RTI की जानकारी नहीं देना SDM और तहसीलदार को पड़ा महंगा, 25-25 हजार रूपए का जुर्माना

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Bhopal: SDM और तहसीलदार पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया जुर्माना

SDM और तहसीलदार पर 25-25 हजार रूपए का लगाया जुर्माना

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह की बड़ी कार्रवाई

RTI में अतिक्रमण के संबध में की गई शिकायत की नहीं दी थी जानकारी

तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा

इंफर्मेशन कमिश्नर राहुल सिंह ने कमिश्नर राजस्व विभाग भोपाल से की अनुशंसा

RTI में अतिक्रमण के संबध मे की गई शिकायत पर जानकारी नहीं देने पर राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने रीवा के SDM प्रमोद कुमार पांडे और तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वही सिंह ने एक और प्रकरण में अतिक्रमण हटाने के संबध में जानकारी नहीं देने पर तहसीलदार राकेश शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा कमिश्नर राजस्व विभाग भोपाल को की है।

रीवा के चाकघाट त्योंथर तहसील से ठाकुर प्रसाद नामदेव ने अपनी जमीन पर हुए अतिक्रमण को लेकर रीवा कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की थी जिस पर कमिश्नर कार्यालय ने रीवा कलेक्टर को निर्देशित करते हुए कार्रवाई के आदेश जारी किए थे ठाकुर प्रसाद नामदेव ने जब स्थानीय एसडीएम से जानकारी चाही कि उनके  द्वारा अतिक्रमण को हटाने के रीवा कमिश्नर के निर्देश पर क्या कार्रवाई की गई तो उन्होंने उसे कोई जवाब नहीं दिया। जबकि ठाकुर प्रसाद नामदेव द्वारा चाकघाट स्थित अपनी बेशकीमती जमीन शासन को दान भी दी है जिस पर अभी शासकीय 30 बेड का हॉस्पिटल संचालित है। जानकारी नहीं मिलने से परेशान ठाकुर प्रसाद नामदेव और उनकी बहू पोषमवती  द्वारा दो आरटीआई आवेदन दायर कर अतिक्रमण हटाने संबंधित कार्रवाई की जानकारी चाही थी। नामदेव ने भोपाल में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह से मिलकर प्रकरण में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

सिंह ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए समस्त दस्तावेजों को आयोग कार्यालय में तलब किया। सूचना आयुक्त की सुनवाई में यह खुलासा हुआ कि एक प्रकरण में  RTI आवेदन रीवा कलेक्टर कार्यालय में दायर किया गया था। इसमें आरटीआई आवेदक द्वारा यह जानकारी मांगी गई की मनगवा चाकघाट फोरलेन मार्ग की पटरी पर शासकीय आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई। क्योंकि कार्रवाई एसडीएम के स्तर पर सुनिश्चित हुई थी तो रीवा कलेक्टर कार्यालय से यह RTI आवेदन समय सीमा में कार्रवाई के लिए एसडीएम प्रमोद कुमार पांडे को भेज दिया गया था और प्रमोद कुमार पांडे ने भी इस आवेदन पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार राकेश शुक्ला को जानकारी देने के लिए आरटीआई आवेदन प्रेषित किया पर राकेश शुक्ला ने  कोई जानकारी नहीं दी इसके बाद इस प्रकरण में प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर कार्यालय ने जानकारी देने के निर्देश दिए और आयोग ने भी साथ में ही प्रकरण में सुनवाई के लिए अधिकारियों को तलब किया जिसके बाद तहसीलदार राकेश शुक्ला ने जानकारी को नामदेव को उपलब्ध कराया। इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए आयोग ने तहसीलदार राकेश शुक्ला को दोषी पाया और उनके विरुद्ध ₹25000 का जुर्माना लगाया।

वही नामदेव की बहू पोषमवती की ओर से दायर दूसरी आरटीआई में कमिश्नर कार्यालय से अतिक्रमण हटाने को लेकर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी। यह आरटीआई आवेदन सीधे प्रमोद कुमार पांडे के कार्यालय में लगाई गई पर इस आवेदन पर प्रमोद कुमार पांडे ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर कार्यालय रीवा के आदेश के बाद प्रमोद कुमार पांडे ने तहसीलदार राकेश शुक्ला को जानकारी देने के लिखा पर शुक्ला ने इस प्रकरण में भी लापरवाही करते हुए कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने राकेश शुक्ला और प्रमोद कुमार पांडे के विरुद्ध कार्रवाई की। सिंह ने प्रमोद कुमार पांडे के विरुद्ध ₹25000 का जुर्माना लगाया और राकेश शुक्ला के विरुद्ध  अनुशासनिक कार्रवाई के लिए राजस्व के कमिश्नर मंत्रालय भोपाल को अनुशंसा की है।

सिंह ने सुनवाई में स्पष्ट किया कि आरटीआई आवेदन दायर करने का यह मतलब नहीं है कि किसी अधिकारी को किसी कार्यवाही के लिए बाध्य किया जा सकता है। लेकिन एक आम आदमी RTI आवेदक  को यह जानने का हक़ है क्या कि शासन द्वारा की जा रही कार्रवाई की वस्तु स्थिति क्या है अगर कोई कार्यवाही नहीं भी की गई है तो यह भी जानने का हक आरटीआई आवेदक को है और उसे 30 दिन की निर्धारित समय सीमा में सूचित किया जाना चाहिए था।