Resignation Accepted : रेलवे ने विनेश और बजरंग का इस्तीफा मंजूर किया, अब विनेश का चुनाव लड़ना तय!

पहले विनेश का इस्तीफ़ा मंजूर नहीं होने पर चुनाव लड़ना संभव नहीं लग रहा था!

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Resignation Accepted : रेलवे ने विनेश और बजरंग का इस्तीफा मंजूर किया, अब विनेश का चुनाव लड़ना तय!

New Delhi : पहलवान विनेश फोगाट और पहलवान बजरंग पूनिया का इस्तीफा रेलवे ने स्वीकार कर लिया। फोगाट को चुनाव लड़ने के लिए रेलवे की तरफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी था। पहले रेलवे ने विनेश का इस्तीफा मंजूर न करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इससे संशय था कि वे हरियाणा से चुनाव लड़ सकेंगी या नहीं, पर अब ये अड़चन दूर हो गई और चुनाव को लेकर संशय भी खत्म हो गया।

रेलवे की ओर से इस्तीफा मंजूर किए जाने की जानकारी मिलने के बाद अब असमंजस नहीं रहा। रेलवे ने विनेश और पहलवान बजरंग पूनिया का इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। फोगाट को चुनाव लड़ने के लिए रेलवे की तरफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी था। रेलवे नियमों के अनुसार, नौकरी छोड़ने के लिए तीन माह पहले नोटिस देना होता है। माना जा रहा था कि रेलवे ने नामांकन प्रक्रिया की आखिरी तारीख 12 सितंबर तक एनओसी नहीं दिया, तो विनेश चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। विनेश को कांग्रेस ने हरियाणा की जुलाना विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। जबकि, बजरंग को राष्ट्रीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

विनेश और पूनिया रेलवे में खेल विभाग के अधिकारी पद पर थे। दोनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस्तीफा स्वीकार किए जाने की थी। शनिवार दिनभर गहमागहमी के बाद देर रात रेलवे की ओर से इस्तीफा मंजूर होने के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है। माना जा रहा है कि राहत मिलने के बाद विनेश जल्द ही नामांकन दाखिल कर सकती हैं।

कारण बताओ नोटिस पर दिया था इस्तीफा

रेलवे बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि विनेश और बजरंग को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद 6 सितंबर को दोनों पहलवानों ने रेलवे में अपने पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली।

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राजनीतिक गतिविधि कर रहे पर बताया नहीं

रेलवे अधिकारियों ने पहले कहा था कि प्रथम दृष्टया पता चला है कि दोनों पहलवानों ने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया। जबकि, उनकी राजनीतिक गतिविधियां सामने आई हैं। रेलवे अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का भी इच्छुक नहीं था। हालांकि, इस्तीफा स्वीकार होने के बाद विनेश के हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया।

पहले रेलवे ने पेंच फंसाया था

पहले रेलवे ने उनसे इस्तीफा देने का कारण जानना चाहा था। रेलवे के नियमों के अनुसार, रेलवे कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देने के बाद तीन महीने के नोटिस पीरियड को पूरा करना जरूरी होता है। इसलिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के द्वारा इस्तीफा भेजने के बाद एक कारण बताओं नोटिस दिया गया था।

विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का जवाब मिलने के बाद रेलवे दोनों को कार्यमुक्त कर सकती है। इस्तीफा मानदंडों में ढील देने का फैसला भी कर सकती है। दोनों की सियासी पारी में एक पेंच यह भी फंसा हुआ था कि कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी रहते हुए किसी राजनीति पार्टी को ज्वाइन नहीं कर सकता है। लेकिन, दोनों को रियायत देते हुए इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।