Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

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Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

सिनेमा के कथानक लम्बे अरसे तक प्रेम कहानियों पर केंद्रित रहे। आज भी कोई फिल्म नायक-नायिका के प्रेम के किस्सों के बिना पूरी नहीं होती। जिस फिल्म के कथानक में प्रेम के लिए कोई जगह नहीं होती, वहां भी कोई कहानी रच ही दी जाती है। क्योंकि, प्रेम के किस्से सभी दर्शकों की पसंद होते हैं। किसी भी दौर का सिनेमा रहा हो, प्रेम कहानियां हमेशा हिट रही हैं। कभी छुपकर प्यार दिखाया गया तो कभी खुलेआम। ऐसे प्रयोगों में कुछ सफल हुए, तो कुछ ने बगावत की। सिनेमा के हर दशक में कोई न कोई ऐसी जोड़ी जरूर बनी, जिसने दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। लेकिन, परदे पर कई बार नकली प्रेम कहानियों को अभिनीत करने वाले कलाकारों की जिंदगी में भी प्रेम की कमी नहीं होती। परदे पर प्रेम का स्वांग रचते-रचते ये कलाकार असल जिंदगी में भी प्रेम के बंधन में बंध जाते हैं! लेकिन, इनकी असल जिंदगी में सिनेमा की तरह प्रेम का सुखद अंत नहीं होता। ऐसे कई किस्से हैं, जब इन कलाकारों का प्रेम परवान नहीं चढ़ सका! कभी परिवार आड़े आया, कभी सामाजिक कारणों ने इनके प्रेम को एक नहीं होने दिया और कभी किसी तीसरे ने बीच में आकर प्रेम को खंडित कर दिया।

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

परदे की दुनिया में सबसे रोमांटिक हीरो रहे देव आनंद। अपने ज़माने के इस हैंडसम एक्टर की एक झलक पाने को लड़कियां बेताब रहती थीं। इस कलाकार ने रील के साथ रियल लाइफ में भी कई नायिकाओं से मोहब्बत की। देव आनंद और सुरैया का प्रेम तो उस दौर में ख़बरों में छाया रहा। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान सुरैया पानी में गिरी थीं, तो देव आनंद ने उनकी जान भी बचाई थी। लेकिन, अलग-अलग धर्मों के होने के कारण उनका प्यार शादी तक नहीं पहुंचा। क्योंकि, सुरैया की नानी आड़े आ गईं। उसे सुरैया का देवानंद से मिलना पसंद नहीं था। सुरैया को देव आनंद में अपने पसंदीदा हीरो ग्रेगरी पैक की छवि नजर आती थी। देव आनंद ने सगाई की अंगूठी तक बनवा ली, पर वे उसे सुरैया की उंगली में नहीं पहना सके! वैसे देव आनंद ने शादी तो कल्पना कार्तिक से की, पर उनके अफेयर के किस्सों में जीनत अमान और टीना मुनीम का भी नाम रहा।

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अशोक कुमार और देविका रानी की प्रेम कहानी का भी अलग अंदाज रहा। देविका रानी को सिनेमा जगत की फर्स्ट लेडी कहा जाता है। दर्शक उनकी मासूमियत के दीवाने थे। देविका और हिमांशु राय ने मिलकर बॉम्बे टॉकीज की स्थापना की थी। लेकिन, धीरे-धीरे देविका और हिमांशु की शादी में खटास आने लगी। 1935 में आई बॉम्बे टॉकीज की फिल्म ‘जवानी की हवा’ के हीरो नजम-उल-हसन से देविका रानी की आंख लड़ गई। सालभर बाद 1936 में हसन की दूसरी फिल्म ‘जीवन नैया’ की शूटिंग के दौरान ये प्यार इतना बढ़ा कि दोनों फिल्म छोड़कर कलकत्ता भाग गए। इसके बाद हसन को फिल्म से निकाल दिया गया और नए हीरो के रूप की तलाश शुरू हुई। इसके बाद कुमुदलाल कुंजीलाल गांगुली की किस्मत पलटी और वे परदे पर अशोक कुमार बन गए। देविका रानी की अशोक कुमार के साथ ‘जीवन नैया’ बनी और रिलीज हुई। फिर आई ‘अछूत कन्या’ (1936) जिसने इतिहास बना दिया। परदे नायक और नायिका असल जिंदगी में भी नजदीक आए। दोनों के खूब किस्से भी चले, लेकिन दोनों की प्रेम कहानी परवान नहीं चढ़ सकी। अशोक कुमार का नलिनी जयवंत और निरूपा राय के साथ भी नाम जुड़ा।

