Ravish Left NDTV : रवीश ने भी NDTV छोड़ा, अब कोई ये चैनल क्यों देखेगा!
New Delhi : हिंदी में ख़बरों के टेलीविजन चैनलों में सबसे असरदार माने जाने वाले NDTV से रवीश कुमार ने भी चैनल से इस्तीफ़ा दे दिया। सिर्फ उन्होंने ही नहीं कई और लोगों ने भी चैनल छोड़ दिया। इससे एक दिन पहले प्रणय रॉय और राधिका रॉय भी NDTV बोर्ड छोड़ दिया था। बुधवार शाम इस हिंदी चैनल के सबसे जानदार और प्रभावशाली पत्रकार रवीश कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया।
वे चैनल पर हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और ‘प्राइम टाइम’ जैसे कई लोकप्रिय शो होस्ट कर चुके हैं। गौतम अडानी की NDTV में एंट्री के बाद यहां इस्तीफों का दौर शुरू हो गया। रवीश कुमार मोदी सरकार की प्रशंसा करने वाले मीडिया संस्थानों को गोदी मीडिया कहकर बुलाते हैं। रवीश की इस टिप्पणी की वजह से भी वह सोशल मीडिया में आए दिन आलोचना का शिकार होते रहते हैं।
रवीश कुमार की पहचान निर्भीक पत्रकार के रूप में है, जो सत्ता की नीतियों पर हमेशा चोट करते रहे हैं और प्रेस की आजादी पर हमलों के आलोचक रहे हैं। उन्होंने युवाओं में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने ही ‘गोदी मीडिया’ टर्मिनोलॉजी गढ़ी जिसका आशय था सत्ता की गोद में बैठा मीडिया! उन्होंने स टर्म का प्रयोग उस मीडिया के लिए किया जो कथित रूप से सत्ता के पक्षधर होते हैं और उनकी भाषा बोलते हैं।
रवीश कुमार को 2019 में ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। इस सम्मान पाने वाले वे पांचवें भारतीय पत्रकार हैं। उन्हें उनकी पत्रकारिता के लिए दो बार रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड भी मिला है।
इस्तीफे की पुष्टि और बराबरी की बात
रवीश कुमार के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए चैनल ने एक आंतरिक मेल कहा कि उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया। NDTV ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह के मुताबिक ‘कुछ ही पत्रकार ऐसे हैं, जिन्होंने रवीश जितना प्रभाव लोगों पर छोड़ा। उनके बारे में लोगों की प्रतिक्रियाओं की ढेर में; भीड़ में जो उनके लिए जुट जाती है, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में; और अपनी दैनिक रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित हैं, में यह साफ झलकता है।’
सरकार के आलोचक हैं रवीश कुमार
हिंदी समाचार चैनलों में रवीश कुमार की पहचान सरकार के प्रखर आलोचक के तौर पर होती है। रवीश कुमार अपने प्राइम शो के दौरान सबसे ज्यादा केंद्र सरकार की नीतियों और बीजेपी की आलोचना करते दिखाई देते थे। रवीश के विरोधियों को इस बात की सबसे ज्यादा शिकायत है कि वे बीजेपी और केंद्र सरकार के अलावा अन्य किसी राजनीतिक दल और सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक रुख नहीं रखते हैं।