Silver Screen: कोरोना काल के बाद बदला मनोरंजन का स्वाद!

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Silver Screen: कोरोना काल के बाद बदला मनोरंजन का स्वाद

कोरोना काल ऐसा दुखद प्रसंग है, जिसे कोई याद करना नहीं चाहता। इस महामारी ने देश और दुनिया को हर जगह से तोड़ दिया। यहां तक कि मनोरंजन पर भी इस महामारी ने ख़ासा असर डाला। सिनेमाघर बंद हो गए और लोग घरों में कैद हो गए। समय काटने के लिए दर्शकों के पास ओटीटी ही एकमात्र विकल्प बचा था। दर्शकों ने कई महीनों तक मोबाइल में मनोरंजन ढूंढा! कुछ हद तक उनको अच्छा भी लगा। लेकिन, फिर भी फिल्म देखने की उनकी इच्छा ख़त्म नहीं हुई। कई महीने तक सिनेमाघरों के बंद रहने के बाद जब दरवाजे खुले, पर वे भी बंधनों कई के साथ। जबकि, दर्शक ऐसे बंधनों के आदी नहीं होते! वे जिस मस्ती के साथ सिनेमाघरों में फिल्म देखने आते हैं, वो नदारद हो गई! कोरोना बचाव के तमाम साधनों के साथ एक सीट की दूरी को भी जरुरी बताया गया। कई महीनों तक नई फ़िल्में भी रिलीज नहीं हुई। क्योंकि, सभी निर्माता अप्रत्याशित भय के कारण अपनी महंगी फिल्म को रिलीज करने से डर रहे थे। अनुमान लगाया गया कि कोरोना काल में फिल्म जगत को करीब 5 हज़ार करोड़ का बड़ा नुकसान हुआ। ये ऐसा नुकसान था, जिसकी भरपाई में सालों लग जाएंगे।

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दर्दभरे समय के बाद मनोरंजन के लिहाज से कुछ हद तक संभला साल 2022 भी विदा हो गया। फिल्मों के लिहाज से बीते साल को बेहद त्रासद माना जाएगा। कई बड़े सितारों की फिल्में धराशायी हुई। ऐसे में गिनती की ही फ़िल्में दर्शकों पर अपना असर छोड़ सकीं। महंगे सितारे और बड़े बजट की कमजोर कहानी, पुराने ढर्रे, खराब एक्टिंग और कमजोर डायरेक्शन की वजह से बॉक्स ऑफिस पर ज्यादातर फ़िल्में करिश्मा नहीं कर सकीं। आमिर खान, रणबीर कपूर, अक्षय कुमार और अजय देवगन जैसे बड़े सितारों को भी बॉक्स ऑफिस पर निराशा का सामना करना पड़ा। कोरोना काल के बाद रिलीज हुई पहली फिल्म अनन्या पांडे और ईशान खट्टर की ‘खाली पीली’ थी, जो चली नहीं। लेकिन, पहली बड़ी फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ थी, जिसने बहुत अच्छा कारोबार किया। कोरोना काल के बाद पिछले साल अक्टूबर में सिनेमाघर खुले। इसके बाद करीब 27 फिल्में रिलीज हुईं। लेकिन, जिन्हें हिट कहा जाए वे फ़िल्में उंगलियों पर गिनने लायक हैं।

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अक्षय कुमार और आमिर खान जैसे बड़े स्टार की आठ बड़े बजट की फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन उनकी कोई भी फिल्म संतोषजनक बिजनेस नहीं कर सकी। लेकिन, ‘ब्रह्मास्त्र’ ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन की कमाई के रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस फिल्म ने ओपनिंग डे पर भारत में 36 करोड़ का कलेक्शन किया। वहीं, ग्लोबल ग्रॉस कलेक्शन 75 करोड़ रुपए रहा। इस तरह ‘ब्रह्मास्त्र’ कोरोना काल के बाद बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म बन गई। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना के बाद दर्शकों की फिल्म देखने की रूचि भी बदल गई। छोटी फिल्मों से उनका मोहभंग हुआ और बड़े बजट और बड़े केनवस की फ़िल्में सफल हुई। बीते एक साल में देखा जाए तो जितनी भी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई सभी करोड़ों की लागत से बनी थी!

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2022 में कई ऐसी फ़िल्में आई जिन्होंने हिट होकर चौंका दिया। किसी ने 200 तो किसी ने 300 करोड़ कमाए। लेकिन, कई ऐसी फ़िल्में बनी, जो अपनी लागत भी नहीं निकाल सकी। सबसे ज्यादा नुकसान अक्षय कुमार और आमिर खान को हुआ। आमिर की तो एक ही फिल्म ‘लालसिंह चड्ढा’ ही फ्लॉप हुई, पर अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज, बच्चन पांडे, रक्षाबंधन और ‘रामसेतु’ जैसी चार फ़िल्में लगातार फ्लॉप हुई। इसके अलावा विक्रम वेधा, जर्सी, रनवे-34, हीरोपंती-2, जयेशभाई जोरदार, थैंक गॉड और धाकड़ ऐसी फ़िल्में थी जो अपनी लागत निकालने में भी सफल नहीं हुई। कुछ ऐसी फिल्में भी रही जिनकी कास्ट और बजट कास्ट इतना साधारण था कि किसी ने ध्यान भी नहीं दिया कि ये फिल्में परदे पर भी उतरी है। लेकिन, ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों ने तो जैसे चमत्कार ही किया। 15 करोड़ की फिल्म ने 250 करोड़ का कारोबार किया, जबकि फिल्म में कोई बड़ा कलाकार भी नहीं था। 11 मार्च को रिलीज हुई इस फिल्म ने पहले दिन तो 3 करोड़ की कमाई की, लेकिन बाद भी इसकी कमाई का ग्राफ लगातार बढ़ता गया।

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‘भूल भुलैया-2’ ने भी अप्रत्याशित सफलता पाई। कार्तिक आर्यन की यह ऐसी फिल्म रही, जिसने उन्हें लाइम लाइट में ला दिया। स्ट्रगल कर रहे कार्तिक के लिए यह फिल्म हीरे की खान साबित हुई। ‘भूल भुलैया-2’ इस साल 8 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। देखा जाए तो बीता साल वास्तव में साउथ की फिल्मों के नाम रहा। साल की ज्यादातर बड़ी हिट फिल्म भी साउथ की ही देन रही। इनमें कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा’ सबसे ज्यादा चर्चा पाने वाली फिल्म बनी। 15 करोड़ के बजट में बनी कांतार ने देशभर में लगभग 275 करोड़ का बिजनेस किया, जबकि वर्ल्डवाइड कलेक्शन 325 करोड़ से भी ज्यादा रहा। तेलुगु फिल्म ‘कार्तिकेय-2’ जो 13 अगस्त को रिलीज हुई हुई और हिट हुई। इसे माउथ पब्लिसिटी का अच्छा फायदा मिला।
करीब 175 करोड़ में बनी अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को दर्शकों ने नकार दिया। अक्षय की अदाकारी को लेकर भी सवाल उठाए गए। यह फिल्म सिर्फ 70 करोड़ ही कमा सकी। आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर निराश किया। फिल्म को 180 करोड़ के बजट में बनाया गया, लेकिन वह सिर्फ 60 करोड़ ही कमा सकी। सौ करोड़ से ज्यादा में बनी रणबीर कपूर की फिल्म ‘शमशेरा’ को भी दर्शकों ने नकार दिया। डेढ़ सौ करोड़ की यह फिल्म सिर्फ 43 करोड़ ही कमा सकी। रनवे-34 जिसमें अजय देवगन, अमिताभ बच्चन, बोमन ईरानी और रकुल प्रीत सिंह थे दर्शकों को दिल नहीं जीत सकी। 65 करोड़ में बनी इस फिल्म ने लागत की आधी ही कमाई 32 करोड़ की। टाइगर श्रॉफ की ‘हीरोपंती-2’ जो करीब 70 करोड़ में बनी वह भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। फिल्म के पहले भाग को दर्शकों ने खूब पसंद किया, पर इस बार मामला जमा नहीं! साल का अंत भी रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सर्कस’ से हुआ।

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दर्शकों के बदले जायके ने सफलता के पर्याय माने-जाने वाले रोहित शेट्टी का जायका भी बिगाड़ दिया। साल के अंत में प्रदर्शित उनकी फिल्म ‘सर्कस’ से उन्हें बड़े धमाके की उम्मीद थी, लेकिन वह भी धराशायी हो गई। इससे साबित हो गया कि रणवीर सिंह भी सफलता की गारंटी नहीं रहे। शेक्सपियर की कहानी ‘कॉमेडी ऑफ़ इरर्स’ पर रोहित शेट्टी ने दांव चला, पर वे उसका फिल्मीकरण करने में चूक गए। जबकि, इससे पहले इस कहानी पर किशोर कुमार की ‘दो दूनी चार’ और संजीव कुमार की ‘अंगूर’ सफलता के झंडे फहरा चुकी है। फिर भी रोहित शेट्टी की इस मायने में तारीफ की जाना चाहिए कि उन्होंने एक हजार से ज्यादा लोगों को लेकर कोरोना काल में इस फिल्म का निर्माण किया, ताकि उनका स्टाफ और तकनीशियन भूखे न मर सकें।

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रीमेक को लेकर काफी कुछ कहा जाता रहा है, पर इस साल पांच ऐसी फिल्मों ने पानी भी नहीं मांगा। शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर की ‘जर्सी’ से बहुत उम्मीदें थी, जो धराशायी हुई। यह 2019 में आई सुपरहिट तेलुगु फिल्म ‘जर्सी’ का हिंदी रीमेक था, लेकिन 80 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म ने मात्र 27 करोड़ की कमाई की। 2014 में रिलीज हुई तमिल फिल्म ‘जिगर ठंडा’ का रीमेक अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे’ भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई थी। 165 करोड़ रुपए के बजट में बनी ये फिल्म सिर्फ 60 करोड़ रुपए ही कमा पाई। ‘विक्रम वेधा’ 2017 में इसी नाम से आई तमिल फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़े थे, लेकिन ऋतिक रोशन और सैफ अली खान के अभिनय से सजी ‘विक्रम वेधा’ ने दर्शकों को निराश किया। 180 करोड़ में बनी इस फिल्म ने 93 करोड़ का ही कारोबार किया। तेलुगु फिल्म ‘मिडिल क्लास अब्बाई’ का रीमेक ‘निकम्मा’ नाम से बना, पर फिल्म दर्शकों को रास नहीं आई। 22 करोड़ बजट की फिल्म  मात्र 2 करोड़ भी नहीं कमाए। मलयालम की राष्ट्रीय पुरस्कार फिल्म ‘हेलेन’ हिंदी में ‘मिली’ नाम से बनी पर बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी। फिल्म ने साढ़े 3 करोड़ ही कमाए। सालभर में जो हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि कोरोना काल के बाद फिल्म के दर्शकों का स्वाद बदल गया है! अब उन्हें चटपटा मनोरंजन पसंद आने लगा!

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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