Reprimand for Not Paying Compensation : महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं, UP सरकार को हाई कोर्ट की फटकार!  

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये को 'अस्थिर' और 'नागरिकों की पीड़ा के प्रति उदासीन' करार दिया!

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Reprimand for Not Paying Compensation : महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं, UP सरकार को हाई कोर्ट की फटकार!

 

Prayagraj : 29 जनवरी को महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान की रात हुई भगदड़ की त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिजनों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। अब महाकुंभ भगदड़ मामले में मुआवजे में देरी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। न्यायालय की अवकाश पीठ ने सरकार के रवैये को ‘अस्थिर’ और ‘नागरिकों की पीड़ा के प्रति उदासीन’ करार दिया है। न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने उदय प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सख्त टिप्पणी की है।

उदय प्रताप सिंह की पत्नी 52 वर्षीय सुनैना देवी की महाकुंभ में भगदड़ के दौरान उन्हें काफी गंभीर चोट आ जाने से उनकी मौत हुई थी। सबसे बड़ी बात तो तब हो गई ना तो शव का पोस्टमार्टम हुआ और न उनके परिवार वालों को प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी दी गई और मृतक को किस हालत में अस्पताल लाया गया। अदालत ने इस गंभीर चूक को मानते हुए सरकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

पीठ ने यह स्पष्ट किया कि जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा की थी, तो उसका समय बाद और गरिमा पूर्ण वितरण राज्य का पारंपरिक कर्तव्य बन जाता है ,न्यायालय ने कहा कि नागरिकों की कोई गलती नहीं थी और ऐसी त्रासदियों में राज्य का कर्तव्य है कि वह पीड़ित परिवारों की देखभाल और सहायता सुनिश्चित करें ,

कोर्ट ने मामले में चिकित्सा संस्थानों जिला प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए यह निर्देश दिया है कि वह एक हलफनामा दाखिल करें 29 जनवरी में जो भी भगदड़ के दौरान सभी शवों और मरीजों की तिथि अनुसार जानकारी शामिल होनी चाहिए। इसके साथ ही साथ उन डॉक्टरों की डिटेल्स भी होनी चाहिए जिन्होंने घायलों का उपचार किया और भगदड़ के दौरान जिन्हें मृत घोषित किया गया। न्यायालय ने राज्य सरकार को मुआवजे से संबंधित प्राप्त और लंबित सभी दावों का बुरा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार नागरिकों की दृष्टि के रूप में कार्य करती है और उसे पीड़िता के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

दूसरे अमृत स्नान पर हुई भगदड़ 

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान यानी मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। इस दौरान जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे, तभी भगदड़ हुई। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई, जबकि 90 से ज्यादा घायल हुए थे। वहीं यूपी सरकार ने इस घटना के मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया था।