

भोपाल के पास के जंगल में बढ़ेगी बाघों की सुरक्षा, रात्रिकालीन गश्त की होगी निगरानी
भोपाल। राजधानी के पास के कलियासोत और केरवाके जंगलों में जंगल में धूम रहे बाघों की सुरक्षा के लिए की जा रही रात्रिकालीन गश्त की भी निगरानी की जाएगी। इस गश्त की औचक जांच करने वाले अधिकारियों का चार्ट बनाया जा रहा है। इस चार्ट के अनुरूप तय रात्रि में गश्त की निगरानी के लिए अधिकारी जंगलों में निकलेंगे और देखेंगे कि रात्रिकालीन गश्त करने वाला वन अमला कितना सजग है।
उठते रहे सवाल
शहर में बाघों की सुरक्षा के लिए की जाने वाली रात्रिकालीन गश्त पर सवाल उठते रहे हैं। कुछ बाघ मित्रों ने अधिकारियों को शिकायत की थी कि गश्त ठीक से और तय रूट के अनुरूप नहीं की जा रही है। संबंधित वन अधिकारी एक-दो चक्कर लगाते हैं और वाहन खड़ा करके सो जाते हैं। रात में शिकारी इसका फायदा उठा सकते हैं। इन शिकायतों के बाद भोपाल सामान्य वन मंडल के डीएफओ लोकप्रिय भारतीय ने कहा है कि रात्रिकालीन गश्त की निगरानी व्यवस्था को कड़ा किया जाए। जिन पाइंटों पर वन अमले की रात्रिकालीन गश्त तय की है वहां औचक निरीक्षण किए जाएं। इसकी रिपोर्ट बनाकर पेश की जाए।
इन क्षेत्रों में अधिक मूवमेंट
भोपाल सामान्य वन मंडल के केरवा, कलियासोत, मेंडोरा, 13 शटर गेट, दानिश पहाड़ी, केरवा पहाड़ी, केरवा डैम, 13 शटर गेट से जागरण लेकसिटी रोड, चंदनपुरा, मौत का कुआ, केरवा डैम से कोलार जाने वाले मार्ग और केरवा नर्सरी में बाघों का मूवमेंट है जहां पर बारिश के बाद शिकारी और अवैध रूप से लकड़ी काटने वाले सक्रिय हो जाते हैं। इनकी निगरानी के लिये अब नये सिरे से रूट प्लान बनाया जा रहा है।