एफआईआर से आईएएस का नाम कैसे हटा

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मप्र के पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी ईओडब्ल्यु की एफआईआर में फिर बच गये। जल संसाधन विभाग के ठेकेदारों को 877 करोड़ के एडवांस पेमेंट में जिन इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर हुई है, उनमें से एक सीनियर इंजीनियर ने अपने बयान में साफ कहा है कि यह भुगतान जल संसाधन विभाग के तत्कालीन एसीएस गोपाल रेड्डी के निर्देश पर हुआ था। चर्चा है कि भुगतान पाने वाली एक कंपनी ने अपने प्रभाव का उपयोग कर गोपाल रेड्डी को बचा लिया है। इसके पहले बीज निगम के घोटाले में ईओडब्ल्यु ने गोपाल रेड्डी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से ईओडब्ल्यु जांच के दौरान रेड्डी का नाम एफआईआर से हटा दिया था।

अनुराग जैन को चेहरा दिखाने की होड
मप्र कैडर के वरिष्ठ आईएएस अनुराग जैन इस सप्ताह भोपाल आए तो उनसे मिलने और उन्हें चेहरा दिखाने आईएएस अफसरों में होड लगी रही। अनुराग जैन फिलहाल दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

उन्हें केन्द्र सरकार ने 1991 बैच के आईएएस अफसरों की डीपीसी के लिए भोपाल भेजा था। अनुराग जैन का नाम मप्र में अगले मुख्य सचिव के लिए चर्चा में है। इस साल नवम्बर में इकबाल सिंह बैस के रिटायर होने पर अनुराग जैन मुख्य सचिव बनकर भोपाल आ सकते हैं। यही कारण है कि उनसे मिलने और उन्हें चेहरा दिखाने वाले कुछ ज्यादा ही सक्रिय रहे।

सांसद राकेश सिंह को तगड़ा झटका
मप्र भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को भाजपा नेताओं ने ऐसा झटका दिया है कि वे समझ ही नहीं पा रहे कि उन्हें किस गलती की सजा दी गई है। हर साल दिल्ली में मप्र के सांसदों का भोज आयोजित किया जाता है, जिसमें मप्र के मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ नेता मप्र के मुद्दों पर सांसदों से चर्चा करते हैं।

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30 मार्च को यह भोज राकेश सिंह के बंगले पर आयोजित था। इसके आमंत्रण पत्र बंट गए। सभी तैयारियां भी हो गईं। अचानक कुछ नेताओं ने राकेश सिंह के बंगले जाने से इंकार कर दिया। आनन फानन में इस भोज का आयोजन नरेन्द्र सिंह तोमर के बंगले पर किया गया। भोज में मप्र के सभी भाजपा सांसदों के अलावा शिवराज सिंह चौहान, शिवप्रसाद, कैलाश विजयवर्गीय, हितानंद शर्मा भी शामिल हुए थे।

कमलनाथ के दूत बने अरूण यादव
अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर कमलनाथ की शिकायत करने वाले अरूण यादव पिछले तीन दिन से कमलनाथ के सबसे खास होकर उभरे हैं। कमलनाथ ने 3 अप्रेल को अरूण यादव को बुलाकर ऐसा क्या मंत्र फूंका कि अरूण यादव अब कमलनाथ को अगले मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मुहिम में जुट गए हैं।

Rajwada 2 Residency: ' नदी का घर ', बरकरार रहेंगे सुहास भगत या बदलेगा निजाम

सोमवार को कमलनाथ के बंगले पर कांग्रेस नेताओं की बैठक शुरु होने से दो घंटे पहले अरूण यादव ने कमलनाथ का दूत बनकर डाॅ. गोविन्द सिंह के घर पहुंच कर उनसे बंद कमरे में चर्चा कर उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि कमलनाथ ही कांग्रेस का सीएम चेहरा होंगे।

उमा भारती फिर निष्कासन की ओर!
भाजपा की फायरब्रांड नेता, मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एक बार फिर भाजपा से निष्कासन की राह पर बढ़ती दिखाई दे रही हैं। शराबबंदी की उनकी मुहिम जैसे जैसे आक्रमक होती जा रही है, दिल्ली और भोपाल में भाजपा नेतृत्व ने उनके भविष्य की पटकथा लिखना शुरु कर दिया है।

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इस सप्ताह वीडी शर्मा के निवास पर आयोजित डिनर में भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव, पंकजा मुंडे, शिवप्रसाद, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने उमा भारती के मुद्दे चर्चा की है। इस चर्चा के लिए नरोत्तम मिश्रा को भी बुलाया गया था। तय है कि उमा ने शराब के बहाने शिवराज को निशाने पर लिया है। चुनाव की तैयारी में लगी पार्टी शायद यह बर्दाश्त नहीं करेगी!

शिव-कमल में खटपट!
वैसे इस खबर में कोई दम नहीं है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच खटपट शुरु हो गई है। लेकिन कमलनाथ खेमे ने सुनियोजित तरीके से यह खबर फैलाना शुरु कर दिया है कि अब इन नेताओं के बीच मधुर संबंध नहीं हैं।

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मप्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अभी तक नीचे से ऊपर तक यही संदेश है कि “शिव-कमल” अच्छे दोस्त हैं। कमलनाथ अनेक फैसले शिवराज सिंह के इशारे पर करते हैं। जैसे मप्र विधानसभा का बजट सत्र भी समय से पहले खत्म करा दिया गया। इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान तक पहुंची तो अब कमलनाथ खेमा इस माहौल को बदलना चाहता है। चर्चा है कि अब कमलनाथ राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक दिखाई देना चाहते हैं।

और अंत में….
एक फोटो ने मप्र के अनेक नेताओं की नींद उड़ा दी है। कई नेता इस फोटो और उसके पीछे छुपे संदेश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह चर्चित फोटो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार का है। मोदी बड़ी गर्मजोशी से ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां, पत्नी और बेटे से मिलते दिखाई दे रहे हैं। नेताओं को हैरानी इस बात की है कि पिछले 8 साल में मोदी ने मप्र के किसी अन्य नेता को इस तरह परिवार सहित बुलाकर फोटो नहीं खिंचवाए हैं। यह फोटो मप्र में भाजपा की राजनीति की कोई नई पटकथा तो नहीं लिख रहा है!