उम्र 40 वर्ष, उपलब्धियां सैकड़ों… लेकिन जीवन को सार्थक करने का जज्बा हजार गुना ज्यादा। जी हां, हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में बात कर रहे हैं, जो मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर, आर्थिक राजधानी, स्वच्छता में नंबर वन, स्ट्रीट फूड में नंबर वन, वाटर सरप्लस में नंबर वन, वायु प्रदूषण निम्नता में नंबर वन शहर… का प्रथम नागरिक बना है। देखने में सहजता, सरलता और विनम्रता का पर्याय, पहली बार कोई मिले तो व्यक्ति के पद और कद का अंदाजा भी न लगा सके। हम बात कर रहे हैं इंदौर के प्रथम नागरिक, हाल ही में महापौर चुने गए पुष्यमित्र भार्गव की। नाम के मुताबिक अब वह इंदौर शहर के नागरिकों के सबसे अच्छे दोस्त बन गए हैं। ऐसे दोस्त जो किसी कार्यक्रम में पांच मिनट के लिए जाते हैं, तो जनसमुदाय जब तक उनके साथ सेल्फी नहीं ले लेता…तब तक जाने नहीं देता और वह भी तब तक वहां ठहरते ही हैं ताकि दोस्तों की इच्छा पूरी हो सके। लोकप्रियता का यह आलम पुष्यमित्र की जीत में भी साफ दिख चुका है। पुष्यमित्र ने अब पद के अनुरूप भी दोस्ती के मतलब को चरितार्थ करने वाले काम शुरू कर दिए हैं। वैसे अभी महापौर पद की शपथ लिए 23 दिन ही हुए हैं, लेकिन नवाचारों का सिलसिला जारी है। लक्ष्य यही है कि नागरिकों की सारी तकलीफें दूर हो जाएं और इंदौर ग्रीन सिटी बनकर देश का सर्वश्रेष्ठ आदर्श शहर बन जाए।
सबसे बड़ी बात है कि पुष्यमित्र जो कहते हैं, उसे अपने आचरण और व्यवहार से प्रदर्शित भी करते हैं। ग्रीन सिटी की कसौटी पर खरा उतरते हुए उन्होंने शपथ लेने के ठीक बाद ही अपनी सवारी के लिए इन्नोवा क्रिस्टा या किसी महंगी गाड़ी को नहीं चुना, बल्कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर का महापौर “इलेक्ट्रिक व्हीकल” की सवारी कर रहा है। और शहर में कोई विशिष्ट व्यक्ति आता है, तो उन्हें भी अपनी गाड़ी में बिठाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल के फायदे भी गिनाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सभी पुष्यमित्र के इस जज्बे के कायल हैं। रविवार को शहर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा पहुंचे, तो शहर में प्रवेश करते ही उन्हें भी इलेक्ट्रिक व्हीकल की सवारी का आनंद दिलाया। यही नहीं बल्कि पूरे दिन शहर में इसी वाहन की सवारी। 20-21 सितंबर को अहमदाबाद में देश के सभी भाजपा महापौर का सम्मेलन है, जिसमें पुष्यमित्र भार्गव सभी महापौर से इलेक्ट्रिक व्हीकल की सवारी का आग्रह करेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने उनसे यह आग्रह किया है। वैसे वह इसके कई फायदे बताते हैं। आर्थिक बचत ऐसी कि 300 रुपए चार्जिंग का खर्च और 250 किमी की यात्रा यानि एक रुपए बीस पैसे प्रति किमी का खर्च। दूसरा प्रदूषण से सौ फीसदी मुक्ति। तीसरा शहर में गली-गली में आसानी से पहुंच। चौथा ग्रीन सिटी का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी को प्रेरित करना। तो सबसे बड़ा लक्ष्य शहर को ट्रैफिक व्यवस्था में नंबर वन बनाना। तो है न जज्बा और जुनून, जो यह बता रहा है कि इंदौर की सर्वश्रेष्ठ बनने की यात्रा का नया सारथी उम्मीदों पर खरा उतरने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। अपने वाहन के साथ अब कचरा वाहनों को भी बैटरी से चलाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। अभी एक कचरा वाहन में एक दिन में 1200 रुपए का डीजल और महीने में 36000 का खर्च। बैटरी से चलने पर खर्च में बचत और प्रदूषण से मुक्ति।
तेईस दिन के दूसरे फैसले भी कमतर नहीं हैं। पर्यावरण मित्र की दृष्टि से दूसरा बड़ा फैसला यह कि शहर में नागरिकों के लिए “अहिल्या वन” तैयार करना। 102 “अहिल्या वन” चिन्हित और सूची तैयार है। जल्दी ही मुख्यमंत्री के हाथों यह लोकार्पित होंगे। इन वनों का संरक्षण नागरिक करेंगे, नगर निगम सहयोगी रहेगा। एक फैसला “ट्री एंबुलेंस” का, जिसमें पेड़ों में कीड़े लगने या सूखने पर एंबुलेंस मौके पर पहुंचकर उपचार करेगी। इस सुविधा को मेयर हेल्पलाइन में जोड़ा जाएगा। और दोस्तनुमा फैसला यह कि नगर निगम की सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल मोड पर लाया जाए ताकि नागरिकों को हर सुविधा उनके घर पर ही मिल जाए। तो एक और फैसला शहर में दिसंबर तक एक लाख नए घरों में नल का कनेक्शन पहुंचाना। उद्देश्य शहर को टैंकर फ्री करना। एक और लक्ष्य तय कि शहर के चौराहों और गलियों को भिक्षुओं से मुक्त करना। आग्रह यही कि इन्हें पैसे देकर भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देने की जगह इनके जीवन को बेहतर बनाया जाए। यह भी फैसला कि 1000 वर्ग फीट के प्लॉट के नक्शों की अनुमति 72 घंटे में दी जाए ताकि नागरिक बिल्डिंग परमिशन के तनाव से मुक्त हो जाएं। तो अन्य फैसला कि मजदूरों के बैठने के लिए शेड और पेयजल की व्यवस्था। हर विधानसभा में महापौर आदर्श स्कूल की व्यवस्था करना ताकि निजी सीबीएसई स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ सकें।
तो शहर को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए फैसले लेने का सिलसिला जारी है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की सवारी कर रहे पुष्यमित्र के फैसले बता रहे हैं कि वह इंदौर शहर के नागरिकों के अच्छे दोस्त साबित होंगे। तो स्वच्छता में नंबर वन शहर इंदौर की तरह वह महापौर के रूप में देश में मिसाल कायम करेंगे। तो इंदौर को नई ऊंचाई पर ले जाने को तैयार है “स्मार्ट सिटी का स्मार्ट महापौर”…फैसले जानकर भरोसा हो ही रहा है …।