Seoni Hawala robbery case : डीजीपी के निर्देश पर 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर

मुख्यमंत्री ने कहा-“कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”

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Seoni Hawala robbery case : डीजीपी के निर्देश पर 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर

 

Seoni: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का बहुचर्चित हवाला लूटकांड अब पुलिस विभाग और सरकार दोनों के लिए गले की हड्डी बन गया है। इस प्रकरण में डीजीपी कैलाश मकवाना ने सख्त कार्रवाई करते हुए सीएसपी समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र सहित कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी साफ शब्दों में कहा कि “कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

*घटना की पृष्ठभूमि*
8 अक्टूबर की रात कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही एक सफेद क्रेटा कार को सिवनी जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में पुलिस ने रोका। कार में हवाला के रूप में लगभग ₹2.96 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे थे। वाहन की जांच के दौरान दो संदिग्ध- इरफान पठान (औरंगाबाद, महाराष्ट्र) और शेख मुख्तार (जालना) मौके से फरार हो गए। जब कार की तलाशी ली गई, तो सीट के नीचे बने छिपे चैम्बर से 29 बंडलों में करीब ₹2.96 करोड़ रुपये बरामद हुए। पुलिस ने राशि को जब्त कर एसडीओपी कार्यालय में सुरक्षित रखा।

*पुलिस पर ही डकैती का आरोप*
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जब्त रकम का बड़ा हिस्सा, लगभग ₹1.5 करोड़ रुपये, रिकॉर्ड से गायब है। इस गुमराह करने वाली कार्रवाई और संदिग्ध गतिविधियों के चलते मामला पुलिस के भीतर ही डकैती और हवाला राशि की हेराफेरी का बन गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद डीजीपी मकवाना ने कठोर कदम उठाते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
इसके बाद थाना लखनवाड़ा में अपराध क्रमांक 473/2025 के तहत बीएनएस की धारा 310(2) (डकैती), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 140(3) (अपहरण), और 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।

*निलंबन और निरस्तीकरण की उलझन*
इस प्रकरण में बंडोल थाना प्रभारी चंद्रकिशोर सिरामे सहित कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। हालांकि, जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने टीआई सिरामे का निलंबन निरस्त कर दिया, जिससे पूरे पुलिस महकमे में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। इस निर्णय ने सरकार और विभाग, दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

*राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल*
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीधे हस्तक्षेप करते हुए निर्देश दिए कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएसपी पूजा पांडे के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
इस बीच, पुलिस विभाग के अंदर अनुशासन और जवाबदेही को लेकर भारी मंथन जारी है। सूत्रों के अनुसार, पांच पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है, जबकि बाकी से पूछताछ की जा रही है।

*बड़ा सवाल—कहां गया गायब पैसा?*
इस केस का सबसे अहम सवाल यही बना हुआ है कि जब्त ₹2.96 करोड़ रुपये में से केवल ₹1.45 करोड़ ही रिकॉर्ड में क्यों हैं? बाकी धनराशि कहां गई? जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह रकम जुआं और सट्टे के बड़े नेटवर्क से जुड़ी थी, जिसमें महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई शहरों के नाम शामिल हैं।

*छवि पर लगा दाग*
सिवनी हवाला कांड ने मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली और नैतिकता पर गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। एक ओर विभाग के भीतर ईमानदारी की कसौटी पर खरे उतरने वाले अधिकारी सवालों में हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार को भी जवाबदेही के घेरे में लाया जा रहा है।
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त करने तक की कार्रवाई संभव है।
यह मामला अब सिर्फ एक हवाला लूट नहीं, बल्कि पुलिस के भीतर जवाबदेही और साख की परीक्षा बन गया है।