Riboflavin Deficiency: आइये जानते है राइबोफ्लेविन की कमी (विटामिन B2 की कमी) से क्या होता है?

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Riboflavin Deficiency

Riboflavin Deficiency: आइये जानते है राइबोफ्लेविन की कमी (विटामिन B2 की कमी) से क्या होता है?

कई बार साधारण सी दिखने वाली बिमारी के पीछे पोषक तत्वों की कमी होती है और आमतौर पर राइबोफ्लेविन की कमी, विटामिन में कम आहार या अवशोषण विकार के कारण अन्य बी विटामिनों की कमी के साथ होती है।विटामिन राइबोफ्लेविन (विटामिन B2) कार्बोहाइड्रेट (ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए) और अमीनो एसिड (प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं) की प्रोसेसिंग (मेटाबोलिज्म/चयापचय) के लिए आवश्यक है। यह श्लेष्म झिल्ली/म्यूक्स मेम्ब्रेन (जैसे मुंह की अंदरूनी सतह को ढकने वाली परत) को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। राइबोफ्लेविन ज़हरीला नहीं होता है, इसलिए ज़्यादा मात्रा में राइबोफ्लेविन का सेवन करना चिंता का विषय नहीं है। राइबोफ्लेविन के अच्छे स्रोत हैं दूध, पनीर, लिवर, मांस, मछली, अंडे और फोर्टिफाइड अनाज।

  • लोगों के मुंह के कोनों और होंठों पर दर्द देने वाली दरारें हो जाती हैं, सिर पर पपड़ीदार पैच बन जाते हैं और मुंह और जीभ मैजेंटा रंग के हो जाते हैं।

    नाक के आसपास, नाक और होंठों के बीच, कान और पलकों पर और जननांग क्षेत्र में लाल, चिकने, पपड़ीदार (सेबोरिक) पैच दिखाई दे सकते हैं।

    राइबोफ्लेविन की कमी होने का निदान

  • इसका निदान लक्षणों, पेशाब की जांच और राइबोफ्लेविन सप्लीमेंट के लिए रोगी की प्रतिक्रिया के आधार पर किया जाता है।

राइबोफ्लेविन सप्लीमेंट की ज़्यादा खुराक, आमतौर पर मुख-मार्ग से ली जाती है, इसकी कमी को ठीक कर सकती है।

राइबोफ्लेविन की कमी आमतौर पर इन वजहों से होती है

  राइबोफ्लेविन की कमी का जोखिम इनके कारण बढ़ जाता है

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