रायसेन प्रशासन के लिए आज सोमवार का दिन चुनौती भरा हो सकता है। क्योंकि, उमा भारती ने 11 अप्रैल को रायसेन के किले में बने शिव मंदिर में जलाभिषेक करने का ऐलान किया। जबकि, आज ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रायसेन जिले के गैरतगंज में राज्य स्तरीय ‘जलाभिषेक अभियान’ का शुभारंभ करने वाले हैं। मसला इसलिए उलझता दिखाई दे रहा है, कि रायसेन प्रशासन ने उमा भारती के लिए किले का मंदिर खोलने से इंकार कर दिया। उन्होंने बकायदा चिट्ठी लिखकर इसकी सूचना भी दे दी।
जबकि, कहा जा रहा है कि रविवार को ओरछा में उमा भारती और मुख्यमंत्री के बीच आत्मीय मुलाकात हुई! मुद्दे की बात ये कि इस मुलाकात का असर क्या सोमवार को रायसेन में दिखाई देगा! उमा भारती के स्वभाव को देखते हुए लगता तो नहीं कि वे रायसेन जाना टालेंगी! क्योंकि, उन्होंने खुद भी अभी तक स्पष्ट नहीं किया कि वे प्रशासन की चिट्ठी के बाद रायसेन जाएंगी या नहीं! उमा भारती की तरफ से मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। यही कारण है कि संदेह की सुई अभी उमा भारती की तरफ झुकी हुई लग रही है।
ओरछा में रामनवमी के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री शामिल हुए। यहां उमा भारती भी पहुंची। दोनों के बीच सौजन्यता पूर्ण माहौल में बातचीत भी हुई! लेकिन, अभी कहा नहीं जा सकता कि ये कितनी सौजन्यता वाली थी! सोमवार को रायसेन में इसकी परतें खुलेंगी। क्योंकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बीच लम्बे समय से राजनीतिक द्वंद्व चल रहा है। शराबबंदी की मांग से शुरू हुए इस द्वंद ने कई मोड़ लिए। उमा भारती ने जिस तरह की अराजनीतिक लड़ाई शुरू की, उसका मकसद न तो सामाजिक लग रहा है न पूरी तरह राजनीतिक। ये साफ़-साफ़ अपनी जिद से सरकार को मुश्किल में डालने वाले कदम हैं। उनकी शराबबंदी की उनकी मांग ने अराजक मोड़ भी लिया, पर सरकार ने इसकी अनदेखी की! मुख्यमंत्री ने सारी बातों को सहजता से लिया, लेकिन उमा भारती की मांगों की फेहरिस्त बढ़ती चली गई!
अब उन्होंने रायसेन के किले में साल में एक बार खुलने वाले शिवजी का जलाभिषेक करने की आवाज बुलंद की। शिवपुराण के प्रवाचक प्रदीप मिश्रा की बात को उन्होंने आधार बनाया, जिन्होंने इस किले के शिव मंदिर को खोलने के लिए दिल्ली से भोपाल तक चिट्ठी लिखी है! इसके पीछे प्रदीप मिश्रा का मकसद क्या है, फ़िलहाल ये बहस का मुद्दा नहीं है! लेकिन, उमा भारती ने जिस तरह उस मुद्दे को पकड़कर सोमवार 11 अप्रैल को रायसेन जाने की बात कही, वो प्रशासन के लिए चिंता की बात है! मसला इसलिए उलझता नजर आ रहा है कि उसी दिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह रायसेन जिले के गैरतगंज में राज्य स्तर के ‘जल संसद’ कार्यक्रम का वर्चुअल अभियान शुरू करने वाले हैं। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भले ही वर्चुअल हो पर प्रशासन को तो मुस्तैद रहना ही है! ऐसे में उमा भारती के रायसेन आने से कोई गड़बड़ी होती है तो प्रशासन के लिए नई मुश्किल तो खड़ी होना ही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किले के उस शिव मंदिर में अभिषेक का ऐलान किया, जो बरसों से बंद है। उन्होंने ट्वीट करके अपने इरादे भी स्पष्ट किए! उन्होंने ट्वीट में लिखा ‘जब मैं 11 अप्रैल को उस सिद्ध शिवलिंग पर गंगोत्री से लाया हुआ गंगाजल चढ़ाऊंगी, तब राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, उनके दोनों मासूम बेटे, अबोध कन्या और मारे गए सैनिकों का तर्पण करूंगी। अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी।’ उनकी ट्वीट की भाषा उनके इरादे बताती है, कि वे क्या कुछ करना चाहती हैं! शराबबंदी की अपनी मांग पर भोपाल की एक शराब दुकान पर पत्थर फेंकने से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वे रायसेन में भी ऐसा कुछ कर दें, तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए! रायसेन प्रशासन ने किले को पुरातत्व विभाग के अधीन बताकर और मंदिर के साल में एक बार खुलने की चिट्ठी उमा भारती को भेजकर आग में घी डालने जैसा काम किया है!
पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी शिव मंदिर में अभिषेक की घोषणा के साथ यह भी जोड़ा कि नवरात्रि के तुरंत बाद भगवान शिव के अभिषेक की मान्यता है। वे सिद्ध मंदिर तलाश रही थीं, कि रायसेन के शिव मंदिर का पता चला। अब वे 11 अप्रैल को इसी शिव मंदिर में अभिषेक करेंगी। गंगोत्री से वे जो गंगाजल लाई हैं, उसी से शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगी। लेकिन, जब उन्हें पता चलेगा कि किले का दरवाजा उनके लिए 11 अप्रैल को नहीं खुलेगा तो उनकी प्रतिक्रिया कुछ भी हो सकती है।
दोनों नेताओं के बीच ट्विटर पर भी हमेशा ही खींचतान चलती रही है। कभी शिवराज और उमा भारती में आपसी स्नेह बरसता है, तो कभी जंग छिड़ी सी लगती है। कुछ दिन पहले उमा भारती ने कहा था कि शिवराज उनसे मीडिया के जरिए बात करते हैं। लेकिन, बाद में उनके सुर बदल गए। कहा कि शिवराज का मेरे प्रति स्नेह और उनके प्रति मेरे मन में सम्मान में कोई भी कमी कभी नहीं आ सकती। जवाब में शिवराज सिंह ने भी ट्वीट करके कहा कि उमा भारती मेरी बहन हैं। मैं सदैव से उनका बहुत सम्मान करता हूं। रविवार को फिर शिवराज सिंह और उमा भारती रामनवमी के मौके पर ओरछा में मिले! दोनों में आत्मीय मुलाकात भी हुई, पर ये कितनी आत्मीय थी और सौजन्य वाली थी सोमवार तक इंतजार करना होगा!