भाई को बचाने में बहन ने लगा दी जान की बाजी, 11 kv विद्युत करंट लगने में भाई बहन घायल

1108

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

●गंभीर घायल 13 वर्षीय भाई ग्वालियर मेडिकल रेफर…

●बहन भी हुई घायल जिला अस्पताल में भर्ती…

●भाई को 11 kv लाइन से लगा था करंट बचाने में बहन भी घायल…

●शहर के सिविल लाइन थाना के शांतिनगर कालोनी की घटना…

छतरपुर – छतरपुर में भाई को बचाने में बहन ने अपनी जान की बाजी लगा दी और मौत के मुंह से छोटे भाई को निकाल लाई। इस जान की बाजी में भाई को तो खींच लिया,पर इस दौरान बहन को भी तेज करंट लगा गया।
दोनों घायल जिला अस्पताल लाये गये जहां से डॉक्टरों ने भाई को ग्वालियर मेडिकल रेफर किया है तो वहीं बहन जिला अस्पताल में भर्ती है और इलाज चल रहा है।

● छतरपुर शहर के पॉश इलाके की घटना…

घटना छतरपुर शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के शांतिनगर कालोनी की है जहां दोनों भाई बहन किराये के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। मकान मालिक शर्मा जी के मकान के ऊपर से 11000 किलोवाट विधुत लाइन निकली हुई थी और तीसरी मंजिल पर ही इनका कमरा भी था विद्युत लाइन की यह जानकारी 22 वर्षीय बहन रिंकी पटेल जो (BA फाइनल में पढ़ती है) को तो थी पर 13 वर्षीय छोटे भाई अमित पटेल (जो कक्षा आठवीं में पढ़ता है) को नहीं थी।

इसी दौरान भाई छत पर लोवर सुखाने गया तो 11 kv लाइन की चपेट में आ गया। जिसे बहन ने देख लिया तो उसने बिना एक पल गंवाए अपने भाई को पकड़कर खींचा जिससे भाई तो खिंच गया पर उस करंट की चपेट में बहन भी आ गई और वह भी झुलस गई। दोनों भाई बहन को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया जहां से गंभीर हालत में छोटे भाई को ग्वालियर मेडिकल रेफर किया गया है तो वहीं बड़ी बहन जिला अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है।

●भाई ज्यादा घायल, बहन के हाथ पैर जले…

इस हादसे में भाई बुरी तरह जल गया है तो वहीं बहन के हाथ पैर और उंगलियां जल गईं हैं। इस मामले ओर ज़ब हमने घायल रिंकी से बात की तो वह बेहद डरी और सहमी हुई है कुछ भी बोलने से इन्कार कर रही है।

●शहर में हर महीने 2-4 लोग आते हैं चपेट में जाती हैं कईयों की जानें…

बता दें कि 11000 किलोवाट की विद्युत लाइन शहर के कई रहवासी इलाकों से निकली हुई है, जहां देखने सुनने में आता है कि हर महीने दो से चार या इससे भी ज्यादा लोग इसकी चपेट में आते हैं, जिनमें से कई गंभीर घायल हो जाते हैं तो कई की मौत तक हो जाती है।

●कौन जिम्मेदार कौन लापरवाह…

इस बाबत ना तो विद्युत विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही वहां के रहवासी कि इस तरह की लाइन के पास मकान ना बनाएं। चारा यही है कि या तो लाईन शिफ्ट की जाये या फिर फिर तरह की लाइनों के समीप मकान न बनाये जाएं न ही बनाने की अनुमति दी जाए।

●ऐसे लगेगा घटनाओं पर अंकुश…

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि जब तक इस तरह की जानलेवा लाइन अन्यत्र शिफ्ट करने का और लाइन के पास मकान निर्माण का जन विरोध और संघर्ष नहीं होगा तब तक इस तरह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाने वाला।