गंभीर लापरवाही,मुख्यालय हेल्प डेस्क का नंबर बंद और अधिवक्ता की बेटी से 2.17 लाख की हुई ऑनलाइन ठगी

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Khargone- Big Decision By Administration

*गंभीर लापरवाही,मुख्यालय हेल्प डेस्क का नंबर बंद और अधिवक्ता की बेटी से 2.17 लाख की हुई ऑनलाइन ठगी* 

इटारसी से वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट

इटारसी। शहर के जाने माने अधिवक्ता परिवार के सदस्य एडवोकेट संजय शर्मा की पत्नी व बेटी के बैंक खाते को हैक कर 2.17 लाख रुपए की रकम यूपीआई के जरिए निकालने का एक जटिल व सनसनीखेज मामला कल देर रात सामने आया है। हतप्रभ कर देने वाली बात यह है कि मां-बेटी के अलावा उनके एक नजदीकी रिश्तेदार के खाते भी ठगी की इस वारदात में हैक किए गए। हैकर ने फेडरल बैंक व एक्सिस बैंक के कुल तीन खातों से यह ठगी की। उसने पहले दो खातों से रुपए ट्रांसफर कर एडवोकेट की बेटी के खाते में डाले, फिर पूरी राशि,छोटे,छोटे अमाउंट में यूपीआई से अलग अलग नामों से ट्रांजेक्शन कर ली। आन लाइन ठगी का यह मामला 11वीं लाइन निवासी एडवोकेट संजय शर्मा के परिवार का है। उनकी पत्नी संगीता शर्मा के खाते के एक लाख पहले हैकर ने उनकी बेटी कृति के खाते में ट्रांसफर किए और उन्हें पता तक नहीं चला। कोई बैंक मेसेज नहीं आया। फिर दामाद के भाई अर्पित के खाते से भी 80 हजार रुपए इसी खाते में ट्रांसफर किए गए। फिर हैकर ने एडवोकेट की बेटी कृति शर्मा के खाते से 2 लाख 17 हजार रुपए,छोटे बड़े कुछ अलग अलग ट्रांजेक्शन कर आराम से बिना किसी जल्दबाजी या भय के,ऑनलाइन निकाल लिए। एडवोकेट को इस धोखाधड़ी का पता शनिवार को तब चला जब बैंक बंद था। बैंक के टोल फ्री नंबर पर शिकायत की। बैंक खाते सीज करवा दिए गए । रात में सिटी थाने में एक आवेदन देकर शिकायत दर्ज करवाई गई । अब सोमवार को बैंक खुलने पर पुलिस पूरे मामले की जांच करेगी। पर पूरे मामले में हैरत की बात यह रही कि हैकर ने तीनों एकाउंट को, हैक करने के बाद अलग अलग राशि क्यों नहीं निकाली? पहले दो खातों से रकम एक अन्य खाते में ट्रांसफर क्यों की? तीनों में से किसी को भी बैंक से राशि ट्रांसफर होने का कोई मैसेज क्यों नहीं आया? क्या हैकर शर्मा परिवार से परिचित था? एडवोकेट संजय शर्मा ने बताया कि उनको अनुमान यह लग रहा है कि बेटी कृति के खाते को पहले हैक कर उसके खाते से हुए ट्रांजेक्शन को देखकर ही हैकर ने पत्नी व दामाद के भाई के खाते भी हैक किए होंगे।

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संजय शर्मा के अनुसार संभवतः हैकर ने उनका स्वयं का एकाउंट भी हैक करने की कोशिश की पर सफल नहीं हुआ। सर्वाधिक हैरत की बात यह ज्ञात हुई कि निरंतर बढ़ती आन लाइन ठगी व बैंक एकाउंट्स हैकिंग के इस दौर में भी हमारा बैंकिंग सिस्टम कितना कमजोर व लापरवाह है। साइबर फ्रॉड होने पर शिकायत दर्ज करवाने 7049126590 पर डायल कर सूचना देने 24 घंटे की हेल्प डेस्क बनाई गई है। पर शनिवार रात करीब 10 बजे बात करने संजय शर्मा के साइबर फ्रॉड हेल्पडेस्क के नंबर पर कई बार कॉल करने पर भी नहीं लगा,सर्विस में नहीं है,ऐसा लगा। बैंक गार्ड नहीं मिलने से फेडरल बैंक इटारसी के बैंक मैनेजर का मोबाइल नंबर भी नहीं मिला। टाल फ्री कस्टूमर केयर पर बात कर शिकायत दर्ज कराई। बैंक लोकपाल को भी मेल कर शिकायत की। टी आई से जिले के साइबर क्राइम का नंबर मिला तो फिर उनको शिकायत दर्ज कराई। एक अधिवक्ता होने से वे इतना कुछ कर भी पाए। पर आम खाता धारक बेचारा क्या इतने एफर्ड कर सकता है?

ज्ञात रहे कि हाल ही में शहर के ही एक रेलवे ट्रैकमैन के साथ भी 10 हजार 236 की ऑनलाइन ठगी हुई थी। ट्रैकमैन संदीप यादव ने मीडिया को बताया था कि फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन जानकारी मांग रहे थे। इसी दौरान एटीएम कार्ड के 16 अंकों की जानकारी शेयर कर दी और उनके पीएनबी खाते से रुपए निकल गए।

एसपी गुरकरन सिंह ने मीडिया को बताया कि इमरजेंसी मोबाइल नंबर है। 24 घंटे में तीन शिफ्ट के लिए- अलग-अलग कर्मचारी इसे यूज करते हैं। नंबर स्विच ऑफ मिलने या नहीं लगने पर पर तत्काल नजदीकी थाने में शिकायत की जा सकती है। इसी तरह एक अन्य मामले में एक ठग ने अपने आपको रिश्तेदार बताकर जीवोदय संस्था में कार्यरत अतुल महोबिया को ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए लिंक भेजी और उस पर टच करने को कहा। लिंक पर टच करते ही खाते से रुपए कटने के मैसेज मोबाइल फोन पर आने लगे। लिंक 5 बार टच करने पर 39 हजार रुपए कट गए। पर इन दो आनलाइन ठगी की तुलना शर्मा परिवार से हुई ठगी से करें तो संजय शर्मा के अनुसार उनके तीनों ही रिश्तेदारों को जिनके साथ ठगी हुई,ऐसा कुछ नहीं हुआ। न तो किसी ने कोई कांटेक्ट किया, न ही कोई मैसेज आया, न ही तीनों ने किसी भी ऐसी संदेहास्पद लिंक को क्लिक किया। बेटी आन लाइन खरीदी जरूर करती रहती है।