जूनियर अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने की पीड़ा, वरिष्ठ महिला IAS अधिकारी ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

अपने से जूनियर अधिकारी को CS बनाने से आहत है यह महिला अफसर

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शिमला: अपने से जूनियर अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने से आहत हिमाचल  प्रदेश की वरिष्ठ महिला IAS अधिकारी निशा सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से निशा सिंह ने मुख्य सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा खोल दिया है।
सीएम को लिखे पत्र में निशा सिंह ने साफ लिखा है कि एक जूनियर अधिकारी का अनुभव, जिससे मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है, मेरी तुलना में बहुत कम है वह मुझसे जुड़े सरकारी मामलों पर सीएम या मंत्री को कोई सलाह नहीं दे सकते।
निशा सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के सलाहकारों ने उन्हें पूरी तरह गुमराह किया है और मेरे पद का मजाक बनाकर रख दिया है। प्रशासन द्वारा बेहद कठोर और असंवेदनशील और अयोग्य रवैया अपनाया गया है। यहां से यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक ताकत के जरिए बेहद नीच रवैया और दिमाग की कमी को दर्शाया जा रहा है।
निशा सिंह ने 14 जुलाई 2022 का जिक्र करते हुए कहा कि मुझसे जूनियर अफसर को मुख्य सचिव के पद पर तैनात कर दिया गया। इसके पीछे भी सरकार की ओर से कोई ठोस कारण नहीं बताया गए। इसके बावजूद मैं अपनी ड्यूटी पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ करती रही।

 निशा सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में निम्न बिंदुओं को प्रमुख रूप से उठाया है:

-कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन को अधिसूचित नहीं किया गया है।
-कोई प्रशासनिक पदानुक्रम या विभागों का हवाला नहीं दिया गया है जो मुझे रिपोर्ट करेंगे।
-किसी भी प्रकार का कोई संस्थागत समर्थन अधिसूचित नहीं किया गया है।

मुझे आपत्ति है कि एक जूनियर अधिकारी का अनुभव जिसे मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है मेरी तुलना में बेहद कम है। वे मुझसे जुड़े सरकारी मामलों पर सीएम, मंत्री को सलाह नहीं दे सकते। वह मेरे मामलों में किस आधार पर हस्तक्षेप कर रहे हैं।

ऐसा लगता है कि वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था महिला अधिकारियों और आम महिलाओं के हितों के लिए बिल्कुल भी नहीं है। आईएएस एसोसिएशन का प्रेसीडेंट होने के नाते मेरे पास ऐसी बहुत सी आईएएस और एचएस महिला अधिकरी अपनी समस्याएं लेकर आती हैं जिनके साथ अन्याय हो रहा है। मैंने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए भरसक प्रयास किए हैं। यदि महिलाओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया और न्याय नहीं है तो महिला अधिकारी और आम महिलाएं कहां जाएं? बाकि फैसला मैं मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ती हूं।