Shameful Statement : IAS का लज्जास्पद बयान ‘2005 में 15% माताएं बेटियों को दूध पिलाती थी, अब 42%
Bhopal : बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0’ लॉन्च की। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मंच से महिला बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव IAS अशोक शाह ने ऐसा आपत्तिजनक बात कही, जिसे लेकर बवाल हो गया। कांग्रेस ने भी IAS के बयान पर आपत्ति जताई। पूर्व CM उमा भारती ने भी अफसर के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह बयान बेटी विरोधी, माता विरोधी और मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है।
ACS अशोक शाह ने कहा कि मेरा सभी माताओं से हाथ जोड़कर निवेदन है कि कृपया आप परिवार में इस बात पर विशेष ध्यान दें कि हमारी बालिकाएं पीछे क्यों रह जाती हैं! इसका कारण यह कि 2005 में सिर्फ 15% माताएं बेटियों को दूध पिलाती थीं। थोड़ी खुशी की बात की यह है कि आज 42% माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं। अगर जन्म के 6 महीने तक बेटियों को मां का दूध नहीं मिलता, तो वे हर दृष्टिकोण में पीछे रह जाती हैं। आप आगे आओ सरकार आपके आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण के लिए साथ खड़ी है। मैं ये नहीं कहता कि बेटों को दूध न पिलाओ, मैं ये कहता हूं कि बेटियों को भी पिलाना चाहिए, ये प्रण लेना पड़ेगा।
1. मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के क्रियान्वयन शुरू होने का स्वागत्। @OfficeofSSC
2. मध्य प्रदेश सरकार के इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा। @OfficeofSSC pic.twitter.com/88NBxjHNsy
— Uma Bharti (@umasribharti) November 3, 2022
उमा भारती ने नाराजगी जताई
भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अशोक शाह के इस बयान पर घोर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत व हास्यास्पद है। मुख्यमंत्री महिलाओं के सम्मान के लिए सजग व संवेदनशील हैं। जब मैंने फोन पर बात करके सीएम को यह बात बताई, तो वे इस कथन से असहमत के साथ आश्चर्यचकित भी थे। मुख्यमंत्री की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को ठीक से सुन नहीं पाए होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है CM इसे ठीक करने का कोई रास्ता निकाल लेंगे। IAS अधिकारी ने कहा है कि हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं! जबकि, 2005 से पहले यह 15% था। अगर यह बात सही है, तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी और मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है। अधिकारियों को बयान के प्रति सचेत व जिम्मेदार रहना चाहिए। अमीर हो या गरीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर मां अपने बच्चे को दूध पिलाती ही है। लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा। आखिर सारी महिलाएं बेटियां ही हैं, वो जिंदा कैसे रह गईं!
कांग्रेस ने भी बयान का विरोध किया
कांग्रेस ने भी IAS अधिकारी के इस बयान पर ऐतराज जताया। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि एक अधिकारी महिलाओं के लिए इतना लज्जाजनक और अपमानजनक बयान कैसे दे रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया कि ‘मुख्यमंत्री जी आपकी मौजूदगी में आपके विभाग के यह प्रमुख अधिकारी महिलाओं के लिए इतना लज्जा जनक और अपमानजनक बयान कैसे दे रहे है …? जरा इनसे पूछिए कि यह जानने का विभाग के पास कौन सा पैमाना है कि कौन सी मां बच्ची को स्तनपान कराती है और कौन सी नहीं …? आँकड़ा ये कहाँ से लाये …