Ratlam News: कलेक्टर हुए सख्त, अधिकारियों पर बरसे, ढुलमुल रवैए पर ली क्लास

अधिकारियों को कार्य के प्रति कोताही बरतने पर घर का रास्ता दिखाने की दी Warning

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

आज के इस दौर में कोई वस्तु मिलावट से अछूती नहीं रही।

बढ़ती मिलावटखोरी के मामलों को लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को बार-बार शिकायतें आ रही हैं। सम्बंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाहीं नहीं करने पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अधिकारियों को सख्त लहजे में समझाते हुए हिदायत दे डाली।

उन्होंने मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त कार्यवाहीं करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित भी किया।

उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो? छोटी-मोटी इस हंसी मजाक वाली सेंपलिंग से कोई लाभ नहीं। आज कलेक्टर समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर जमरा से सख्त नाराज रहे।
इस दौरान अपर कलेक्टर एम.एल.आर्य ने भी कहा कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर्स द्वारा जिले में जो कार्रवाई की जा रही है वह प्रभावी नहीं है।आर्य इस बात को लेकर भी नाराज हुए उनका तर्क था कि छोटी दुकानों के संचालकाें पर प्रकरण बनाए जाते हैं,बड़े दुकानदारों,व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाता है, ऐसा क्यों?

प्रकरण ऐसे बनाए जाते हैं जिसमें बहुत ज्यादा जुर्माना नहीं लगता है।

अपर कलेक्टर आर्य ने बताया कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ही छोटी दुकानों पर प्रकरण बनाए जाते हैं,सैंपल लिए जाते हैं।शहरी क्षेत्र में इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि आगे से मिलावट के संबंध में कोई शिकायत आएगी तो जमरा निलंबित कर दिए जाएंगे। जमरा को निर्देशित किया कि उनके द्वारा विगत दो माह में क्या काम किया गया है,नोटशीट पर लाकर बताएं।

बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े,डिप्टी कलेक्टर सुश्री मनीषा वास्कले, सुश्री कृतिका भीमावद तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राशन के मामले में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं करें। सभी एसडीएम से कहा कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट क्यों नहीं आ रही है।

निर्देशित किया कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक माह की तय समय सीमा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर, कार्यपालन यंत्री पीएचई गोगादे से भी खिन्न नजर आए।कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई भी नल-जल योजना बंद मिली तो संबंधित एसडीओ पीएचई को सस्पेंड किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री रजनीश सिन्हा ने बताया कि जिले में 624 आंगनवाड़ियां गोद ले ली गई है। अधिकतर आंगनवाड़ी अधिकारियों द्वारा गोद ली गई है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गोद लेने वाले अधिकारियों को जानकारी देवें कि सुधार के लिए आंगनवाड़ियों में क्या किया जाना है।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी कलेक्टर ने की। आगामी 20 जनवरी तक सभी विभागों को अपेक्षित कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि यदि जिले की रैंकिंग खराब होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।उक्त जिम्मेदार विभागों में कृषि, ऊर्जा, नगर निगम, पीएचई, शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण तथा राजस्व विभाग शामिल है जिनके परफारमेंस पर जिले की रैकिंग निर्भर करेंगी।