Shivsena : दोनों दावेदारों से छिना ‘शिवसेना’नाम और निशान, अब क्या होगा जानिए!

सोमवार दोपहर तक EC ने गुटों से अपना नया नाम और चुनाव चिन्ह मांगा

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Shivsena : दोनों दावेदारों से छिना ‘शिवसेना’नाम और निशान, अब क्या होगा जानिए!

Mumbai : असली शिवसेना के झगड़े में दोनों दावेदारों से पार्टी का चुनाव निशान छिन गया! भारत निर्वाचन आयोग ने (ECI) ने शनिवार को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह (धनुष-बाण) फ्रीज कर दिया। चुनाव आयोग के फैसले पर दोनों गुट विरोध में खड़े हो गए। उद्धव ठाकरे समर्थक इसे ‘अन्याय’ बता रहे हैं, वहीं शिंदे कैंप ने भी EC के सामने अपना पक्ष रखने की तैयारी कर ली। निर्वाचन आयोग का ये अंतरिम आदेश ऐसे समय आया, जब मुंबई के अंधेरी पूर्व में उपचुनाव होने वाले हैं। इस मुद्दे पर रविवार को दोपहर उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना बैठक करने जा रही है। वहीं, शिंदे अपने समर्थकों के साथ शाम 7 बजे मंथन करेंगे।

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शनिवार को ECI की तरफ से जारी अंतरिम आदेश ने दोनों गुटों से शिवसेना का नाम और चिन्ह इस्तेमाल करने का अधिकार छीन लिया। इस पर पूर्व लोकसभा सांसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ‘हैरानी’ जता रहे हैं। उन्होंने इसके तार राजनीतिक मकसद से जोड़े। पार्टी के लोकसभा सांसद अरविंद सावंत ने भी आरोप लगाया कि उद्धव गुट के जवाब और शिंदे कैंप की याचिका में से किसी पर भी जरूरी विचार नहीं किया गया। उन्होंने EC पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने शनिवार सुबह चुनाव आयोग के सामने हमारा जवाब दाखिल कर दिया था। शाम को नाम और चिन्ह फ्रीज करने का आदेश जारी हो गया। यह बगैर सुनवाई के हुआ है।

ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह अन्याय है।

शिंदे गुट पर निशाना साधा
शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया ‘खोखे वाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है।’ उन्होंने आगे कहा ‘हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच के साथ हैं। सत्यमेव जयते!’ आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है।

शिंदे गुट भी आगे आया
पार्टी का नाम और चिन्ह मिलने की उम्मीद लगाए शिंदे गुट को भी आयोग के फैसले से झटका लगा है। शनिवार को गुट ने कहा कि वे कानूनी सलाह लेंगे। दोनों गुटों ने रविवार को समर्थकों की बैठक बुलाई है। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा ‘हम बाला साहब के असली शिवसेना हैं और हमारा दावा धनुष और बाण चिन्ह पर है। हम चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे और भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा।’ उन्होंने दावा किया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा शिवसैनिक शिंदे के साथ हैं।

संकट दोनों गुटों के सामने
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अंतरिम आदेश जारी होने के बाद अब दोनों गुट शिवसेना का नाम और चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि, दोनों समूहों के पास आयोग से नया चिन्ह लेने का रास्ता बाकी है। आयोग ने उन्हें चुनाव चिन्ह के लिए विकल्प उपलब्ध कराए हैं। दोनों गुटों को सोमवार दोपहर एक बजे तक अपनी पसंद के तीन नाम और चिह्न भेजने होंगे।