SIlver Screen:मनोरंजन के मसाले में अंडरवर्ल्ड के काले धंधे का तड़का!
फिल्म इंडस्ट्री से अंडरवर्ल्ड का रिश्ता बहुत पुराना और गहरा रहा है। क्योंकि, जहां पैसा और ग्लैमर है वहां इस काले धंधे का दखल है। अपराध की इस दुनिया का दखल सिर्फ फिल्मों में काले पैसे लगाने और कमाने तक सीमित नहीं है। फिल्म की कास्टिंग से लेकर उसके गीत-संगीत और ओवरसीज राइट्स तक में इनका सीधा दखल रहता था। इसलिए कई कलाकार और संगीतकार भी इनसे नजदीकी बढ़ाते हैं। फिल्म की कहानियों को लेकर भी प्रोड्यूसर और डायरेक्टर इनसे सलाह मशवरा किया करते रहे हैं। क्योंकि, बात पैसे लगाने तक की नहीं, बल्कि एक भय भी व्याप्त रहता था, जो सीधे जान पर आता है।
वहीं भय इतना बढ़ गया कि सलमान खान जैसे बड़े कलाकार भी कड़ी सुरक्षा के साये में रहने को मजबूर हो गए। 1993 में पहली बार मुंबई ने दाऊद और उसके गुर्गों के आतंक का चेहरा नजदीक से देखा था। मुंबई ब्लास्ट से पहले दाऊद इब्राहिम दुबई में रहकर मुंबई में काले कारोबार पर नजर रखी। इसके बाद फिल्मी दुनिया में भी दाऊद का दबदबा हो गया। अगस्त 1997 में संगीत इंडस्ट्री के कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या हुई और पहली बार एहसास हुआ कि अंडर वर्ल्ड क्या होता है! गुलशन कुमार को मंदिर में पूजा के बाद गोलियों से भून दिया गया। बाद में खुलासा हुआ कि उनसे फिरौती मांगी गई थी और नहीं देने पर उनकी हत्या कर दी गई।
फिल्म इंडस्ट्री और अंडरवर्ल्ड की नजदीकी की शुरुआत हाजी मस्तान, करीम लाला और सटोरिए रतन खत्री जैसे सरगनाओं से हुई थी। इसमें बाद दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन जैसे कई लोग इससे जुड़ते चले गए। लेकिन, तब ये जुड़ाव फिल्मों में अपना काला पैसा लगाने और फिल्म बनाने तक सीमित था। 90 के दशक की कई फिल्मों में अंडरवर्ल्ड का तो सीधा दखल रहा। जब पुलिस को सबूत मिले, तो कार्रवाई हुई! जिससे पूरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई थी। जब फिल्म इंडस्ट्री से दाऊद इब्राहिम का नाम जुड़ा तो उसके साथ काले धंधे में की बुराइयां भी आ गई। लेकिन, 1993 में हुए मुंबई बम कांड के बाद अंडरवर्ल्ड का खौफ कम हो गया। दाऊद दुबई भाग गया, पर उसकी पार्टियों में फ़िल्मी हस्तियों की मौजूदगी बनी रही। कई बड़े कलाकारों के फोटो दाऊद के साथ सुर्ख़ियों में रहे। अंडरवर्ल्ड के दबाव का एक असर अभिनेत्रियों पर कुछ अलग तरह से पड़ा। इस वजह से उनका करियर ही ख़त्म हो गया। क्योंकि, खौफ या आकर्षण के कारण कई अभिनेत्रियां गैंगस्टर्स के चंगुल में आ गई और उनका फ़िल्मी करियर तबाह हो गया।
फिल्म इंडस्ट्री पर कुछ साल पहले भी अंडरवर्ल्ड का खौफ दिखाई दिया था। 90 के दशक में इंडस्ट्री अंडरवर्ल्ड की जकड़ में थी। धमकाने, गोली चलाने और हत्या करके दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन फिल्म इंडस्ट्री पर अपना दबाव बनाने की कोशिश में थे। प्रोड्यूसर करीम मोरानी के घर पर गोली चलाई गई और शाहरुख खान के दफ्तर में फोन करके धमकाया गया। इन वारदातों के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी का नाम आया था। शाहरुख़ को धमकी देने के पीछे उनकी एक फिल्म के ओवरसीज राइट्स का मामला सामने आया था। इस वारदात से इंडस्ट्री पर फिर खतरे की घंटी बजने लगी। इससे पहले प्रोड्यूसर राकेश रोशन पर भी जानलेवा हमला हुआ।
