Search of Purkayastha’s Premises : ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक पुरकायस्थ के परिसरों की तलाशी!

सहयोगियों के साथ कथित तौर पर FCRA के प्रावधानों का उल्लंघन किया!

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Search of Purkayastha’s Premises : ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक पुरकायस्थ के परिसरों की तलाशी!

New Delhi : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था। उसके बाद बुधवार को ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के परिसरों की तलाशी ली गई। दिल्ली पुलिस के अनुसार, मामले के आरोपियों ने राष्ट्र-विरोधी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची और फार्मास्युटिकल उद्योग और सरकार की नीतियों के खिलाफ झूठी कहानी गढ़कर राष्ट्रहित के खिलाफ काम किया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफआईआर में आरोपियों के रूप में कई लोगों के नाम शामिल हैं। पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ, वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स के प्रबंधक जेसन पफ़ेचर जिन्होंने न्यूज़क्लिक में निवेश किया और शंघाई स्थित अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम जिनकी फाउंडेशन WMH में मिलकियत है।

सीबीआई ने कहा कि दो स्थानों पर तलाशी ली गई। यह कदम पटियाला हाउस अदालत द्वारा प्रबीर पुरकायस्थ और समाचार पोर्टल के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले के तहत 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने के एक दिन बाद किया गया।

धन का अस्पष्ट निवेश
यह आरोप लगाया गया कि इस कंपनी को एफसीआरए प्रावधानों का उल्लंघन करके चार विदेशी संस्थाओं के माध्यम से लगभग 28.46 करोड़ रूपए का अस्पष्ट निर्यात आर्डर मिला था। गलत विवरण के जरिए करीब 9.59 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDR) की अस्पष्ट प्राप्ति हुई। सीबीआई के अनुसार इस निजी कंपनी के निदेशक ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ कथित तौर पर एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन किया था।

यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने एफसीआरए प्रावधानों का उल्लंघन किया। जबकि, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से ऑडियो-विज़ुअल समाचार या समसामयिक मामलों के कार्यक्रम के उत्पादन और प्रसारण में लगी किसी भी कंपनी द्वारा और किसी भी संवाददाता या स्तंभकार या लेखक या ऐसी कंपनी के मालिक द्वारा विदेशी योगदान स्वीकार करने पर रोक लगाता है। .

अदालत ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की रिमांड की मांग की। दिल्ली पुलिस के अनुसार इनके ई-मेल से पता चला कि वे सिंघम अन्य दो आरोपियों के सीधे संपर्क में थे। कथित तौर पर ईमेल के जरिए उन्हें चर्चा करते पाया गया कि कश्मीर के बिना भारत का नक्शा कैसे बनाया जाए, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को एक विवादित क्षेत्र के रूप में दर्शाया जाए।

विदेशी फंड अफरा-तफरी
रिमांड की कॉपी में कहा गया कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आरोपियों ने विदेशी फंड की आड़ में पीपीके न्यूज़क्लिक, जीएसपीएएन इंडिया, जेजे एंटरप्राइजेज, वर्चुनेट सिस्टम नामक कंपनियों में 115 करोड़ से अधिक का धन प्राप्त किया। पुलिस ने Xiaomi और Vivo जैसी चीनी टेलीकॉम कंपनियों को कानूनी सहायता प्रदान करने की साजिश का भी आरोप लगाया, जो भारत में कर चोरी के मामलों का सामना कर रही हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस हफ्ते की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने Vivo के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इसमें आरोप लगाया गया कि विवो इंडिया ने कई घरेलू निगमित कंपनियों में भारी घाटे का खुलासा करने और इस तरह भारत में करों का भुगतान करने से बचने के लिए अपनी बिक्री आय का लगभग 50% (62,476 करोड़) विदेशों में, मुख्य रूप से चीन को भेज दिया।

राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने राष्ट्र-विरोधी ताकतों के साथ साजिश में भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग और सरकार की नीतियों के खिलाफ झूठी कहानी को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय हित के खिलाफ भी काम किया। कानून और व्यवस्था की समस्याएं पैदा करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को कई सौ करोड़ का भारी नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों के आंदोलन को उकसाया, उसका समर्थन किया और वित्त पोषित किया। चीन से गुप्त रूप से लाए गए धन से जुड़े समाचार प्रकाशित किए। पुलिस का यह भी आरोप है कि पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म नामक एक समूह के साथ साजिश भी रची।