Shortage of IAS Officers: MP में प्रशासनिक अमले की कमी, IAS अधिकारियों के 459 पद स्वीकृत, 390 ही पदस्थ! जरूरत है 594 पदों की!
सुरेश तिवारी की खास रिपोर्ट
Bhopal : मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में जिलों की संख्या बढ़ी है। याद किया जाए तो दर्जनभर नए जिले राजनीतिक कारणों से बनाए गए। राज्य में अब 55 जिले हो गए। मुद्दा यह है कि जिलों की बढ़ती संख्या से IAS अधिकारियों की संख्या मेल नहीं खा रही। पहले ही प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या निर्धारित से कम है, नए जिले बनने से यह संख्या और कम हो रही।
राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों का कैडर सिकुड़ रहा है, जिससे मौजूदा कार्य बल पर दबाव पड़ रहा है। मध्य प्रदेश में कई IAS अधिकारियों पर फ़िलहाल कई तरह की जिम्मेदारियों का बोझ है। कुछ को कई अतिरिक्त प्रभार संभालना पड़ रहे हैं। यह बढ़ता कामकाज राज्य के प्रशासन की कार्यक्षमता पर असर डाल रहा है,
राज्य सरकार की रोज-रोज होने वाली घोषणाओं से भी जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन प्रभावित होता है। अधिकारियों की कार्यक्षमता से वे जिम्मेदार अधिकारी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जो गंभीरता से दायित्व निभाते हैं। प्रदेश में IAS के 459 पद स्वीकृत हैं, लेकिन फ़िलहाल 390 पदों पर ही अधिकारी पदस्थ हैं, 69 पद खाली हैं। इसके अलावा मौजूदा कैडर के 42 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिससे यह संख्या और कम हो गई।
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*इस स्थिति से उठते गंभीर सवाल*
सरकार IAS अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए कब और क्या कदम उठाएगी, यह देखना जरूरी होगा। वर्तमान में अधिकारियों का बोझ कम करने के लिए स्वीकृत पद कब भरे जाएंगे , यह सवाल भी बेहद गंभीर है?
कामकाज के बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रदेश के कई अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की मांग कर रहे हैं। अब उन्हें किसी भी समय केंद्र सरकार में बुलाया जा सकता है। इसके अलावा, अगले पांच साल में 89 अधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इससे प्रशासनिक ताकत और कम हो जाएगी। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में IAS कैडर की आखिरी समीक्षा अगस्त 2022 में की थी, जिसमें कैडर की संख्या 459 निर्धारित की गई थी। लेकिन, इसे अभी तक संशोधित नहीं किया गया।
*कितने अधिकारी और कितने की कमी*
राज्य को अपने 55 जिलों, 55 जिला पंचायतों, 16 नगर निगमों और 10 संभागों के प्रबंधन के लिए 136 IAS अधिकारियों की आवश्यकता है। इसके अलावा राज्य के 56 विभागों में से प्रत्येक में लगभग 8 IAS अधिकारियों की आवश्यकता होती है, यानी कुल 448 जरूरत है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के कार्यालयों के लिए 10 अधिकारियों सहित राज्य को 594 IAS अधिकारियों की आवश्यकता है। प्रदेश के लिए वर्तमान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कोटा 99 है, जिसमें 42 अधिकारी पहले से ही प्रतिनियुक्ति पर हैं।
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