

Solar Eclipse Today : साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में कहीं दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं!
New Delhi : साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च यानी आज लगने जा रहा है। आज ही चैत्र अमावस्या का संयोग भी है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है, लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा, इस वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। साल का यह पहला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा।
ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है और इसी वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ वर्जित माने जाते हैं। साल का पहला सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। ये सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में लगेगा या नहीं और भारत पर इसका क्या असर होगा। दुनिया के किन हिस्सों में साल का सूर्य ग्रहण अच्छी तरह दिखेगा।
सूर्य ग्रहण की अवधि
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र मास की अमावस्या के दिन 29 मार्च यानी आज लगने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण आज दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन शाम 6 बजकर 14 मिनट पर होगा। सूर्य ग्रहण का मध्य समय दोपहर 4 बजकर 17 मिनट पर होगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की होगी। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर आदि जगहों पर दिखाई देगा। भारत में नजर न आने की वजह से इस बार सूतक के नियम नहीं माने जाएंगे। साथ ही ग्रहणकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी। सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और न पूजा-पाठ वर्जित होगी।
ये सूर्य ग्रहण क्यों खास
यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। यह सूर्य ग्रहण बहुत ही खास माना जा रहा है। क्योंकि, कल ही शनि का गोचर भी होने जा रहा है। साथ ही, इस ग्रहण के दौरान मीन राशि में 5 ग्रहों का मिलन हो रहा है। इसके अलावा, सूर्य और शनि ग्रह तीन दशकों के बाद एक ही वर्ष में दो बार युति बना रहे हैं।
क्यों होता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं। यह खगोलीय घटना चंद्रमा के सूरज और धरती के बीच आ जाने के कारण होती है। इस दौरान चंद्रमा सूरज की किरणों को ब्लॉक कर देता है और धरती के हिस्सों पर उसकी छाया पड़ती है। हालांकि, चंद्रमा की छाया इतनी बड़ी नहीं होती है कि वह पूरी धरती को ढक ले। इसलिए, ग्रहण के दौरान कुछ समय के लिए एक विशेष इलाके में ही अंधेरा छाता है।
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़ककर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें। आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं।