Regional Defense MSME Conclave : इंदौर में आयोजित ‘डिफेंस कॉन्क्लेव’ में 15 कंपनियों ने दिखाई रक्षा तैयारियों की झलक!
Indore : सीआईआई ने पहली बार रीजनल डिफेंस एमएसएमई कॉन्क्लेव आयोजित की, जो पूरी तरह सफल रही। इस कॉन्क्लेव में रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी लगाने में गुजरात, पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की 15 कम्पनियों ने भागीदारी निभाई। इसमें सात कम्पनियां इंदौर की थी। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कॉन्क्लेव में जहां सैकड़ों दर्शकों ने रक्षा उपकरणों को देखा, वहीं इसमें रक्षा मंत्रालय और आर्मी के अफसर भी मौजूद थे। सीआईआई और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा रक्षा मंत्रालय और एमपी आईडीसी के साथ मिलकर आयोजित इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य एमएसएमई को रक्षा उपकरण बनाने के लिए बढ़ावा देना है।
सीआईआई ने जानकारी दी कि रक्षा उपकरण सहित वेपन्स सपोर्ट आइटम बनाने वाली 15 से ज्यादा कम्पनियों के हथियारों की प्रदर्शनी लगाई थी। रीजनल डिफेंस कॉन्क्लेव में हैदराबाद, मुम्बई, राजकोट, सूरत, जिकरपुरा, भोपाल, इन्दौर, पीथमपुर की कम्पनियों ने अपने-अपने रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन किया। इन कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इंदौर में पहली बार हमें जितना अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, उतना तो कभी दिल्ली या अन्य शहरों में लाखों रुपए खर्च कर प्रदर्शनी लगाने के बाद भी नहीं मिला।
अविन्य मिलटेक कम्पनी के सिद्धार्थ धवले ने बताया कि उनकी कम्पनी ने इस रीजनल डिफेंस कॉन्क्लेव में इलेक्ट्रो ऑप्टिक इंस्ट्रूमेंट्स प्रदर्शित किए थे। प्रदर्शनी में सभी कम्पनियों को बहुत सकारात्मक माहौल और परिणाम मिला। इस दौरान आतंकवादी हमलों के दौरान या जंग में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले हथियारों को सपोर्ट करने वाले रक्षा उपकरणों के अलावा स्वदेशीकरण से सम्बंधित सृजन पोर्टल का प्रजेंटेशन दिया, जिसमें 24 हजार से अधिक रक्षा उत्पादों की जानकारी उपलब्ध थी।
अत्याधुनिक रक्षा हथियार
यहां प्रदर्शित किए गए रक्षा उपकरणों में शरीर में घुसते ही ब्लास्ट हो जाने वाली बुलेट, ड्रोन को मार गिराने वाली लेजर से लेकर आर्मी-नेवी के लिए स्टील जैसी मजबूत रस्सी जैसे रक्षा उपकरण नजर आए। मौका था गुरुवार को शहर में आयोजित रीजनल डिफेन्स एमएसएमई कॉन्क्लेव का। कॉन्क्लेव में इंदौर और प्रदेश की कंपनियों द्वारा रक्षा विभाग को दिए जा रहे उपकरणों और टेक्नोलॉजी की प्रदर्शनी भी लगाई गई। मुख्य अतिथि रक्षा मंत्रालय की डिप्टी डायरेक्टर जनरल मुदिता मिश्रा ने इस मौके पर कहा, उद्योगपति सरकार को अपने उत्पाद सप्लाय करने के लिए सृजन पोर्टल का इस्तेमाल करें।
200 फीट गहराई में भी ड्रोन काम करेगा
इंदौर की कंपनी पाई सर्व ने ऐसे ड्रोन बनाए हैं, जिनमें एकसाथ 3 ग्रेनेड आ सकते हैं, जो दूर इलाकों में गिराने के लिए उपयोगी हैं। कंपनी ने ये ड्रोन भारतीय सेना के साथ ओडिशा पुलिस को भी दिए। यह कंपनी नेवी के लिए अंडरवाटर ड्रोन भी विकसित कर रही है, जो 200 फीट गहराई तक एक से दो घंटे तक चल सकता है। इसका इस्तेमाल नेवी के अलावा पानी में डूबी चीजों को ढूंढने के लिए किया जा सकता है। एक ड्रोन लंबी उड़ान के लिए बनाया जा रहा है, जो 2-3 घंटे तक हवा में रह सके। एक अन्य ड्रोन दूसरे ड्रोन को डिटेक्ट करने बनाया गया है।
जहाजों को बांधने वाली रस्सी
टफरोप ने नेवी के लिए ऐसी रस्सी बनाई है, जो स्टील जितनी मजबूत है। इसका इस्तेमाल बड़े जहाज को एंकर करने के लिए भी कर सकते हैं। इंदौर की ही साइंटेक कंपनी द्वारा आर्मी की सहायता के लिए नैनो ड्रोन बनाया जा रहा है। यह सिर्फ 115 ग्राम का है। ये ड्रोन न सिर्फ ऊंचाई पर उड़ सकता है बल्कि बहुत गरम और बहुत ठंडे स्थानों पर भी उड़ सकता है। इंदौर की कंपनी अविन्या मिलटेक बंदूकों और अन्य हथियारों पर निशाना लगाने के लिए इस्तेमाल लैंस और पार्ट्स बना रही है। अब तक ये पार्ट विदेश से मंगवाया जाता था।