Ratlam News: फर्जी भुगतान के मामले में आरोपी को हुई लोअर कोर्ट की सजा पर की गई अपील खारिज, सजा बरकरार

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

रतलाम: न्यायालय (सुनील कुमार) अतिरिक्त सत्र न्यायालय आलोट जिला रतलाम द्वारा अपील में फैसला कर अभियुक्त सुजीत नरेश पिता ताराचंद नरेश आयु 46 वर्ष निवासी-102 रेजीमेंट बाजार महु हाल मुकाम रतलाम को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा धारा 420, 467, 468, 471, 409 भादवि के अंतर्गत 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास तथा प्रत्येक अपराध धारा में 1-1 हजार रूपए के अर्थदंड को यथावत रखते हुए अभियुक्त द्वारा की गई अपील खारिज की गई।

अभियोजन के अनुसार तत्कालीन अधिकारी राजस्व ओ.पी. गौतम द्वारा जांच में यह पाया गया कि तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुजीत नरेश ने अपने पद के दुरूपयोग करते हुए वित्तीय अनियमितता कर जनपद पंचायत आलोट में लेखापाल के पद पर पदस्थ आनंदीलाल निगम को मेडीकल बिल के लिए 16 हजार 324 रूपए राशि का भुगतान बजट के प्रावधानों के विपरीत किया गया।जनपद पंचायत के सभाकक्ष हेतु विद्युत सामग्री क्रय की गई थी, जिसका भुगतान 29 हजार रूपए किया गया।

जो सेठिया इलेक्ट्रॉनिक आलोट से खरीदी गई थी,खरीदी गई सामग्री का भौतिक सत्यापन राजस्व निरीक्षक से करवाए जाने पर पंचनामा अनुसार केवल 9 हजार 909 रूपए की विद्युत सामग्री क्रय की जाना बताया, जिसमें कोई कोटेशन भी नहीं बुलवाए गए।

संजय राउत इलेक्ट्रॉनिक को 29 हजार 301 रूपए की राशि का भुगतान किया गया। जनपद पंचायत पंच सम्मेलन हेतु कुल 66 हजार 788 रूपए का भुगतान किया गया, किंतु पंच सम्मेलन नहीं हुआ। इस प्रकार आरोपी सुजीत नरेश द्वारा 68 हजार 588 रूपए का फर्जी भुगतान प्राप्त किया गया एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई।

मामले में अपराध धारा 420 467, 468,471, 409 भादवि के अंतर्गत अपराध कायम कर अनुसंधानपूर्ण कर अभियुक्त, सुजीत नरेश पिता ताराचंद के विरूद्ध दर्शाई धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पत्र न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी रश्मिना मंसूरी प्रथम श्रेणी आलोट की न्यायालय में पेश किया गया, जिस पर न्यायालय द्वारा अभियोजन की और से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानकर आरोपी सुजीत को धारा 420, 467, 468, 471, 409 भादवि में 03-03 साल का सश्रम कारावास तथा प्रत्येक अपराध धारा में 1-1-हजार रूपए के अर्थदण्ड से 07.सितम्बर.2016 को सजा सुनाई थी।

न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट होकर आरोपी सुजीत नरेश की और से एक दाण्डिक अपील क्रमांक 20/2016 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आलोट न्यायालय में पेश की गई जिस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार द्वारा अभियोजन की और से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए माननीय अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को यथावत रखते हुए अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत अपील को निरस्त किया गया।अभियोजन की और से सफल पैरवी अपर लोक अभियोजक हैमेन्द्र कुमार गोयल द्वारा की गई।