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

सिनेमा में जो लोकप्रियता दिलीप कुमार और मधुबाला को मिली, उसे पाने के लिए आज के कलाकार भी तरसते हैं। दिलीप कुमार अपनी अदाकारी, संवाद अदायगी और मधुबाला अपनी खूबसूरती से चर्चित थी। उन्हें तो फिल्म इतिहास की सबसे सुंदर अभिनेत्री होने का ख़िताब भी मिला। मधुबाला ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन ‘मुगल-ए-आजम’ उनकी सबसे हिट फिल्म थी। फिल्म में दिलीप कुमार के साथ उनकी जोड़ी को पसंद किया गया था। रियल लाइफ में भी दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे। मगर मधुबाला के पिता को यह मंजूर नहीं था। मधुबाला पर निगाह रखी जाने लगी, फिर भी प्रेम को रोका नहीं जा सका। आखिर एक दिन दिलीप कुमार ने मधुबाला से कहा कि शादी तो होगी, मगर शादी के बाद उसे अपने पिता से संबंध तोड़ना होगा। इसे मधुबाला ने यह स्वीकार नहीं किया। अंततः यह प्रेम कहानी भी खत्म हो गई।

बाद में मधुबाला और दिलीप दोनों की जिंदगी में नए लोगों ने दस्तक दी। दिलीप कुमार ने 22 साल छोटी अभिनेत्री सायरो बानो से शादी कर ली। लेकिन, मधुबाला से प्यार को फिल्म इतिहास भी कभी भुला नहीं पाया। दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा ‘दिलीप कुमार: द सब्स्टेंस एंड द शैडो’ में भी मधुबाला का जिक्र किया गया है। इसके अलावा दिलीप कुमार और वैजयंती माला के रोमांस के किस्से भी खूब चर्चा में आए। ‘गंगा जमुना’ के बाद तो दिलीप कुमार उन्हें अपनी हर फिल्म में देखना चाहते थे। लेकिन, वैजयंती माला को चाहने वाले भी कम नहीं थे। ‘संगम’ के समय राजकपूर भी वैजयंती माला से प्रेम कर रहे थे। एक पार्टी में तो वह वैजयंती माला को लेकर राजेंद्र कुमार से भी भिड़ भी गए थे। हालांकि, वैजयंती माला ने किसी हीरो से नहीं बल्कि एक डॉक्टर से शादी की।

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

राज कपूर और नर्गिस वे नामचीन कलाकार थे, जिनकी परदे और परदे से परे की मोहब्बत को आज भी याद किया जाता है। ‘आवारा’ के निर्माण के दौरान दोनों का प्रेम पनपा। इनकी कई फिल्में साथ आई। राज और नर्गिस के रोमांस की चर्चा इतनी हो गई कि कपूर परिवार तक उसकी आंच पहुंची। राज कपूर की पत्नी तो एक बार बच्चों को लेकर मायके चली गई थी। आरके बैनर के लोगो में भी राज कपूर और नर्गिस का सीन आज भी जीवित है। लेकिन, इनके प्रेम का अंत भी दुखद रहा। नर्गिस ने ‘मदर इंडिया’ के बाद सुनील दत्त से शादी कर ली और ये किस्सा यहीं ख़त्म हो गया।

 

