Shortage of Members in MP-PSC : मप्र लोक सेवा आयोग में सदस्यों की कमी से संकट!  

इस वजह से फैसले लेने में दिक्कत और परीक्षाओं में भी अनावश्यक देरी हो रही!

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Shortage of Members in MP-PSC : मप्र लोक सेवा आयोग में सदस्यों की कमी से संकट!  

Bhopal : मप्र लोक सेवा आयोग का काम प्रदेश में राज्य सेवा सहित अन्य श्रेणी की परीक्षाएं आयोजित करना है। आयोग डिप्टी कलेक्टर से लेकर प्रोफेसरों तक की नियुक्ति देने का काम करता है। इसके बाद भी आयोग खुद सदस्यों की नियुक्ति से जूझ रहा है। हालत यह है कि आयोग में सदस्यों के आधे पद खाली पड़े हैं।

मप्र पीएससी में तय सदस्यों की पर्याप्त संख्या होना बेहद जरूरी है। आयोग में सदस्यों की संख्या पांच निर्धारित हैं, लेकिन उनमें से दो पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक एवं अन्य पद भी खाली हैं। इन्हें भरने के लिए सरकार अब तक गंभीर नहीं है। इसके उलट पूर्ववर्ती सरकारों का पूरा फोकस सेवानिवृत्त अफसरों को उपकृत करने का बना रहा है।

माना जा रहा है कि नई सरकार इस मामले में जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर सकती है। फिलहाल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राजेश लाल मेहरा हैं। जो 15 दिसंबर 2021 से कार्यरत हैं। इसी तरह सदस्य के रूप में चंद्रशेखर रैकवार 10 जुलाई 2019 और डॉ कृष्ण कांत शर्मा 3 दिसंबर 2021 से हैं। जबकि, सदस्यों के दो पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं।

भर्ती पर ध्यान ही नहीं दिया

मप्र में लोक सेवा आयोग महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है। राज्य स्तरीय सेवा से जुड़े सभी प्रमुख प्रशासनिक पदों पर निष्पक्ष भर्ती का दायित्व इसी संस्था पर है। पीएससी ने हाल ही में 2019 की भर्ती परीक्षाओं का परिणाम घोषित किया है, देरी से परिणाम घोषित करने को लेकर संस्था चर्चा में है। जबकि संस्था में सदस्यों के अलावा भी अन्य पद खाली हैं। विभागीय अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। इस वजह से सरकार ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया था। अब इस मसले को जल्द ही मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।