Smart Meters Will Increase Costs : स्मार्ट मीटर और बिजली टैरिफ की दोहरी मार, बिल में नहीं दिखेगा स्मार्ट मीटर का खर्च!

'टाइम ऑफ द डे टैरिफ' से भी बिजली का बिल बढ़ेगा!

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Smart Meters Will Increase Costs : स्मार्ट मीटर और बिजली टैरिफ की दोहरी मार, बिल में नहीं दिखेगा स्मार्ट मीटर का खर्च!

Indore : पहली अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ेगी। एक ओर बिजली की दरें बढ़ेंगी, दूसरी ओर स्मार्ट मीटर से खर्च बढ़ जाएगा। प्रस्तावित नए टैरिफ में स्मार्ट मीटर की लागत छुपी होगी, जिससे उपभोक्ता अनजाने में अधिक भुगतान करेंगे।

चार साल पहले तक मीटर किराया हर माह लिया जाता था। अब इसे नए कनेक्शन शुल्क में जोड़ा जा रहा है। सिंगल फेस मीटर के लिए ₹801, थ्री फेस के लिए ₹2192 और बड़े कनेक्शन के लिए ₹20,393 तक वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा, दो नई व्यवस्थाओं टाइम ऑफ द डे टैरिफ (टीओडी) और टोटैक्स मॉडल से बिलों में वृद्धि होगी।

टाइम ऑफ द डे टैरिफ’ से बढ़ेगा बिल

इस व्यवस्था में सुबह 6-10 बजे और शाम 6-10 बजे के बीच बिजली की दरें सामान्य से 20% अधिक होंगी। वर्तमान में यह नियम केवल 10 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं पर लागू है। लेकिन, अब इसे सभी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं पर लागू करने का प्रस्ताव है।

टोटैक्स मॉडल के तहत मीटर की खरीद, स्थापना, आईटी नेटवर्क, रखरखाव, डेटा ट्रांसमिशन, साइबर सुरक्षा, बिलिंग और सॉफ्टवेयर अपग्रेड जैसी लागतें टैरिफ में जोड़ी जाएंगी। इससे बिजली बिलों में नई लागत जुड़कर टैरिफ महंगा हो जाएगा।

स्मार्ट मीटर पर 18% जीएसटी सहित वसूली

रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के अनुसार, स्मार्ट मीटर की किश्त पर 18% जीएसटी भी वसूला जाएगा। 7.5 साल में उपभोक्ताओं से कुल ₹14,310 लिए जाएंगे। जबकि, रखरखाव और निगरानी शुल्क जोड़कर कुल लागत ₹25,080 हो जाएगी।

754.32 करोड़ की मांग

बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर से जुड़ी लागत के लिए ₹754.32 करोड़ की टैरिफ पिटीशन दायर की है। इस रकम को उपभोक्ताओं के बिलों में अगले 7 से 10 वर्षों तक जोड़ा जाएगा। जनवरी में हुई सुनवाई में इस पर कई आपत्तियां भी दर्ज हुई हैं। एक्सपर्ट इसे अन्यायपूर्ण मानते हैं।