Ratlam Poll Results : 5 में से 4 सीटें भाजपा के खाते में, जनता ने कांग्रेस को नकारा!

सैलाना ST सीट में भाजपा, कांग्रेस को पछाड़ते हुए जयस के कमलेश्वर डोडियार ने रचा इतिहास!

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Ratlam Poll Results : 5 में से 4 सीटें भाजपा के खाते में, जनता ने कांग्रेस को नकारा!

Ratlam : प्रदेश भर में विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे भाजपा के पक्ष में आने के साथ ही रतलाम जिले में भाजपा का प्रचंड बहुमतों से विजय होना प्रदेश की राह में विकास के संकेत हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार की ताजपोशी और जनादेश विकास की नई इबारतें स्थापित करने का स्पष्ट संकेत है।

विधायक प्रत्याशी काश्यप पर जताया भरोसा

रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी चेतन्य काश्यप ने पिछले चुनाव रिजल्ट के आंकड़ों को ध्वस्त किया। उनके जीतने के कई मायने बताए जा रहे हैं। अपने आकर्षक व्यक्तित्व और साफ सुथरी छवि एवं विकास की राह में काम करने के कारण शहर की जनता प्रभावित थी। वह अपने कार्यकाल के पांच वर्षों में मीडिया के माध्यम से जनता के बीच अपना संदेश पहुँचाते रहे, उनकी मेनेजमेंट टीम भी जनता तक विधायक की बात पंहुचाने में पूरा सहयोग करती रही। इसके साथ ही भाजपा के सिद्धांत एवं जनता के प्रति समर्पण एवं विकास का विजन से भी जनता प्रभावित थी।

पराजित पारस सकलेचा

उधर कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा व कांग्रेस संगठन में तालमेल का अभाव और कांग्रेस प्रत्याशी पद के दावेदारों का भीतरघात भी दिखाई दिया, उनका समय समय पर पार्टी बदलना भी उनकी छवि के लिए घातक सिद्ध हुआ। और रतलाम की जनता ने उन्हें नकार दिया।

सैलाना में डोडियार ने भाजपा, कांग्रेस प्रत्याशियों को पछाड़ा

जिले की सैलाना विधानसभा सीट पर जयस प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार ने अपना प्रभाव दिखाते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक हर्षविजय गहलोत, भाजपा प्रत्याशी संगीता चारेल को पटखनी देकर अपने वर्चस्व को कायम रखते हुए स्पष्ट कर दिया कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में आज भी उनका प्रभाव कायम हैं।

ग्रामीण विधायक प्रत्याशी मथुरालाल डावर

रतलाम ग्रामीण विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी मथुरालाल डावर को जनता ने आशीर्वाद दिया हैं, यहां कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। मथुरालाल डावर पूर्व में विधायक रह चुके है ।वर्ष 2018 में उनका टिकट भाजपा ने काट दिया था किंतु इस बार फिर उन्हें मौका मिला। मथुरालाल डावर सहज सरल व्यक्तित्व और मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले विधायक माने जाते हैं जिस कारण ग्रामीण जनता में उनके ग्रामीण क्षेत्र में जनमानस को यह गंभीरता से लेते रहे हैं। उन्होंने अपनी स्वयं की जमीन कुंडाल तालाब के लिए जनता को समर्पित की थी। इस खातिर भी ग्रामीणजनों ने उन्हें याद रखा। भाजपा की लहर और हवा ने उन्हें एक बार फिर विधायक बना दिया।

कांग्रेस प्रत्याशी डिंडोर

इधर कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को अंतिम समय में टिकट दिया यह कांग्रेस के नाराज लोगों को साध नहीं सके वे एक अधिकारी से नेता बनना चाह रहें थे, यह बात भी ग्रामीणों को गले नहीं उतर रही थी। डिंडोर ने टीम मैनेजमेंट भी अलग तरह के लोगों को सौंप रखा था जिस कारण जनता जनार्दन ने उनको अलग अलग कर दिया और भाजपा के मथुरालाल डावर को विधायक की ताजपोशी की।

राजेन्द्र पांडे का जादू बरकरार

जावरा विधानसभा सीट के बारे में भले ही पहले यह कहां-सुना जा रहा था कि जावरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र पाण्डेय को निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर के कारण खतरा बना हुआ है, उनके लिए जीत कठिन डगर बताई जा रही थी किंतु विधायक डॉ पांडे ने अपनी सूझ-बूझ एवं राजनीतिक अनुभव से एक सफल राजनीति खिलाड़ी का अहसास करा दिया। उन्होंने कांग्रेस के वीरेन्द्र सिंह सोलंकी तथा निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर को पछाड़ दिया और जावरा में एक बार पुनः राजेंद्र पाण्डेय का बतौर विधायक के रूप में राजतिलक हुआ।

आलोट में चिंतामणि की भारी

आलोट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि मालवीय ने विजय हासिल करते हुए वहां कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज चावला को शिकस्त दी तो निर्दलीय प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को भी घर बिठा दिया। यहां भाजपा के पक्ष में ही माहौल पूर्व से ही बना हुआ था। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला को खाद लूट मामला और निष्क्रिय रहना उनकी हार का कारण बन गया।