Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

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Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

होली हो और फिल्मों की बात न हो, ऐसा संभव नहीं है। होली के रंग अकसर रूपहले परदे पर बिखरे दिखाई देते हैं। बॉलीवुड के कई निर्देशकों ने अपनी फ़िल्मी कहानियों को होली के रंग से रंगीन किया है। फिल्मों में बरसों से कभी बदला लेने तो कभी विरह के रंग दिखाने के लिए होली का उपयोग किया जाता रहा है। लेकिन, यह प्रेम का रंग सबसे गहरा है, जिसने कई बार होली के जरिए परदे पर प्रेम के रंग पेशकश दर्शकों के दिल धड़काएं हैं। फिल्म के कथानक के साथ होली गीतों को भी फिल्मों में फिलर के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा। कई फिल्मों में होली के गीत इतने लोकप्रिय हुए कि आज भी होली के दिन दिनभर सुनाई देते हैं। जहां तक फिल्मों में होली के दृश्यों की बात है तो यह इतिहास काफी पुराना है। दिलीप कुमार की पहली फिल्म ‘ज्वार भाटा’ में पहली बार होली दृश्य नजर आए। फिल्म के निर्देशक अमिय चक्रवर्ती ने 1944 में होली का दृश्य शूट करके एक इतिहास रचा था। उसके बाद दिलीप कुमार की फिल्म आन, कोहिनूर और ‘सौदागर’ में भी होली के रंग देखने को मिले।

   Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

होली के जिस गाने का सबसे पहले जिक्र आता है, वह है 1940 में आई फिल्म ‘औरत’ का गाना। निर्देशक महबूब खान की इस फिल्म में अनिल बिस्वास के संगीतबद्ध गाने ‘आज होली खेलेंगे साजन के संग’ और ‘जमुना तट श्याम खेले होरी’ हिंदी सिनेमा के पहले होली गीत माने जाते हैं। बाद में महबूब खान ने इस फिल्म की कहानी को ‘मदर इंडिया’ नाम से बनाया। इसमें भी होली का सदाबहार गाना ‘होली आई रे कन्हाई रंग छलके, बजा दे जरा बांसुरी’ था। उसके बाद गीता दत्त के गाए ‘जोगन’ के गीत ‘डारो रे रंग डारो रे रसिया’ सुपरहिट होली गीत बना। श्वेत श्याम फिल्मों के दौर में भी होली के गाने दर्शकों को भाते थे। भले परदे पर रंग नजर न आते हो, लेकिन इन गीतों का जादू ऐसा होता था कि लोगों को परदे पर रंग बिरंगी होली का ही एहसास होता था। देश में बनी पहली टेक्नीकलर फिल्म ‘आन’ में दिलीप कुमार की अदाकारी के अलावा इस फिल्म के गाने ‘खेलो रंग हमारे संग’ ने लोगों पर खूब जादू किया।

परदे पर रंगों की बौछार की बातें हों, तो फिल्मों में होली का रंग दिखाने में फिल्मकार यश चोपड़ा ने सभी निर्देशकों को पीछे छोड़ दिया। यश चोपड़ा ने ‘सिलसिला’ में ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ के रूप में बॉलीवुड को होली का लोकप्रिय गाना दिया। इसके बाद ‘मशाल’ में ‘होली आई, होली आई, देखो होली आई रे, ‘डर’ में ‘अंग से अंग लगाना’ और बाद में ‘मोहब्बतें’ (निर्देशक आदित्य चोपड़ा) में ‘सोनी-सोनी अंखियों वाली, दिल दे जा या दे जा तू गाली’ से चोपड़ा ने बड़े पर्दे पर होली के भरपूर रंग बिखेरे। फिल्मों में होली का रंग बिखेरने वाले अभिनेताओं में अमिताभ बच्चन का नाम सबसे आगे है। रेखा के साथ ‘सिलसिला’’ में रंग बरसाने के लंबे समय बाद अमिताभ ने हेमा मालिनी के साथ ‘बागबान’ में ‘होली खेले रघुवीरा’ के जरिए एक बार फिर पर्दे को रंगीन कर दिया। अमिताभ, विपुल शाह की ‘वक्त’ में अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा के साथ ‘डू मी ए फेवर, लेट्स प्ले होली’ गाते हुए भी खासे जंचे।

Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

फिल्मों की एक और जोड़ी धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने भी होली को फिल्मों में खूब रंग बिखेरे। इस जोड़ी पर फिल्माया फिल्म ‘शोले’ का गीत ‘होली के दिन दिल खिल जाते हैं’ आज भी होली की मस्ती में चार चांद लगा देता है। इसके बाद इस जोड़ी ने फिल्म ‘राजपूत’ में ‘भागी रे भागी रे भागी ब्रजबाला, कान्हा ने पकड़ा रंग डाला’ गाकर भरपूर होली खेली। फिल्मों में होली के आयोजन का कारण रहे भक्त प्रहलाद को भी फिल्मों में कई बार दिखाया। भक्त प्रहलाद पर पहली बार 1942 में एक तेलुगु फिल्म ‘भक्त प्रहलाद’ के नाम से बनी, जिसे चित्रपू नारायण मूर्ति ने निर्देशित किया था। इसके बाद भक्त प्रहलाद पर 1967 में इसी नाम से एक हिंदी फिल्म भी बनी। बॉलीवुड में ‘होली’ नाम से दो फ़िल्में बनी, ‘होली आई रे’ नाम से एक और ‘फागुन’ नाम से दो फिल्मों का निर्माण हुआ।

Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

होली से जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि कुछ फिल्मकारों ने इसे कहानी आगे बढ़ाने के लिए उपयोग किया, तो कुछ ने टर्निंग प्वाइंट लाने के लिए। कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने इसे सिर्फ मौज-मस्ती और गाने फिट करने के लिए फिल्म में डाला। फिल्मकार राजकुमार संतोषी ने ‘दामिनी’ में होली के दृश्य का उपयोग फिल्म में टर्निंग प्वाइंट लाने के लिए किया, जबकि ‘आखिर क्यों’ के गाने ‘सात रंग में खेल रही है दिल वालों की होली रे’ और ‘कामचोर’ के ‘मल दे गुलाल मोहे’ में निर्देशक ने इनके जरिए फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाया। कथानक को जटिल स्थिति से निकालने या ट्रैक बदलने के लिए होली दृश्यों का इतने बार इस्तेमाल किया गया, जिसकी गिनती नहीं है। यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों में बार-बार होली दृश्यों का उपयोग किया। 1981 में आई ‘सिलसिला’ के गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ गीत को भी जटिल हालात को व्यक्त करने के लिए रखा गया था। होली ने अमिताभ और रेखा की घुटन से बाहर आने का मौका दिया। फिल्म के पात्र प्रेम, दाम्पत्य और अविश्वास की जिस गफलत में फंसे थे, इस होली गीत ने उन्हें उस भूल-भुलैया से निकलने का रास्ता भी दिया था।

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1984 में ‘मशाल’ में ‘होली आई होली आई देखो होली आई रे’ में अनिल कपूर और रति अग्निहोत्री के प्रेम के रंग को निखारा गया। साथ ही दिलीप कुमार और वहीदा रहमान के बीच मौन संवाद पेश किया। ऐसा ही एक दृश्य यश चोपड़ा की ही फिल्म ‘डर’ में भी था। इसमें शाहरुख खान जूही चावला के प्रेम में जुनूनी खलनायक की भूमिका में रहते हैं। हैं। वे किसी भी कीमत पर उसे पाना चाहते हैं। तनाव के बीच होली प्रसंग शाहरुख को जूही चावला को स्पर्श करने का मौका देता है। साथ ही कहानी को अंजाम तक पहुंचाने का भी अवसर मिलता है। ‘मोहब्बतें’ में यश चोपड़ा ने ‘सोहनी सोहनी अंखियों वाली’ से जोड़ियों के बीच होली सीक्वंस फ़िल्माया।

Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

कई फिल्मों में होली के दृश्य और गाने फिल्म की मस्ती को बढ़ाने के लिए भी डाले गए। ऐसी फिल्मों में पहला नाम ‘मदर इंडिया’ का आता है, जिसका गाना ‘होली आई रे कन्हाई’ आज भी याद किया जाता है। इसके अलावा ‘नवरंग’ का जा रे हट नटखट, ‘फागुन’ का गीत ‘पिया संग होली खेलूं’ और ‘लम्हे’ का ‘मोहे छेड़ो न नंद के लाला’ गाने ने भी होली का फिल्मों में प्रतिनिधित्व किया। होली पर कुछ नायक रंगों के त्योहार होली के माध्यम से नायिकाओं के जीवन में रंग भरने की कोशिश करते भी दिखे। फिल्म ‘धनवान’ में राजेश खन्ना ने रीना रॉय के लिए ‘मारो भर-भरकर पिचकारी’ गाया, तो ‘फूल और पत्थर’ में धर्मेंद्र, मीना कुमारी के लिए ‘लाई है हजारों रंग होली’ गाते दिखे। इसी तरह फिल्म ‘कटी पतंग’ में राजेश खन्ना पर फिल्माए गाने ‘आज न छोड़ेंगे बस हमजोली’ ने आशा पारेख को अपने अतीत की याद दिला दी।

Silver Screen: परदे पर होली यानी रंगों का रंगमहल!

कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं, जिनमें होली के सिर्फ कुछ दृश्य दिखाए गए। केतन मेहता की फिल्म ‘मंगल पांडे’ में आमिर खान होली खेलते दिखे, तो वहीं विजय आनंद ने ‘गाइड’ में ‘पिया तोसे नैना लागे रे’ गाने में ‘आई होली आई’ अंतरा डाला। फिल्म ‘जख्मी’ में सुनील दत्त ‘जख्मी दिलों का बदला चुकाने’ गाते नजर आते हैं। आजकल जिस तरह की फिल्में बन रही हैं, उनमें दिलों को जोड़ने वाले पर्वों को दिखाने की गुंजाइश बहुत है। लेकिन, ऐसा बहुत कम हो रहा है। फिल्मों का शौक रखने वाले युवा वर्ग की रूचि भी बदल रही है। शायद यही वजह है कि फिल्मों से होली कहीं दूर जाती नजर आ रही है। बीते बरस की फिल्मों में ‘जॉली एलएलबी 2’ में अक्षय कुमार और हुमा कुरैशी पर फिल्माया एक होली गाना ही दिखाई दिया था। उसके बाद से किसी फिल्म में ऐसे कोई कोई गाने दिखाई या सुनाई नहीं दिए!