फरहान अख्तर, सोनू निगम, राम गोपाल वर्मा, प्रोड्यूसर फरहान आजमी और रितेश सिधवानी को भी अलग-अलग समय पर अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलती रही। मुंबई पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी, लिहाजा शाहरुख समेत 14 फिल्मी हस्तियों को सुरक्षा देने का फैसला किया गया था। इनमें शामिल रहे सलमान खान, आमिर खान, रितिक रोशन, अक्षय कुमार, सैफ अली खान और करीना कपूर, इमरान हाशमी और विवेक ओबरॉय। फिल्म निर्माता करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, बोनी कपूर, फरहान आजमी और रितेश सिधवानी। जबकि, फिल्म डायरेक्टर और एक्टर फरहान अख्तर, गायक सोनू निगम को भी सुरक्षा मिली थी।
अब वही सब सलमान खान के साथ हो रहा है, जिसने 90 के दशक की याद दिला दी। एक नए अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई ने पहले तो सलमान के घर के बाहर गोली चलवाई, फिर उनके जिगरी दोस्त बाबा सिद्दीकी की हत्या करवा दी। इसके बाद सीधे सलमान को धमकी देकर फिरौती मांगी गई। सलमान खान को दी गई धमकी ने सबके होश उड़ा दिए। आखिर सलमान एक्शन हीरो हैं और उनके प्रशंसक उन्हें इसी रूप में देखते हैं। लेकिन, फ़िल्मी बंदूक और असली बंदूक में फर्क होता है। किसी की जिंदगी लेने के लिए एक गोली ही काफी होती है। यही कारण है कि कई अभिनेता सुरक्षा गार्ड के घेरे में रहते हैं। इस पूरे खेल में अंडरवर्ल्ड का कुछ नहीं बिगड़ा। उनके सरगना आराम से किसी छोटे देश में बैठकर अपनी काली सत्ता चला रहे हैं। उनकी बात नहीं मानी जाती तो उनके शूटर गुर्गे किसी को भी गोली मारने को तैयार होते हैं। वे फिल्मों की वीडियो पाइरेसी में शामिल होते हैं और अब ये काले कारोबारी फिल्म के व्यापार का हिस्सा बनना चाहता है। वे फिल्मों के ओवरसीज राइट चाहते थे और ऐसा न करने पर फिर धमकाने से बाज नहीं आते! आजकल चोरी-छुपे यही सब हो रहा है।
इंडस्ट्री की कुछ अभिनेत्रियां जैसे ममता कुलकर्णी, मोनिका बेदी, मंदाकिनी, सोना और जैस्मिन धुन्ना अपने समय में चर्चित रहीं। पर, ऐशोआराम के लिए वे काले कारोबारियों के चंगुल में आकर हमेशा के लिए परदे से बेदखल हो गई। इस तरह की प्रेम कहानी सबसे पहले अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान और अभिनेत्री सोना से शुरू हुई, जो अपने समय काल में खासी चर्चा रही। सोना को उस समय मधुबाला की कॉपी भी माना जाता था। लेकिन, जितनी लोकप्रियता उन्हें फिल्मों से नहीं मिली, उससे ज्यादा वे हाजी मस्तान से जुड़कर चर्चा में आई। दोनों ने शादी कर ली थी। कहते हैं कि फिल्म ‘वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ में इनकी ही कहानी है।
80 और 90 के दशक की अभिनेत्रियां ममता कुलकर्णी, मंदाकिनी और मोनिका बेदी अपने करियर की ऊंचाइयां चढ़ रही थी, कि उनका नाम अंडरवर्ल्ड के सरगनाओं से जुड़ गया। बाद में इनमें से कुछ ने लौटने की कोशिश भी की, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ममता कुलकर्णी को 90 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री माना जाता था। लेकिन, ममता को ड्रग तस्कर विक्रम गोस्वामी के मोहब्बत हुई। इसके बाद ममता कुलकर्णी ने विक्रम गोस्वामी से शादी कर ली और दोनों दुबई चले गए। ड्रग्स तस्करी में विक्रम के साथ ममता जेल भी जा चुकी हैं।
