Ratlam News: कथा और सुमिरन ही समस्या समाधान का सबसे बड़ा उपाय- Shri Chidambaranand Saraswatiji
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
Ratlam:Shri Chidambaranand Saraswatiji; संतों के बिना भारतभूमि और संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। संत हमारे जीवन में सदैव प्रासंगिक है।विश्व के किसी भी राष्ट्र के पास भारत की तरह विलक्षण आध्यात्मिक और बौद्धिक संपदा नहीं है।
हमारे ऋषियों ने सहस्त्रों की वर्षो की कठोर तप आराधना से इस संस्कृति को पल्लवित और शोभित किया है। श्रीमद् भागवत कथा रूपी अमृत का रसपान करने से जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान मिल जाता है।
कथा और भगवान का नाम स्मरण ही समस्त समस्याओं के स्थायी समाधान का सबसे बड़ा उपाय है।
महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज(Shri Chidambaranand Saraswatiji )ने यह प्रेरक विचार दिए। वे अखंड ज्ञान आश्रम में ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द जी महाराज के 31 वे पुण्य स्मृति महोत्सव के दुसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करवा रहे थे।
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मुख्य यजमान श्रीमती मैनाबाई बंशीलाल अग्रवाल ने पोथी पूजन अर्चन एवं स्वामी जी का स्वागत किया।आश्रम सहसंचालक स्वामी श्री देव स्वरूपानन्द जी महाराज और स्वामी श्री वागदेवानन्द जी महाराज,उज्जैन ने स्वागत वंदन किया।
संत ही हरिद्वार है
Shri Chidambaranand Saraswatiji ने कहा संतों के प्रति हमारी निष्ठा कभी कम नहीं होना चाहिए।हम आधुनिक बने मगर अपनी संस्कृति और परम्पराओं से जुड़े रहे।
भगवान की कथा की महिमा से हमारे जीवन में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य को प्रकट करने वाले संत ही हरिद्वार है। संतों के द्वार से ही हरि के द्वार में प्रवेश मिलता है।
इसीलिए संतों को जंगम तीर्थ भी कहा जाता है क्योंकि वे जहां भी जाते है भगवान की कथा और सत्संग से भक्ति को ही जाग्रत करते है। देवर्षि नारद जी ने ऐसे संतों की महिमा खूब गाई है। भगवान ने संतों को अपना हृदय कहा है।
धर्म पर अडिग रहे
Shri Chidambaranand Saraswatiji ने कहा कि जीवन की समस्त व्यथाओं का अंत कथा ही करती है। कथा से समस्याओं का स्थायी समाधान मिलता है।
जीवन को झंझटों से मुक्त करने के लिए शास्त्र और संतों की वाणी का श्रद्धापूर्वक श्रवण करें। यदि आपकी धर्म में निष्ठा है तो ईश्वर आपकी अवश्य रक्षा करेंगे।
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यह विश्वास मैं आपको व्यासपीठ से दिलाता हूँ। आप किसी टोने टोटके के चक्कर में पड़कर मत उलझिए।
रतलाम के मीडिया की सकारात्मकता
स्वामीजी (Shri Chidambaranand Saraswatiji )ने कहा कि अच्छी बातों का हमेशा सुप्रचार होना चाहिए क्योंकि सुप्रचार के अभाव में समाज में दुष्प्रचार हावी होकर भटकाव ला देता है।
इस दिशा में रतलाम के मिडिया की सकारात्मकता अनुकरणीय और अभिनंदनीय है।
धर्म की बातों का जितना अधिक से अधिक प्रचार होगा समाज में उतना ही सकारात्मक और स्वस्थ्य वातावरण निर्मित होगा।
इन्होंने किया स्वागत
श्री कालिका माता सेवा मंडल अध्यक्ष राजाराम मोतियानी, श्री गढ़ कैलाश मंदिर समिति अध्यक्ष सतीश भारती, श्री राजपूत बोर्डिंग न्यास अध्यक्ष गोविन्द सिंहजी, श्री सज्जन क्षत्रिय समाज परिषद व भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लुनेरा, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जिलाध्यक्ष एवम भाजपा मंडल महामंत्री धर्मेन्द्र सिंह बागेड़ी, श्री हरिहर सेवा समिति अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट सहित संस्था पदाधिकारीगण व सदस्य, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, समाजसेवी अजीत सिंह बोरदिया, महिपालसिंह राठौर, प्रवीणसिंह जी, शेरसिंहजी, दिलीप सिंह राजावत, सोनूबना धारियाखेड़ी, राजू हांकी, वीडी नागर, वीडी शर्मा, विजय सिंह चौहान, दिनेश सोलंकी, निमिष व्यास, नरेंद्र उपाध्याय आदि ने शाल श्रीफल से स्वागत किया।
संचालन
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी, साहित्यकार, सेवानिवृत्त पुलिस अभियोजक कैलाश व्यास ने किया।