Shortage of Staff in Excise Department : आबकारी विभाग के पास सिर्फ 50% अमला, इस कारण अवैध शराब का कारोबार बढ़ा!

विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के कई पद खाली, एक के पास कई प्रभार!

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Shortage of Staff in Excise Department : आबकारी विभाग के पास सिर्फ 50% अमला, इस कारण अवैध शराब का कारोबार बढ़ा!

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Bhopal : प्रदेश सरकार के सबसे कमाऊ विभागों में शामिल आबकारी विभाग को अमले की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर यह हो रहा है अवैध शराब के गोरखधंधे पर विभाग नकेल नहीं कस पा रहा। हालांकि गत वर्ष सरकार ने आबकारी विभाग में 200 कांस्टेबल की भर्ती निकाली थी। उसके बाद भी विभाग में आधे पद खाली पड़े हैं। इसका असर सरकार के राजस्व पर भी पड़ रहा है।
देशी और विदेशी शराब दुकानों की नीलामी के जरिए सरकार को हर साल 12 से 13 हजार करोड़ का टैक्स मिलता है। इसके बावजूद प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री पर आबकारी अमला रोक लगा पाने में नाकामयाब है। खासकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान तो करोड़ों लीटर अवैध शराब पकड़ी जाती है। लेकिन, सरकार को आबकारी अमले में भर्ती करने की कतई चिंता नहीं रहती।
गत वर्ष हुए विधानसभा और वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनाव में पकड़ी गई शराब इस बात का संकेत हैं कि मप्र में अवैध शराब का कारोबार किस तरह बेखौफ चल रहा है। वहीं होटलों-ढाबों में बिना लाइसेंस के शराब परोसी जा रही है। आबकारी विभाग के पास पूरा अमला होता तो ऐसी स्थिति निर्मित ही नहीं होती। करीब 12-13 हजार करोड़ की राजस्व कमाई करने वाले आबकारी विभाग में अमले को टोटा बना हुआ है।
विभाग के सामने अवैध शराब के धंधे को रोकने की चुनौती है। वहीं राजस्व आय को बरकरार रखना भी टेढ़ी खीर लग रही है। जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग में करीब 50 फीसदी अमला नहीं होने की वजह से अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगा पाना मुश्किल है।

एक अधिकारी के पास कई प्रभार
अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से जिलों में एक व्यक्ति के पास दो से तीन प्रभार हैं। वर्तमान में 157 जिला आबकारी अधिकारी, 289 उपनिरीक्षक, 117 मुख्य आरक्षक सहित अन्य संवर्ग के भी ढेरों पद खाली पड़े हुए हैं। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि फील्ड और दफ्तरों में खाली पदों के कारण विभाग में कुछ दिक्कतें हैं। अभी भर्ती के लिए भी कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है। आरक्षकों की कमी को दूर करने होमगार्ड जवानों की सेवाएं ली गई हैं। जल्द विभाग में भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जो अमला कार्य कर रहा है, उसके पास भी एक से अधिक प्रभार है। उपनिरीक्षक नहीं होने से फील्ड में प्रकरण भी दर्ज होने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यालय में भी कर्मचारियों की कमी है। प्रदेश सरकार ने 3 अगस्त 2021 में जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने और इस अपराध के लिए व्यक्ति के दोषी पाए जाने वा आजीवन कारावास या मृत्युदंड सहित न्यूनतम 20 लाख रुपए के जुमार्ने का प्रावधान किया गया है। हालांकि किसी आरोपी को मृत्युदंड की सजा नहीं सुनाई गई।