Rural Transport Policy: विदिशा के बाद अब Tribal जिलों में दोड़ेंगे छोटे वाहन
भोपाल: विदिशा के बाद अब ट्रायवल जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्रामीण परिवहन नीति लागू करने हुए सात और बीस सीटर छोटे वाहन संचालित करने की तैयारी है। इन वाहनों को मोटरयान कर में तो छूट दी ही जा रही है अब यहां वाहन चलाने के लिए लाइसेंस लेने कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा छह माह नियमित वाहन संचालन पर होंने वाले नुकसान की भरपाई भी सरकार करेगी।
प्रदेश की ग्रामीण परिवहन नीति में बदलाव किया गया है। अब पायलेट प्रोजेक्ट के लिए ग्रामीण लोक सेवा वाहनों के लाइसेंस के लिए आवेदन पर कोई फीस नहीं ली जाएगी। परिवहन विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए है।
ग्रामीण परिवहन नीति के पॉयलट प्रोजेक्ट के अधीन संचालित ग्रामीण सेवा यानों की बैठक क्षमता सात यात्री और एक ड्राइवर तथा बीस यात्री और एक ड्राइवर तक रह सकेगी। इन वाहनों को बड़ी बसों के समय के हिसाब से परमिट जारी किए जाएंगे।
विदिशा में 76 ग्रामीण मार्गो पर दौड़ रहे वाहन-
विदिशा में ग्रामीण परिवहन नीति के तहत 76 मार्गो पर छोटे वाहन दौड़ रहे है। कुल एक हजार 513 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 546 गांवों के यात्रियों को इनसे परिवहन सुविधा प्राप्त हो रही है। इन ग्रामीण अंचलों में चार लाख 70 हजार रहवासियों को सुविधा हो गई है। इन क्षेत्रों में संचालित वाहनों के लिए रुरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इसमें नियमित छह माह तक वाहन संचालित करने पर यदि सीटें खाली रहती है तो उसके किराए की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इससे वाहन चालकों को तीन से चार हजार रुपए अतिरिक्त रुप से मिलेंगे।
*प्रादेशिक हेडर पर सिंबॉलिक फोटो*