिगत हो चुके हैं।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के हाथों में जिले की कमान आते ही उन्होंने जिले की अवाम के सामने वह कर दिखाया जो आज तक किसी कलेक्टर ने नहीं किया।उन्होंने कहा था कि नेस्तनाबूत कर देंगे गुण्डों, माफियाओं, जमाखौरों और सटोरियों को, यह बात साबित कर दिखाई।
कुमार पुरुषोत्तम रतलाम के पहले कलेक्टर होंगे जिन्होंने कुछ ही समय में दर्जनों गुण्डों को जिलाबदर किया। अवैध रूप से धंधे करने वाले बड़े नामचीन और राजनीतिक हस्तियों के करीबी कई बदमाशों की प्रॉपर्टी को ध्वस्त करना और उन्हें नेस्तनाबूद करना इतना आसान नहीं था। हालात यहां तक हो गए हैं कि कई भूमाफिया और गुंडों ने शहर तक छोड़ दिया है और कलेक्टर के तबादले को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
तिवारी की जगह तिवारी खुशियां मनाने वालों की थमी सांसें
जिले भर में सिंघम के नाम से पहचाने जाने वाले एसपी गौरव तिवारी द्वारा अवैध कारोबार और माफियाओं के विरुद्ध एक्शन से थर्राए लोगों के कानों में उनके तबादले की सुगबुगाहट पंहुची तो बस वे झुम उठें लेकिन उनका झुमना कुछ ही दिनों में छुमंतर हो गया जब एक तिवारी की जगह दुसरे तिवारी ने ले ली,और अपनी सीट पर बैठते ही अपनी एक्शन से यह संदेश दे दिया की एक तिवारी भले ही चला गया हूं लेकिन दूसरे तिवारी उनसे सवाया हैं।
रतलाम में पदस्थ नवागत एसपी अभिषेक तिवारी ने जहां शहर के गुंडों और बदमाशों माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई को और तेज गति प्रदान की वहीं अपने महकमे में यह संदेश दे दिया है कि मिली भगत करने वाले और कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों की खेर नहीं। हाल ही में एक थाना प्रभारी को उन्होंने इसलिए सस्पेंड कर दिया कि उसने अवैध शराब पकड़ने के मामले में लापरवाही की थी। ऐसे ही एक बड़े मामले में उन्होंने 48 घंटों में सभी आरोपियों को धर पकड़ा।
आपकों बता दें कि एसपी अभिषेक तिवारी बालाघाट में अपने सिंघम अंदाज के कारण मशहूर रहे हैं। इन्होंने नक्सलियों पर कार्रवाई करते हुए छः इनकाउंटर किए। इनकी कार्यशैली पर भारत सरकार ने इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा।
क्यों हटाया गया शहर SDM को
आखिर ऐसा क्या हुआ कि
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को आनन-फानन में शहर के एसडीएम अभिषेक गेहलोत को हटाकर कार्यालय में अटैच करना पड़ा। सूत्रों की माने तो शहर भू माफियाओं और गुंडों के खिलाफ मुहिम में जिस सख्त कार्रवाई की कलेक्टर अपने SDM से अपेक्षा कर रहे थे उसके अनुरुप परिणाम नहीं निकल पा रहे थे। एक दो ऐसे उदाहरण सामने आए जब SDM की कार्रवाई में ढिलाई नजर आई। शायद यही बात कलेक्टर को नागवार गुजरी और उनमें अपने SDM को हटाना ही उचित समझा। गहलोत के स्थान पर अब आलोट एसडीएम को रतलाम एसडीएम का प्रभार सौंपा गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नए एसडीएम कलेक्टर की मंशा के अनुरूप खरे उतर पाएंगे या नहीं?
बात जावरा विधायक राजेंद्र पाण्डे की
और चलते चलते जिले के जावरा की बात करते हैं।शिवराज सरकार के करीबी रहने वाले जावरा विधायक राजेंद्र पाण्डे की हम बात करें तो उनकी भी उनकी भी सरकार के प्रति बेरुखी और नाराजगी इस बात को दर्शा रही है कि भाजपा के प्रति समर्पित इस परिवार की समर्पण भावनाओं का प्रतिफल,जो इन्हें मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है।
सांसद रहे स्वर्गीय श्री लक्ष्मीनारायण पांडे के बेटे जावरा विधायक राजेंद्र पाण्डे प्रदेश में कद्दावर और सक्रिय विधायक के रूप में जाने जाते हैं।