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

गुरुदत्त और वहीदा रहमान की प्रेम कहानी भी अलग ही रही। गुरुदत्त ने ही उन्हें ‘सीआईडी’ में पहला ब्रेक दिया था। दोनों संपर्क में आए और फिर वहीदा को गुरुदत्त से प्यार हो गया। गुरुदत्त को भी वहीदा ‘चौदहवीं का चांद’ नजर आईँ। गीता दत्त उनकी पत्नी थी और इस प्रेम कहानी का उनके परिवार पर भी असर पड़ा। कहा जाता है कि इसी वजह से उनका परिवार भी टूटा और गुरुदत्त भी प्रेम में डूबते चले गए। इन हालतों ने उन्हें गहरी उदासी में धकेल दिया और बाद में गुरुदत्त ने आत्महत्या कर ली। माना जाता है कि उनकी आत्महत्या के पीछे कहीं न कहीं प्रेम की असफलता ही कारण रहा।

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

नए ज़माने की खंडित प्रेम कथाओं में अमिताभ और रेखा की जोड़ी सबसे ज्यादा चर्चित रही। लेकिन, दोनों ने कभी इस बात को खुलकर स्वीकार नहीं किया। पर, फिल्म ‘सिलसिला’ ने इस पूरी कहानी को बयां कर दिया। रेखा और अमिताभ की जोड़ी ने कई हिट फिल्में दीं। इन दोनों के बीच प्यार के चर्चे भी हर जुबान पर थे। इन दोनों के बीच अफेयर की वजह से अमिताभ और जया का दांपत्य जीवन भी कुछ समय के लिए कलह से गुजरा। इधर, सलमान खान और ऐश्वर्या रॉय का प्रेम भी लंबे समय तक ख़बरों में बना रहा। बाद में यह जोड़ी भी बिखर गई। वजह बताई गई कि कोई तीसरा इनके बीच आ गया था। शाहिद कपूर और करीना कपूर के प्रेम की चर्चा भी खूब रही। फिल्म ‘जब वी मेट’ की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच खटास आने लगी और धीरे-धीरे ये लव स्टोरी का अंत हो गया। दोनों एक नहीं हो सके और फिर करीना की जिंदगी में सैफ अली आ गए।

Silver Screen : फिल्मी जोड़ियों का प्यार, परिवार को नहीं स्वीकार! 

इसके अलावा सिनेमा जगत में परदे से परे कुछ और जोड़ियां भी ऐसी बनी, जिनके प्रेम के किस्से तो चर्चित हुए, पर इनको मुकाम नहीं मिला। संजय दत्त और माधुरी दीक्षित को लेकर भी चर्चा थी कि दोनों शादी करने वाले हैं। नाना पाटेकर और मनीषा कोईराला के बारे में भी ‘अग्निसाक्षी’ के बाद यही हवा उड़ती रही। मनीषा चाहती थीं कि नाना पत्नी को तलाक दे दें, मगर ऐसा हुआ नहीं और इनकी लव स्टोरी ने दम तोड़ दिया। मिथुन चक्रवर्ती और श्रीदेवी  कहानियां भी लंबे अरसे तक चली। फिल्म निर्देशक महेश भट्ट और अभिनेत्री परवीन बाबी के बीच भी मोहब्बत थी। महेश भट्ट ने तो पत्नी को छोड़कर परवीन के साथ रहना भी शुरू कर दिया था। लेकिन, परवीन बाबी की सेहत बिगड़ने से बात नहीं बनी। रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण को भी सबसे चर्चित जोड़ी माना जाता था। दीपिका ने तो रणबीर के नाम का टैटू तक बनवाया था। लेकिन, ये लव स्टोरी का सुखद अंत नहीं हुआ। रणवीर कपूर और कैटरीना कैफ के जोड़ी बनने की उम्मीद की गई थी। दरअसल, रील लाइफ वालों के जीवन में रियल लाइफ की प्रेम कथाएं कालजयी हैं। जब तक फ़िल्में हैं, परदे पर भी प्रेम छाया रहेगा और परदे से परे भी ये सिलसिला चलता रहेगा!