RBI ने ब्याज दर में लगातार दूसरी बार नहीं की बढ़ोतरी, EMI रहेगी जस की तस

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RBI ने ब्याज दर में लगातार दूसरी बार नहीं की बढ़ोतरी, EMI रहेगी जस की तस

भारतीय रिजर्व बैंक के तीन दिवसीय बैठक आज खत्म हो गई है। इस बैठक में लिये गए फैसलों की जानकारी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है।

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी आरबीआई एमपीसी ने ब्याज दरों में लगातार दूसरी बार कोई इजाफा नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर गर्वनर ने ऐलान करते हुए कहा कि इस बार भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं जा रही है.

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इससे पहले अप्रैल के महीने में भी ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं किया था. आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी फरवरी केमहीने में हुई थी.तब आरबीआई ने 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी.रहने की उम्मीद है.

मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. वहीं महंगाई दर भी 5 फीसदी से नीचे आ चुकी है. जीडीपी के आंकड़ें जो हालिया समय में देखने को मिले हैं वो उम्मीद से बेहतर दिखे हैं. साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में प्रोडक्शन कट के ऐलान के बावजूद भी 75 से 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास झूल रहे हैं.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ये राहत की बात है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और लचीली है. उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से जानते हैं कि ग्लोबल पॉलिसी नॉर्मल नहीं हुई है, लेकिन घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत हो रहे हैं. जिसकी वजह से पॉलिसी पैनल ने एक मत के साथ ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी पर बात करते हुए कहा कि भारत की वित्त वर्ष 2023 में रियल जीडीपी 7.2 फीसदी देखने को मिली जो पहले के 7 फीसदी के अनुमान से अधिक मजबूत है. यह अपने पूर्व-महामारी के लेवल को 10.1 फीसदी से पार कर गया है. सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी देखने को मिल सकती ह

आरबीआई ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर लगातार ब्याज दरों में इजाफा होने की वजह से ग्रोथ काफी काफी धीमी हो गई है. उसके बाद भी लेकिन अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि दुनिया भर में महंगाई टारगेट से ऊपर है. सीपीआई मुद्रास्फीति अभी भी हमारे 4 फीसदी लक्ष्य से ऊपर है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वानुमानों के अनुसार 2023-24 में इससे ऊपर रहेगी.

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत में, उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान कम हुई और 2022-23 में 6.7 फीसदी से गिरकर टॉलरेंस बैंड में आ गई है. हालांकि, हेडलाइन महंगाई अभी भी फ्रेश आंकड़ों के अनुसार लक्ष्य से ऊपर है और 2023-24 के लिए हमारे अनुमानों के अनुसार इसके बने रहने की उम्मीद है.

हमारे आकलन के अनुसार, 2023-24 के दौरान मुद्रास्फीति 4 फीसदी से ऊपर रहेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून की कल्पना करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 में सीपीआई इंफ्लेशन 5.1 फीसदी देखने को मिल सकती है.

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