Silver Screen: फिल्म इतिहास की कई सीढ़ियां चढ़कर ‘स्त्री-2’ ने कमाई का रिकॉर्ड बनाया!

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Silver Screen: फिल्म इतिहास की कई सीढ़ियां चढ़कर ‘स्त्री-2’ ने कमाई का रिकॉर्ड बनाया!

जब भी कोई फिल्म बनती है, उसके फिल्मकारों की चाह होती है कि उनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े। कुछ फ़िल्में ये कारनामा कर भी देती हैं। लेकिन, हर फिल्मकार की चाह पूरी नहीं होती। कई बार तो अप्रत्याशित रूप कुछ ऐसी फ़िल्में जरूर प्रदर्शित होती हैं, जो सफलता का रिकॉर्ड बनाकर चौंका देती है। फिल्म इतिहास में ऐसी कई फ़िल्में हैं, जो दर्शकों की पसंद पर खरी उतरी, पर उनकी संख्या सीमित है। यह बात आज के संदर्भ में की जाए तो ‘स्त्री-2’ ने वास्तव में चौंकाने वाला काम किया। इस फिल्म ने बिना बड़े सितारों, बिना एक्शन और बगैर धमाकेदार कहानी के कमाई का जो रिकॉर्ड बनाया वो अद्भुत ही कहा जाएगा।

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पठान, जवान, गदर-2′ और ‘एनिमल’ ने जब 500 करोड़ का आंकड़ा पार किया, तो लगा था कि कुछ सालों तक ये रिकॉर्ड शायद ही कोई फिल्म तोड़ सकेगी। लेकिन, ‘स्त्री-2’ ने इससे आगे छलांग लगा ली। तेलुगू में बनी ‘बाहुबली-2’ ने 2017 में 511 करोड़ रुपए की कमाई करके सबसे बड़ी हिंदी फिल्म का गौरव बनाया था। इस रिकॉर्ड को तोड़ने में 6 साल लगे। शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ ने ये रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद उनकी अगली फिल्म ‘जवान’ ने भी सबसे बड़ी हिंदी फिल्म होने का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद दो और धमाके ‘गदर 2’ और ‘एनिमल’ ने किए और हिंदी में 500 करोड़ का आंकड़ा पार किया। मगर ‘स्त्री-2’ ने सबको पीछे छोड़ दिया।

एक बात यह भी कि ‘जवान’ ने 584 करोड़ कमाने में 5 सप्ताह का समय लिया। लेकिन, ‘स्त्री-2’ को 586 करोड़ तक पहुंचने में सिर्फ 34 लगे। अभी तक कोई भी हिंदी फिल्म भारत में 600 करोड़ का कलेक्शन नहीं कर पाई है। मगर, ‘स्त्री-2’ यह कमाल कर लेगी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी कमाई की गारंटी एक्शन-ड्रामा फिल्मों को माना जाता रहा है। 500 करोड़ कमाने वाली फिल्में पठान, जवान, गदर-2 और ‘एनिमल’ थी और ये सभी एक्शन फ़िल्में रहीं। लेकिन, अब एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘स्त्री 2’ ने ऊंचाई हासिल की और 600 करोड़ पार करने के मुहाने पर है। जबकि, इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड 798.75 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर लिया। सच ये भी है कि यह फिल्म 50 करोड़ के बजट में बनी है।
फिल्म के कलाकार राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर इतने बड़े सितारे भी नहीं हैं कि कोई उनकी वजह से फिल्म देखने जाए। ‘स्त्री-2’ हिंदी की नंबर वन फिल्म बन गई, जिसने शाहरुख़ की ‘जवान’ के साथ सलमान खान की ‘टाइगर’ को भी मात दे दी। कहा जाता है कि दुनिया में स्त्री चाहे तो कुछ भी कर सकती है। उसके सामने कई बड़े-बड़े दिग्गज धराशाई हो जाते हैं। यह बात फिल्मों की सफलता पर भी लागू होती है। ‘स्त्री-2’ ने भी यही चमत्कार किया। यह हिंदी की ऑल टाइम हिट फिल्म बन गई। मध्यप्रदेश के संदर्भ में इस फिल्म का महत्व यह है कि इसके पहले पार्ट ‘स्त्री’ की शूटिंग भी चंदेरी में हुई थी और दूसरा पार्ट ‘स्त्री-2’ भी यहीं बना।

