तो बुंदेलखंड में नए रंग भरेंगे ‘मोहन’ के उद्यम…
केन-बेतवा लिंक परियोजना अगर बुंदेलखंड की जीवनरेखा बनने वाली है, तो यहां लगने वाले उद्योग बुंदेलखंडवासियों को नए प्राण देने वाले हैं। सागर में संपन्न रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव में बुंदेलखंड और सागर संभाग के सभी जिलों में आए औद्योगिक निवेश प्रस्ताव इसी तस्वीर में रंग भरते नजर आ रहे हैं। बुंदेलखंडवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक समृद्धि का आधार मिल गया, तो मानो वह ‘मोहन सरकार’ के इस उपकार का कर्ज कभी नहीं चुका पाएंगे। और बुंदलेखंड उद्योगपतियों को रास आ गया, तो फिर बुंदेलखंड विकास की दौड़ में कभी पीछे मुड़कर देखने वाला नहीं है। बस देर है ‘मोहन’ के उद्यमों का धरातल पर फलने-फूलने की, उसके बाद बुंदेलखंड को गरीबी, पलायन और बेरोजगारी जैसे असुरों से छुटकारा मिलने की उम्मीदों का उदय हो जाएगा। और तब ‘मोहन’ के यह भागीरथी उद्यम बुंदलेखंड में प्राण फूंकने वाले साबित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भरोसा है कि पांच साल नहीं बल्कि साढ़े तीन साल में ही उनके नौ माह के कार्यकाल में उदित हुआ उम्मीदों का पौधा वट वृक्ष बनकर फलदायी साबित हो जाएगा। ईश्वर करे ऐसा ही हो, तब पलायन की रेल के डिब्बे उदास होंगे और बुंदेलखंड का जनजीवन खुशहाल होगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना और उद्योगों की गंगा मिलकर बुंदलेखंड के लिए सोने पर सुहागा की कहावत को चरितार्थ करने की ताकत रखते हैं।
सागर रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव की खासियत यह है कि यहां हर घंटे निवेश के आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज होती रही। दोपहर ढाई बजे तक निवेश का आंकड़ा 19 हजार करोड़ का था, तो शाम पांच बजे यह बढ़कर 23 हजार करोड़ पार कर गया था। इससे करीब 28 हजार करोड़ रोजगार सृजित होने की पूरी संभावना जताई गई है। इस निवेश की खासियत यह है कि निवाड़ी जैसे बुंदलेखंड के पिछड़े जिले में भी करीब 3200 करोड़ का स्टील उद्योग में निवेश प्रस्ताव आना सुखद और नवोदित जिले का कायाकल्प करने में सक्षम है। बुंदेलखंड के लिए औद्योगिक विकास का यह नया अध्याय इतिहास रचने में सक्षम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और खजुराहो सांसद के रूप में बुंदेलखंड में विकास के भागीदार विष्णु दत्त शर्मा ने असीम संभावनाओं की भूमि बुंदलेखंड को प्रदेश में औद्योगिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित करने की कड़ी में ‘रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव’ में सहभागिता की। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर प्रदेश में रीजनल कान्क्लेव के आयोजन और संपूर्ण मध्यप्रदेश के विकास के विजन की सराहना की। तो कहा कि विकास के इस विजन में शामिल बुंदेलखंड की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड आशीर्वाद दिया है और जनता के उस प्रचंड आशीर्वाद को अपने एजेंडे में लेकर बुंदेलखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सोच की तारीफ की। विष्णु दत्त शर्मा ने बुंदेलखंड की खूबियां गिनाईं कि यहां हर तरह के खनिज उपलब्ध हैं और पर्यटन उद्योग के लिए आधार भी है। यहां हीरे भी मिलते हैं और अब तो पन्ना में नेचुरल गैस भी मिली है। बुंदेलखंड में प्रचुर मात्रा में रॉ मटीरियल उपलब्ध है। बुंदेलखंड का खजुराहो वर्ल्ड हैरिटेज साइट है और आईकॉनिक सिटीज में शामिल है। खजुराहो को राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म सिटी के रूप में विकसित करने का प्रयास हमारी सरकार कर रही है। बुदेलखंड में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी है, मैन पॉवर भी है और रॉ मटीरियल भी है। बुंदेलखंड में आत्मीयता है और यहां के लोगों में एक आत्मीय भाव है, जो इस क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करेगा।
तो डॉ. मोहन यादव ने भरोसा जताया कि भविष्य का बुन्देलखंड, विकसित बुन्देलखंड होगा। प्रदेश में उद्योगों के विकास का कार्य निरंतर जारी रहेगा। छोटे से छोटे उद्यमी की सहायता के लिए भी राज्य सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। केन-बेतवा परियोजना के क्रियान्वयन से बुन्देलखंड के ढाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता की वृद्धि होगी, जिससे बुन्देलखंड क्षेत्र का स्वरूप बदल जायेगा। उन्होंने साझा किया कि सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में लगभग 23,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, इससे 27,800 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
तो अपनी ऐतिहासिकता, अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और उद्यमशीलता के लिए सुप्रसिद्ध सागर में चौथे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ है। इसके माध्यम से बुंदेलखंड के विकास और समृद्धि को पूर्णता मिलेगी, यह उम्मीद जागी है। सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 6 देशों, 10 राज्यों के हजारों निवेशक सहभागी और साक्षी बने हैं। प्रस्ताव जमीन पर उतरेंगे, तो ‘मोहन’ के उद्यम बुंदलेखंड में नए रंग भरेंगे, यही भरोसा है…।