खर्च पर शिकंजा,134 योजनाओं में फायनेंस की अनुमति के बाद ही खर्च कर सकेंगे विभाग

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Finance Department Issued Orders

खर्च पर शिकंजा,134 योजनाओं में फायनेंस की अनुमति के बाद ही खर्च कर सकेंगे विभाग

भोपाल: प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में मदद करने के लिए संचालित मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, उच्च शिक्षा के लिए गांव की बेटी योजना और प्रतिभाकिरण योजना, देश की सीमाओं का भ्रमण कराने शुरु की गई मां तुझे प्रणाम योजना, गरीबों को अनाज उपलब्ध कराने अन्नपूर्णा योजना,आपदा रोकथाम, बेरोजगारों का प्रशिक्षण जैसी योजनाओं पर विभाग अब खुलकर सीधे खर्च नहीं कर पाएंगे बल्कि इनके लिए अब विभागों को फायनेंस से अनुमति लेना होगा। 41 विभागों की 134 योजनाओं के लिए खर्च पर वित्त विभाग ने शिंकजा कसते हुए इनके लिए वित्त से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है।

संचालक बजट आइरीन सिंथिया ने 41 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव तथा बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चालू वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में वे उनके विभागों के अंतर्गत संचालित 134 योजनाओं पर राशि खर्च करने के लिए पहले वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त करे उसके बाद ही इन योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा।

ये योजनाएं आएंगी दायरे में-
नगरीय विकास एवं आवास विभाग में हाउसिंग फार आॅल,स्वच्छ भारत अभियान,शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0, वाहन कर से नगरीय निकायों की सड़क मरम्मत हेतु अनुदान, स्थानीय निकायों को मूलभूत सेवाओं के लिए एकमुश्त अनुदान, अटल मिशन फार रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन योजनाएं इसके दायरे में आएंगी। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की निवेश प्रोत्साहन योजना, एमएसएमई की एमएसएमई प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन योजना, संस्कृति विभाग में समारोह के आयोजन के लिए अनुदान, पर्यटन क्षेत्र में प्रचार, प्रसार अनुदान, पर्यटन नीति के क्रियान्वयन जैसी योजनाएं इसके दायरे में आएंगी।

पढ़ने-बढ़ने की योजनाओं पर भी शिकंजा-
तकनीकी शिक्षा विभाग की मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, संकल्प प्रोजेक्ट, स्कूल शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट विद्यालयों को अनुदान, स्कूलों में पढ़ने लिखने की बैठक व्यवस्था और प्रयोगशाला, अधोसंरचना संरक्षण एवं विकास, उच्च शिक्षा के लिए गांव की बेटी, प्रतिभा किरण जैसी योजनाएं, विज्ञान को लोकप्रिय करने विज्ञान के प्रसार हेतु सहायता योजनाएं भी इसके दायरे में आएंगी।

गरीबों के अनाज, डिफालटर किसानों की ब्याज माफी,मां तुझे प्रणम योजना के लिए भी अनुमति जरुरी-
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा युवाओं को देश की सीमाओं के भ्रमण कराने शुरु की गई मां तुझे प्रणाम योजना, डिफाल्टर किसानों की ब्याज माफी समाधान योजना, गदरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए अन्नपूर्णा योजना , लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और फसल बीमा योजना के लिए भी भी वित्त की अनुमति जरुरी होगी।

फसल बीमा और आपदा खर्च भी दायरे में-
किसानों के लिए फसल बीमा योजना और राजस्व विभाग द्वारा आपराओं की रोकथाम के लिए किए जाने वाले खर्च,महिला बाल विकास की उदिता योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना, देवारण्य योजना, बेरोजगार युवाओं के प्रशिक्षण की योजनाओं और उर्जा साक्षरता अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर अब विभागों को वित्त की अनुमति के बाद ही खर्च करने की अनुमति मिल सकेगी।