शिव ने बताया हिसाब, अब निगाह रखेंगे नाथ साब…

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शिव ने बताया हिसाब, अब निगाह रखेंगे नाथ साब…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हिसाब-किताब दे दिया है। 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ के निवेश प्रस्ताव की इच्छा निवेशकों ने जताई है। इससे 28 लाख 93 हजार 320 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बन रही है। इंदौर की कलेक्टरी छोड़कर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की जिम्मेदारी संभालने वाले तेजतर्रार आईएएस अधिकारी मनीष सिंह ने यहां भी सफलता का परचम फहरा दिया है। अब बारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की है कि वह उद्योगपति, राजनेता और विपक्ष के नजरिए से समिट की सफलता और असफलता की अपनी व्याख्या कर सकते हैं। दावे और उपलब्धियों के बीच के गैप पर अपनी विशेष टिप्पणी कर सकते हैं। यह निवेश की हकीकत है या निवेश का दिखावा है, अपना नजरिया पेश कर सकते हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पिछले पांच दिन सरकार के मेगा शो के रहे हैं। पहले तीन दिन प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की सफलता के रहे हैं, तो आखिरी दो दिन बहुप्रतीक्षित इंवेस्टर्स समिट के नाम रहे हैं। यह बात तो साफ है कि जब शिव ने हिसाब दे दिया है, तो अब नाथ बारीकी से निगाह भी रखेंगे और आगामी बजट सत्र में सरकार की समिट और निवेश के दावों पर अपनी जिज्ञासा भी प्रदर्शित करेंगे और आइना भी दिखाने में कसर नहीं छोड़ेंगे।
दो दिनी समिट‌ के बाद सीएम ने जो हिसाब दिया, वह यह कि हमारे पास इंटेशन ऑफ इंवेस्टमेंट आए हैं। मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग रु. 6 लाख 9 हजार 478 करोड़ के निवेश आए हैं, इनसे 11 लाख 84 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 2 लाख 80 हज़ार 753 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जिससे 4 लाख  50 हजार 127 लोगों को रोजगार मिलेगा। फूड प्रोसेसिंग, एग्री प्रोसेसिंग में 1 लाख 6 हजार 149 करोड़ का निवेश आया है, इससे 2 लाख 20 हजार 160 को रोजगार प्राप्त होगा। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में रु. 78 हज़ार 778 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 2,22,371 लोगों को रोजगार मिलेगा।रसायन एवं पेट्रोलियम के क्षेत्र में रु. 76769 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 71,704 लोगों को रोजगार मिलेगा। सर्विस सेक्टर में रु. 71,351 करोड़ का निवेश आया है जिससे 1,66,700 लोगों को रोजगार मिलेगा। ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग, इलेक्ट्रिक व्हिकल के क्षेत्र में रु.42254 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 69,962 लोगों को रोजगार मिलेगा। फार्मा एंड हेल्थकेयर में लगभग रु. 17,991 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 1,42,614 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग में रु. लगभग 17,916 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 56 हजार 373 लोगों को रोजगार मिलेगा। टेक्सटाइल एंड रेडीमेट गारमेंट क्षेत्र में रु. 16,914 करोड़ का निवेश मिला है, जिससे 1 लाख 13 हजार 502 लोगों को रोजगार मिलेगा। अन्य क्षेत्रों में रु. 1 लाख 25 हजार 855 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है। इससे 1 लाख 24 हजार 168 से अधिक रोजगार मिलेगा। यह तो संबंधित सेक्टर की बात हो गई, जिसमें नवकरणीय ऊर्जा ने बाजी मारी है।
SHIVRAJ
क्षेत्रीय दृष्टि से भी तस्वीर साफ की गई है कि मालवा-निमाड़ में 6 लाख 95 हजार 258 करोड़ रुपए निवेश के आशय पत्र मिले हैं। रीवा-शहडोल में 2 लाख 88 हजार 179 करोड़ रुपए का निवेश आया है। जबलपुर-सागर में 2 लाख 41 हजार 898 करोड़ रुपए का निवेश आया है।भोपाल-नर्मदापुरम में 1 लाख 65 हजार 59 करोड़ रूपए का निवेश इंटेंशन मिला है। ग्वालियर-चंबल में 1 लाख 52 हजार 147 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव पास हुए हैं। यानि जहां समिट हुई, उसी मालवा-निमाड क्षेत्र में निवेशकों का मन ज्यादा भरा है।
यह चुनावी वर्ष है और उसकी शुरुआत में हुई इंवेस्टर्स समिट का अलग ही महत्व है। सरकार की दृष्टि से समिट ऐतिहासिक उपलब्धि वाली साबित हो सकती है, तो विपक्ष की तीखी नजर इस उपलब्धि पर ग्रहण लगाने का कोई अवसर नहीं छोड़ेगी। तब खास तौर से जब उद्योगपतियों से नाथ का घरोबा जैसा है, तो उद्योग उनके रग-रग में रचा-बसा है। तो अजब-गजब मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को सजग रहना पड़ेगा। ताकि समिट के नाम पर विपक्ष अपना नया एजेंडा तैयार न कर सके। नाथ का उत्साह भावी मुख्यमंत्री के बतौर समझा जा सकता है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब समिट के बाद की परिस्थितियों, प्रतिक्रियाओं और उपलब्धियों से सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। मध्यप्रदेश के प्रति यदि उद्योगपतियों का भरोसा बना है तो फिर इस भरोसे को उद्योगों के रूप में मध्यप्रदेश की धरती पर नजर भी आना पड़ेगा। शिव ने हिसाब बता दिया है तो अब नाथ साब निगाह तो रखेंगे…।