RGPV Scam : साढ़े 19 करोड़ के RGPV घोटाले में तत्कालीन VC निलंबित, 3 आरोपी फरार!

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RGPV Scam : साढ़े 19 करोड़ के RGPV घोटाले में तत्कालीन VC निलंबित, 3 आरोपी फरार!

Bhopal : तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के साढ़े 19 करोड़ के घोटाले में पूर्व कुलपति प्रो सुनील कुमार को निलंबित कर दिया। इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। इसके बाद सरकार जागी।

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने आदेश में लिखा कि प्रो सुनील कुमार के कुलपति रहते हुए यूनिवर्सिटी की राशि अनधिकृत और आपराधिक रूप से निजी खातों में डालने के आरोप प्राथमिक रूप से सही पाए गए। निलंबन अवधि में प्रो सुनील कुमार का मुख्यालय इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा रहेगा। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता रहेगी। इस मामले में पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत को पहले ही सरकार ने निलंबित कर दिया था।

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तीनों आरोपी फरार, लुकआउट नोटिस जारी

पूर्व कुलपति सुनील कुमार, रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, सेवानिवृत्ति फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा तीनों फरार है। तीनों पर पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ाकर 30 हजार रुपए करके लुकआउट नोटिस जारी किया है। साथ ही पुलिस आरोपियों की संपत्ति की कुर्की की भी तैयारी कर रही है। आरोपियों ने यूनिवर्सिटी के 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में डाले थे। इसकी जांच में पुष्टि हुई। इसके बाद मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की।

पुलिस ने फरार पूर्व कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार और सेवानिवृत्त फाइनेंस कंट्रोलर की तलाश में अलग-अलग टीमें बनाई है। यह टीमें लगातार आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी कर रही है। आरोपियों के परिजनों से भी पूछताछ कर उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने बैंक कर्मचारी आरोपी कुमार मंयक, दलित संघ सुहागपुर के सदस्य सुनील रघुवंशी और तत्कालीन एक्सिस बैंक के मैनेजर रामकुमार रघुवंशी को भी गिरफ्तार किया है।

एबीवीपी के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार जागी

आरजीपीवी घोटाले के एक महीने बाद भी न तो सरकार और न पुलिस ने आरोपियों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई की थी। इस मामले में एबीवीपी के सदस्यों ने पूर्व कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार और सेवानिवृत्त फाइनेंस कंट्रोलर को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया। इसके बाद पुलिस और सरकार दोनों ने गंभीरता दिखाई। पुलिस की तरफ से आरोपियों के परिजनों से पूछताछ की जा रही है।

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