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हिंदी फिल्मों में कमाई वाली हिट फिल्मों में आमिर खान की ‘गजनी’ पहली ऐसी फिल्म थी, जिसने 100 करोड़ की कमाई की। जबकि, पहली हिट फिल्म का जिक्र किया जाए, तो 1969 में आई राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की ‘आराधना’ पहली ऐसी फिल्म थी, जो 100 दिनों तक सिनेमाघरों में चली। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त किए थे। इससे पहले साल 1965 में आई ‘वक्त’ को भी हिट फिल्मों में गिना जाता है। फिल्म का बजट 1 करोड़ रुपए था, जबकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने 6 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था। 1949 में आई फिल्म ‘महल’ ने भी कामयाबी के झंडे गाड़े थे। अशोक कुमार और मधुबाला की इस फिल्म को पहली हॉरर फिल्म कहा जाता है। ‘अंदाज’ को दिलीप कुमार की सुपरहिट फिल्मों में गिना जाता है। फिल्म में राज कपूर, नरगिस और दिलीप कुमार थे। लेकिन, इसके बाद राज कपूर और दिलीप कुमार ने कभी साथ काम नहीं किया। भारत भूषण और मीना कुमारी अभिनीत फिल्म ‘बैजू बावरा’ अपने जमाने में सुपरहिट थी।

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हिट फिल्मों की फेहरिस्त में दिलीप कुमार की ‘देवदास’ भी है। इस ट्रैजिक लव स्टोरी ने रिलीज होने के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया था। देव आनंद को रातों रात सितारा बनाने वाली फिल्म ‘सीआईडी’ को भी नहीं भुलाया जा सकता। प्रेम त्रिकोण पर आधारित हिट फिल्म ‘संगम’ विदेशी धरती पर शूट की जाने वाली पहली हिंदी फिल्म थी। ये उस वक्त की सबसे लंबी फिल्म भी थी, क्योंकि इसकी लंबाई 230 मिनट यानी करीब चार घंटे थी। फिल्म इतिहास में ‘मदर इंडिया’ का नाम इज्जत के साथ लिया जाता है। एक सशक्त मां के किरदार में नरगिस ने इस किरदार को अमर कर दिया था। इस फिल्म के दौरान ही सुनील दत्त और नरगिस में प्रेम हुआ था। खास बात ये कि इस फिल्म की कोई नक़ल नहीं कर सका।

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इसी तरह गुरुदत्त की अमर फिल्म ‘प्यासा’ भी ट्रैजिक लव स्टोरी थी। इसे यथार्थवादी सिनेमा में मील का पत्थर कहा जाता है। इसे दुनिया की श्रेष्ठ फिल्मों का तमगा हासिल है। ‘मुगले आजम’ भी अपने समय काल की सबसे महंगी और सुपरहिट साबित हुई थी। दिलीप कुमार को सुपरस्टार बनाने वाली इस फिल्म को पूरा करने में 16 साल लगे थे। ‘नया दौर’ फिल्म में भी दिलीप कुमार ने अपने रोल से देशभर में जोश जगा दिया था। राज कपूर को सुपरहिट बनाने वाली फिल्म ‘आवारा’ ने देश और विदेश में भी धूम मचाई थी। राज कपूर और नरगिस की ही सुपरहिट फिल्म ‘श्री 420’ भी हिट और यादगार फिल्मों में है। इस फिल्म के एक गाने में ऋषि कपूर पहली बार स्क्रीन पर दिखाई दिए थे।

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मनोज कुमार को देशभक्त की तरह स्थापित करने वाली फिल्म ‘उपकार’ 1967 में आई थी। इस फिल्म ने छह फिल्मफेयर और तीन नेशनल अवार्ड जीते। कहते हैं कि उस वक्त के पीएम लाल बहादुर शास्त्री की सलाह पर मनोज कुमार ने ये फिल्म बनाई थी। इसी तरह अमिताभ बच्चन को स्थापित करने वाली फिल्म थी ‘जंजीर’ जिसके जरिए अमिताभ को एंग्री यंग मैन का तमगा मिला था। ऋषि कपूर के डेब्यू और उन्हें पहली ही फिल्म के जरिए सुपर स्टार बनाने फिल्म का श्रेय ‘बॉबी’ को दिया जाता है। इस फिल्म के दौरान ही डिंपल कपाड़िया ने राजेश खन्ना से शादी कर ली थी। इस फिल्म की सफलता ने नया रिकॉर्ड बनाया था। राजश्री को अलग तरह की फिल्मों के लिए याद किया जाता है। ‘मैने प्यार किया’ ऐसी ही फिल्म थी जिसने मारधाड़ की फिल्मों से ऊब चुके दर्शकों को ये प्रेम कहानी परोसी, जिसने सफलता के झंडे गाड़े थे। इस फिल्म से दर्शकों ने सलमान खान को पहचाना था। राजश्री की ही ‘हम आपके हैं कौन’ सौ करोड़ कमाने वाली देश की पहली फिल्म बनी थी। माधुरी दीक्षित और सलमान खान की ये फिल्म आज भी पसंद की जाती है।

