Sharda Sinha Passes Away : बिहारी कोकिला शारदा सिन्हा का निधन, छठ पूजा से पहले ‘एम्स’ में आखिरी सांस ली!

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Sharda Sinha Passes Away : बिहारी कोकिला शारदा सिन्हा का निधन, छठ पूजा से पहले ‘एम्स’ में आखिरी सांस ली!

New Delhi : जानी-मानी लोक गीत गायिका और बिहार की स्‍वर कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्‍हा ने ‘एम्स’ में दम तोड़ दिया। वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थी। सात साल तक इस बीमारी जंग के बाद हारकर उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लोक गीत गायिका और खासकर अपने छठ गीतों के लिए दुनियाभर में जानी जाने वालीं शारदार सिन्हा कई दिनों से वो दिल्ली एम्स में भर्ती थीं।

लोक गायिका को 26 अक्टूबर की सुबह तबीयत बिगड़ने पर ‘एम्स’ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी सेहत में लगातार गिरावट देखी जा रही थी, जिसके चलते उन्हें मेडिकल ऑन्कोलॉजी वार्ड में भर्ती किया गया। पिछले कुछ समय से उन्हें खाने-पीने में कठिनाई हो रही थी, जिसके लिए उनका इलाज चल रहा था। उनकी स्थिति में कुछ सुधार आने पर 3 नवंबर को उन्हें आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। हालांकि, 4 नवंबर को ऑक्सीजन लेवल में भारी गिरावट के कारण उन्हें दोबारा आईसीयू में ले जाया गया। डॉक्टर उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए थे।

2017 से कैंसर से जूझ रही थीं

उनके बेटे अंशुमन ने पिछले दिनों वीडियो शेयर कर मां का हाल खुलकर बताया था। हालांकि, उन्होंने तब कहा था कि मां की हालत ठीक है और वो वेंटिलेटर पर नहीं हैं। उन्होंने तब लोगों को गलत खबरें न फैलाने की रिक्वेस्ट की थी। इसी दौरान उन्होंने मां की बीमारी के बारे में भी बातें की थी।

अंशुमन ने कहा था कि शारदा जी 2017 से मल्टिपल माइलोमा (ब्लड कैंसर) से लड़ाई लड़ रही हैं। हम परिवार के सभी लोग इस बात को जानते हैं। मां नहीं चाहती थीं, कि उनकी पर्सनल तकलीफ को सबके साथ शेयर करने की जरूरत है। मां का कहना था कि मैं अपना काम हमेशा करती रहूंगी और सबको अपना कष्ट बताना उनको पसंद नहीं। अंशुमन ने बताया था कि मां ने कभी ये प्रेफर नहीं किया कि उन्हें क्या तकलीफ है, क्या बीमारी है, इस बात की चर्चा करते हुए काम करें, ये उनको बिल्कुल पसंद नहीं था।

पति के निधन के बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ी

उन्होंने ये भी बताया था कि ये बीमारी तो उन्हें 2017 से थी। लेकिन उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब तब हुई, जब पिताजी का देहांत हुआ। इस घटना से उन्हें काफी धक्का लगा, उस शॉक ने उनके मनोबल को तोड़कर रख दिया। बेटे ने कहा था कि मां जिस गति से चल रही थीं अपने कार्य को ओर, पिता जी के जाने के बाद उसमें एक बहुत बड़ा झटका आया।

‘पद्मश्री’ और ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित

शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और मैथिली में काफी सारे लोकगीत गाए। उन्होंने बॉलीवुड में सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के भी गाने में अपनी आवाज दी है। संगीत की दुनिया में उनके अहम योगदान के लिए सिंगर को साल 1991 में ‘पद्मश्री’ और 2018 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा हमारे बीच अब भले नहीं रहीं, लेकिन उनकी वो आवाज कभी खत्म नहीं होगी जो छठ के दौरान घाटों पर सुनकर लोग भावविभोर हो उठते हैं। इनकी वो आवाज हमेशा गूंजती रहेगी। उनकी अद्भुत गायकी ने उन्हें लोक संगीत में एक अलग पहचान दिलाई थी, और उनका निधन संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा से फोन पर बात कर शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री ने इस कठिन समय में परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी शारदा सिन्हा का हालचाल जानने दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टरों और उनके परिजनों से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी शारदा सिन्हा से मिलने एम्स पहुंचे थे।