Separate Bundelkhand : फिर उठी ‘पृथक बुंदेलखंड’ की आवाज, राजा बुंदेला ने दिल्ली से फूंका बिगुल, 12 अक्टूबर से पदयात्रा का ऐलान!

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Separate Bundelkhand : फिर उठी ‘पृथक बुंदेलखंड’ की आवाज, राजा बुंदेला ने दिल्ली से फूंका बिगुल, 12 अक्टूबर से पदयात्रा का ऐलान!

कई चरणों में उप्र व मप्र के बुंदेलखंड के 23 जिलों से होकर यह पदयात्रा गुजरेगी!

New Delhi : बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर ललितपुर से झाँसी तक की पहले चरण की पदयात्रा 12 अक्टूबर से निकाली जाएगी। इस पदयात्रा को लेकर बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चे के संयोजक राजा बुंदेला ने बुंदेलखंड राज्य बनने तक यह जनजागरण अभियान जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने दिल्ली प्रेस क्लब में इस बारे में पत्रकारों से चर्चा की।

इस अवसर पर उनके साथ झारखंड मुक्ति मोर्चे के उपाध्यक्ष रहे पूर्व सांसद सूरज मंडल, नोएडा के अपनों बुंदेलखंड ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश सक्सेना, बुंदेली सेना के संयोजक डॉ आश्रय सिंह (यात्रा संयोजक), प्रीतम सिंह लोधी, इं.मोहम्मद परवेज़, संत गुप्ता, नसीरउद्दीन सिद्दीकी, विनय तिवारी, सुशील द्विवेदी, दिनेश सिंह आदि मौजूद रहे। पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए राजा बुंदेला ने उत्तर प्रदेश के बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, झांसी जिलों और मध्य प्रदेश के सागर, दतिया, छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़ जिले तथा ग्वालियर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद का कुछ भू भाग मिलाकर पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने की वकालत की।

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बुंदेलखंड विकास बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष और अभिनेता राजा बुंदेला लम्बे समय से पृथक बुंदेलखंड राज्य की लड़ाई में शामिल हैं और इसे लेकर उन्होंने राजनीतिक व अराजनीतिक दोनों तरीकों से आंदोलन का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य बनाते समय केंद्र की अटलबिहारी वाजपेई सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्द बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने की भी कार्यवाई होगी। 2014 में झाँसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़ते समय पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी आश्वासन दिया था कि यदि वे जीतीं और पार्टी की सरकार बनी तो तीन साल के अंदर बुंदेलखंड राज्य का गठन कराएंगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा के एजेंडे में भी छोटे राज्य हैं तो फिर पार्टी को बुंदेलखंड राज्य के लिए पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की विरासत, संस्कृति, इतिहास, साहित्य भाषा, सभ्यता आदि अत्यंत समृद्ध, अनुपम तथा अन्य प्रांतों से भिन्न है। पर दो राज्यों में बंटे होने से यह क्षेत्र विपन्न है। बुंदेलखंड को अलग से स्वतंत्र पूर्ण राज्य की घोषणा के लिए हम संपूर्ण बुंदेलखंड वासियों ने पूर्णत: अहिंसक, शांतिपूर्ण आंदोलन प्रखर रूप से जागृत किया है। यह पदयात्रा उसी अभियान का अंग है। पहले चरण में इसे 23 अक्टूबर को झाँसी में समाप्त किया जाएगा। उसके बाद दिसंबर में झाँसी से उरई का अगला चरण निर्धारित है।

यह पदयात्रा बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के बैनर तले है जिसमें बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा, बुंदेलखंड विकास परिषद, बुंदेलखंड सांस्कृतिक मंच, बुंदेलखंड क्रांति दल, बुंदेली सेना, बुंदेलखंड विकास सेवा समिति, बुंदेलखंड जनशक्ति मोर्चा, हमाओ बुंदेलखंड, नोएडा लोकमंच, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति, बुंदेलखंड नवनिर्माण सेना, बुंदेलखंड जागृति संस्थान, बुंदेली वानर सेना, बुंदेलखंड मानस जन कल्याण समिति, बुंदेलखंड राज्य निर्माण संघर्ष समिति, बुंदेलखंड किसान मजदूर संघ, क्षत्रिय महासभा, ब्राह्मण महासभा, करणी सेना, बुंदेलखंड राज्य निर्माण समिति, उत्तर प्रदेश व्यापार महासंघ, बुंदेलखंड मानस जन कल्याण समिति सहित दो दर्जन संगठन शामिल हैं।