रेखा को सुपरस्टार बनाने वाली फिल्म ‘उमराव जान’ ने उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाया। ये फिल्म रेखा ने अपनी मां के कहने पर की थी और इसके लिए कोई फीस भी नहीं ली। इसी तरह ‘कटी पतंग’ वो फिल्म थी जिसने राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाया। इस फिल्म में विधवा का रोल निभाने के लिए कई अभिनेत्रियों ने इनकार कर दिया था, तब आशा पारेख को फाइनल किया गया। उन्हें इसी उस साल फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला। अलग तरह की फिल्मों में ऋषि कपूर और पद्मिनी कोल्हापुरे की फिल्म ‘प्रेम रोग’ को गिना जाता है, जो अपने समय की हिट फिल्मों में एक थी। अलग जॉनर कॉमेडी ने कई सुपरहिट फ़िल्में दी। ऐसी कॉमेडी फिल्मों में ‘गोलमाल’ का नाम सबसे ऊपर है। अमोल पालेकर और उत्पल दत्त की जबरदस्त कॉमेडी के चलते ये फिल्म कालजयी बन गई।

‘ज्वेल थीफ’ की कहानी बेहद रोमांचक थी। देव आनंद की एक्टिंग वाली इस सनसनीखेज कहानी ने सिनेमाघरों में रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। फिल्म ने देव आनंद की लोकप्रियता दोगुनी कर दी थी। देश की पहली डार्क कॉमेडी फिल्म का तमगा ‘जाने भी दो यारो’ को दिया जाता है। फिल्म का बजट इतना कम था कि नसीरुद्दीन शाह अपने घर से कैमरा और अपने कपड़े लेकर आते थे। फिल्म में अनुपम खेर का भी रोल था जो रिलीज से पहले पूरी तरह कट गया था। हिंदी फिल्मों की हिट फिल्मों का जिक्र हो और ‘शोले’ का नाम न आए, ऐसा हो नहीं सकता। इसे सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म कहा जाता है, जिसने इसमें शामिल हर कलाकार को कालजयी बना दिया। फिल्म में अमिताभ-धर्मेंद्र की जोड़ी ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था और गब्बर सिंह के किरदार में अमजद खान अमर हो गए। देव आनंद और वहीदा रहमान के लीड रोल वाली फिल्म ‘गाइड’ अपनी कहानी और गानों के चलते हिट हुई थी।

राजेश खन्ना की सबसे संजीदगी भरी अदाकारी के लिए याद की जाने वाली फिल्म ‘आनंद’ ने उस वक्त कामयाबी के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इसमें अमिताभ बच्चन ने डॉक्टर किरदार निभाया था। अमिताभ की ही ‘अमर अकबर एंथोनी’ बचपन में बिछड़े भाइयों की कहानी थी, जिसने सफलता के रिकॉर्ड तोड़े थे। डायरेक्टर मनमोहन देसाई ने अखबार में छपी एक खबर को आधार बनाकर इस फिल्म को बनाया था। अनिल कपूर की सुपरहिट फिल्मों में से एक ‘तेजाब’ ने माधुरी दीक्षित को बतौर एक्ट्रेस स्थापित किया था। अनिल कपूर की ही ‘मिस्टर इंडिया’ को सुपरहिट कहा जाता है। गायब होने वाला हीरो और एक दमदार विलेन मोगैंबो ने हिंदी सिनेमा को एक संजीवनी दी थी। तात्पर्य यह कि ‘स्त्री-2’ ने यदि आज बॉक्स ऑफिस पर कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया है, तो उसकी सीढ़ियां ये फ़िल्में बनी।

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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