

NSUI, सेवादल और महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की सुगबुगाहट तेज , दिल्ली में चल रहा मंथन
भोपाल: मध्य प्रदेश में अब कांग्रेस के सहयोगी संगठनों में बदलाव होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के बाद अब महिला कांग्रेस, सेवादल और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्षों को बदला जा सकता है। वहीं युवा कांग्रेस की दिल्ली में होल्ड पड़ी प्रदेश कार्यकारिणी को भी हरी झंडी मिल सकती है। यह भी संभावना है कि युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव के जरिए नया प्रदेश अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में फिर से पार्टी जा सकती है।
सूत्रों की मानी जाए तो एआईसीसी यहां पर कई और बदलाव करने की तैयारी में है। इसके चलते वह पार्टी के कुछ सहयोगी संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों को बदल सकता है। इसमें सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है। अभी योगेश यादव प्रदेश अध्यक्ष हैं, वे सेवादल को कई बार प्रदेश में लीड कर चुके हैं, लेकिन अब उनकी जगह पर किसी अन्य नेता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी तरह महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल को भी बदला जा सकता है। विभा पटेल को दो मार्च को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने पार्टी में महिलाओं की स्थिति को मजबूत किया और लगातार दौरे कर महिला कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास भी किया। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा अब तक दिल्ली विधानसभा के चुनाव में व्यस्त थी, अब उन्हें भी हर राज्य में अपने हिसाब से टीम बनाना है। उनसे प्रदेश की कई महिला नेता सीधी जुड़ी हुई हैं। इनमें से कुछ ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
क्या मध्यप्रदेश में कांग्रेस को अनुशासित कर पाएंगे हरीश चौधरी!
नए शिक्षण सत्र से पहले एनएसयूआई को भी मिलेगा नया अध्यक्ष
वहीं एनएसयूआई को भी जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। आशुतोष चौकसे को अध्यक्ष पद पर दो साल हो चुके हैं। एनएसयूआई में चुनाव से प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की परम्परा है, लेकिन चौकसे की यहां पर दिल्ली से नियुक्ति की गई थी। हालांकि उनकी कार्यकारिण दिल्ली ने होल्ड कर रखी है। नए शिक्षण सत्र से पहले पार्टी नया अध्यक्ष दे सकती है।
इनको कार्यकारिणी का इंतजार
इधर युवा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी भी लंबे समय से दिल्ली में अटकी हुई है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मितेंद्र यादव ने प्रदेश कार्यकारिणी बनाने के लिए कुछ नाम दिल्ली भेजे थे, जो लंबे समय से वहां पर होल्ड कर लिए गए हैं। युवा कांग्रेस में सभी चुनाव से प्रदेश अध्यक्ष चुना जाता है, लेकिन विक्रांत भूरिया चुनाव से ही प्रदेश अध्यक्ष बने थे, लेकिन बाद में मितेंद्र यादव को सीधे प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था।