Refusal to Resign : जले नोट कांड में जांच रिपोर्ट के बाद जस्टिस वर्मा का इस्तीफे से इंकार, मामला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को सौंपा!

जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ 'साजिश' बताया!

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Refusal to Resign : जले नोट कांड में जांच रिपोर्ट के बाद जस्टिस वर्मा का इस्तीफे से इंकार, मामला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को सौंपा!

New Delhi : भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में तीन सदस्यीय इन-हाउस जांच समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा के जवाब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया। यह कदम जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर 14 मार्च 2025 को आग लगने की घटना के बाद कथित रूप से नकदी बरामद होने के आरोपों की जांच के बाद उठाया गया।

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर नकदी मिलने के आरोपों को विश्वसनीय पाए जाने के बाद सीजेआई संजीव खन्ना ने उनसे इस्तीफा मांगा था। लेकिन, जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीजेआई ने जांच पैनल की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा के जवाब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भेज दी।

गुरुवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि सीजेआई ने इन-हाउस प्रक्रिया के संदर्भ में, राष्ट्रपति और पीएम दोनों को पत्र लिखा है। जिसमें न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से प्राप्त दिनांक 6.05.2025 के पत्र/प्रतिक्रिया के साथ दिनांक 03.05.2025 की 3-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की प्रति संलग्न है।

4 मई को सौंपी थी रिपोर्ट

जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन शामिल थे। पैनल ने 4 मई को अपनी रिपोर्ट सीजेआई को सौंपी थी। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के आवास पर नकदी की मौजूदगी की पुष्टि की गई, जबकि जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ ‘साजिश’ बताया था।

9 मई तक जवाब का दिया था समय

सीजेआई ने जस्टिस वर्मा को 9 मई तक जवाब देने का समय दिया था और अब यह मामला आगे की कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा गया है। इसके तहत, यदि जस्टिस वर्मा इस्तीफा देने से इनकार करते हैं, तो सीजेआई द्वारा संसद में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की जा सकती है।