एडहेसिव कंपनियों को सब्सिडी का यूरिया बेचने का खुलासा, कंपनी संचालक व सुपरवाइजर गिरफ्तार

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एडहेसिव कंपनियों को सब्सिडी का यूरिया बेचने का खुलासा, कंपनी संचालक व सुपरवाइजर गिरफ्तार

खरगोन: किसानों के लिए मिली सब्सिडी का यूरिया औद्योगिक उपयोग में खपाने का बड़ा खेल पकड़ा गया है। पुलिस ने खुलासा किया कि महाकाल ट्रेडर्स के संचालक और सुपरवाइजर सब्सिडी वाले यूरिया को पीसकर टेक्निकल ग्रेड में बदलते थे और उसे गुजरात की एडहेसिव बनाने वाली कंपनियों को महंगे दामों पर सप्लाई करते थे।

बलकवाड़ा थाना प्रभारी रितेश यादव ने बताया कि गुजरात के कच्छ निवासी संचालक महेंद्र दाफड़ा और भावनगर निवासी सुपरवाइजर सत्यजीत गोहिल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जांच में सामने आया कि यह गिरोह किसानों का सब्सिडी वाला नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड का यूरिया ऊंचे दामों पर खरीदकर फैक्ट्री में ग्राइंडिंग मशीन से पीसता था और उसे टेक्निकल ग्रेड यूरिया के रूप में पैक कर गुजरात मे एडहेसिव बनाने वाली कंपनियों को बेच देता था। इस सप्लाई चेन में मानपुर निवासी रजत अजमेरा भी शामिल था, जिसे पकड़ा जा चुका है। वह 266 रुपये प्रति बैग मिलने वाला यूरिया महेंद्र को 450 रुपये में बेचता था।

फैक्ट्री किराए पर देने वाले इंदौर निवासी दिनेश पाटीदार को पुल पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पाटीदार ने मई में फैक्ट्री महेंद्र को किराए पर दी थी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर यह अवैध प्रोसेस शुरू हुआ। इसके लिए बाकायदा अगस्त माह में रजिस्ट्रेशन भी कराया गया

किसान संघ की शिकायत पर कृषि विभाग ने 28 नवंबर को महाकाल ट्रेडर्स की फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां से नेशनल फर्टिलाइज़र लिमिटेड के पैक्ड यूरिया, बड़ी मात्रा में पिसा हुआ यूरिया, खाली व भरे बैग, ग्राइंडिंग मशीन और एक मिनी ट्रक जब्त किया गया था। इसके बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया था।

पुलिस अब एडहेसिव कंपनियों सहित सभी खरीदारों की तलाश में जुटी है, जबकि कंपनी के खातों और दस्तावेजों की गहन जांच जारी है।