Sagar : मालथौन थाने के टोल नाका पर सागर पुलिस ने तस्करी के लिए ले जाई जा रही लगभग ढाई क्विंटल चांदी के जेवर पकड़े थे। लेकिन, इस मामले को रफा-दफा करने के आरोप लगे। अब ये मामला खुल गया और SP ने इसकी जांच की घोषणा की। लेकिन, सागर पुलिस के फर्जीवाड़े को लेकर मामले ने तूल पकड़ लिया। अब इस मामले में गृहमंत्री ने भी सागर SP को जांच के आदेश दिए हैं।
तीन दिन पहले सागर के मालथौन थाना क्षेत्र के नेशनल टोल प्लाजा पर एक निजी वाहन में सागर जिले के कई थाना क्षेत्रों के पुलिस कर्मियों ने चेंकिंग के नाम पर तस्करी के लिए ले जा रही ढाई क्विंटल चांदी के जेवर पकड़े थे। लेकिन, मामला दर्ज करने के बजाए इन जेवरों को पुलिस ने कथित रूप से पैसे लेकर छोड़ दिया। इस मामले के वायरल होने से सागर पुलिस की किरकिरी हुई।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कुछ जानकारियों के आधार पर सागर के SP तरुण नायक ने संज्ञान लिया तो सभी के होश उड़ गए। दरअसल, मामला बहुत ही संदिग्ध है। 11 और 12 सितंबर की दरमियानी रात 4 आरक्षकों की टीम ने UP के ललितपुर की और से आ रही एक सफेद रंग की हुंडई वरना कार को रोका। इसमें सागर के 4 सराफा व्यापारी रामस्वरूप, सच्चू, विमल और दीना सवार थे। इनमें से विमल नाम के व्यापारी को एक साल पहले भी इसी प्रकार के मामले में पकड़ा जा चुका है।
आरक्षक सभी को अन्य जगह ले गए जहां उस तस्करी की चांदी के बदले कथित लेनदेन किया गया। इसके बाद इन व्यापारियों को जाने दिया गया। SP एसपी तरुण नायक ने इस मामले जांच के लिए जब टोल नाका के CCTV फुटेज खंगाले तो उसमें आरक्षक थाना महाराजपुर में पदस्थ प्रदीप शर्मा, भानगढ़ थाना का आशीष गौतम, शाहगढ़ थाना से मुकेश और खुरई देहात थाना में पदस्थ अमित चौबे की भूमिका नजर आई।
बताया जा रहा है कि सागर जिले के दो थाना प्रभारियों द्वारा इस पूरे मामले को बाहर से नियंत्रित किया जा रहा था। यह पुलिस आरक्षकों की टीम है, जिसका गठन सागर के बांदरी थाना क्षेत्र में सरपंच अशोक चौबे की हत्या के मामले में गठन किया गया था। हालांकि SP ने इस टीम को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। शुरू में जब मीडिया ने संबंधित मालथौन थाना प्रभारी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। यहाँ तक कि खुरई SDOP, एडिशनल SP को भी इस मामले की जानकारी नहीं थी। फिलहाल इस मामले की जांच खुरई SDOP सुमित केरकेट्टा कर रहे हैं।
इस मामले में जांच अधिकारी SDOP खुरई सुमित केरकेट्टा का कहना है कि जब भी कोई चेकिंग नेशनल हाईवे या टोल नाकों पर लगाई जाती है, तब किसी अधिकारी का आदेश होता है। लेकिन, इस मामले में किसी भी अधिकारी ने चेकिंग के आदेश जारी नहीं किए थे। यहां तक कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। SDOP का कहना है कि दो दिनों में जांच सामने आ जाएगी। पुलिस आरक्षकों से भी पूछताछ चल रही है।
इस मामले में सागर पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है। मामले ने तूल पकड़ा तो गृहमंत्री का भी बयान सामने आ गया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस मामले में सागर SP को जांच के आदेश दिए हैं। दो दिनों में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।