राज कपूर की फिल्म में काम करना किसी भी अभिनेत्री सपना होता है। मंदाकिनी भी उनमें से एक थी, जो ‘राम तेरी गंगा मैली’ में काम करके रातों-रात स्टार बन गई थी। लेकिन, वे अपने स्टारडम का मजा ले पाती, इससे पहले वे अपने अंडरवर्ल्ड कनेक्शन की वजह से सुर्ख़ियों में आ गई। मंदाकिनी और दाऊद इब्राहिम की नजदीकी की ख़बरों से हर कोई हैरान था। यहां तक कहा जाता था कि मंदाकिनी को हीरोइन बनाने के लिए निर्माता, निर्देशकों को दाऊद से धमकी तक मिलती थी। इसी तरह मोनिका बेदी अपनी एक्टिंग से ज्यादा अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के साथ अफेयर को लेकर चर्चित रहीं।
‘बिग बॉस’ और ‘झलक दिखला जा’ टीवी शो की प्रतियोगी रही मोनिका को अबू सलेम से अफेयर इतना भारी पड़ा, कि उनको भी जेल जाना पड़ा। इससे मोनिका को निजी जिंदगी लाइफ में भी परेशानी उठाना पड़ी। भुतहा फिल्म ‘वीराना’ (1988) की अभिनेत्री जैस्मिन धुन्ना और दाऊद इब्राहिम के प्रेम की खबरें भी सामने आई थी। लेकिन, उन्होंने परेशान होकर भारत ही छोड़ दिया। दाऊद इब्राहिम का नाम अभिनेत्री अनीता अयूब के साथ भी जुड़ा था। कहा तो यहां तक जाता है कि डायरेक्टर जावेद सिद्दीकी की हत्या में दाऊद इब्राहिम का ही हाथ था। क्योंकि, उन्होंने अनीता को फिल्म में लेने से इंकार कर दिया था, जिसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकाना पड़ी।
2002 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘कंपनी’ का कथानक दाऊद इब्राहिम के खतरनाक इरादों पर केंद्रित था। फिल्म ने अंडरवर्ल्ड वॉर को जीवंत तरीके से फिल्माया था। अजय देवगन की भूमिका वाली इस फिल्म ने खासी कमाई की और फिल्मकारों को एक नया आइडिया दे दिया था। अनुराग कश्यप ने ‘ब्लैक फ्राइडे’ (2004) में दाऊद के किरदार को बेहद खूबसूरती से फिल्माया था। यह फिल्म मुंबई में हुए बम धमाकों और दाऊद इब्राहिम की उसमें भूमिका पर आधारित थी। फिल्म में विजय मौर्या ने दाऊद इब्राहिम की भूमिका की थी। हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित मिलन लथूरिया की फिल्म ‘वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ (2010) में अंडरवर्ल्ड की दुनिया को बेहद करीब से दिखाया गया है।
इसमें एक अभिनेत्री और हाजी मस्तान के बीच प्रेम संबंध फिल्माए थे। फिल्म में अजय देवगन और कंगना रनौत की मुख्य भूमिका थी। अंडरवर्ल्ड की काली दुनिया पर राज करने वाले डॉन की अच्छाई और उसूलों को भी दिखाया गया। 2013 की फिल्म ‘डी डे’ में ऋषि कपूर ने अंडरवर्ल्ड डॉन का किरदार निभाया था। निखिल आडवाणी की यह फिल्म काफी पसंद की गई थी। इसमें मुंबई बम धमाकों की खतरनाक झलक देखने को मिलती है। साल 2013 में आई फिल्म ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन’ फिल्म भी अंडरवर्ल्ड पर बनी फिल्मों में एक है। इसमें अक्षय कुमार ने दाऊद जैसा किरदार निभाया था। 2013 की फिल्म ‘शूटआउट एट वडाला’ भी अंडरवर्ल्ड की ही कहानी थी। फिल्म में जॉन अब्राहम, सोनू सूद और मनोज बाजपेयी थे।