रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम-दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर एक ग्रामीण चरवाहे की मुस्तैदी से एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया।रेल पटरी टूटी होने पर पिता की कहने पर चरवाहा लाल गमछा लिए पटरी पर दौड़ पड़ा था,चरवाहे की सोच रहीं की कहीं मालगाड़ी दुर्घटना ग्रस्त ना हो जाए।ग्रामीण चरवाहे की इस जागरूकता पर मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार गुप्ता ने अपने कार्यालय में चरवाहे राकेश सिंह का सम्मान कर 5 हजार रुपए की नगद राशि दी गई।
क्या था मामला
पश्चिमी रेलवे के रतलाम रेल मंडल में रतलाम दाहोद के बीच मंगलमउड़ी उसरा रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे पटरी में क्रेक आ गया था जिसे जंगल में बकरियां चरा रहे चरवाहे राकेश पिता दीप सिंह ने देखा तो उसने अपने पिता को जानकारी दी।मालगाड़ी आती हुई देख राकेश ने अपना लाल रंग का गमछा लिया और रेलवे ट्रैक पर दौड़ लगा दी।मालगाड़ी के चालक ने जैसे ही लाल गमछे के साथ आदमी को रेल ट्रैक पर दौड़ते देखा तो उसे लगा कोई गंभीर बात है।चालक ने मालगाड़ी उसी समय रोक दी।फिर राकेश ने मालगाड़ी के ड्राइवर व गार्ड को रेल पटरी में टूटने की सूचना दी।
मालगाड़ी चालक ने फिर रेल नियंत्रण कक्ष पर सूचना दी
चालक ने मामले को लेकर रेलवे नियंत्रण कक्ष तक जानकारी पहुंचाई।मालगाड़ी 2 घंटे तक जंगल में खडी रही। टूटी हुई पटरी को बदलने के बाद मुंबई रेल दिल्ली मार्ग पर रेल यातायात प्रारंभ हुआ।
प्रशस्ति पत्र व 5 हजार रुपए दिए इनाम
जागरूक राकेश की वजह से बड़ी रेल दुर्घटना टल गई। मंडल रेल प्रबंधक श्री गुप्ता ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में राकेश सिंह को बुलवाकर प्रशस्ति पत्र तथा ₹5000 का नगद इनाम देकर सम्मानित किया।
रेलवे ट्रैक पर लगातार सतत निगरानी रखी जाती है।रेल पटरियों की मजबूती तथा उसमें हुईं खराबी को मशीनों के द्वारा जांचा जाता है,जहां वर्तमान में जहां पर यह पटरी टूटी है।उस पर सोमवार को ही निरीक्षण किया गया था किंतु उस समय कोई खराबी नजर नहीं आई थी।क्रेक हुई रेल पटरी को विशेषज्ञ जांच के लिए साबरमती भेजा गया है। उसी के बाद स्पष्ट होगा कि रेल पटरी में क्या खराबी आई थी?