कोई तो कहे! देशज औषधीय वनस्पति गांजा,लाइसेंसी खेती में है क्या बाधा?

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कोई तो कहे! देशज औषधीय वनस्पति गांजा,लाइसेंसी खेती में है क्या बाधा?

स्वामी तृप्तानंद का कालम नर्मदा परिक्रमा पथ से

गांजा- भांग को नशीले पदार्थों में रखा गया है। वैसे नशा तो चाय- कॉफी- तम्बाकू – ताड़ी- अफ़ीम और शराबू में भी है पर नारकोटिक्स अंतर्गत शराब अफीम और गांजा भांग को ही रखा है। पर इनमें सभी की प्रकृति अर्थात मिज़ाज़ अलग-अलग है। मसलन
गाँजा की चिलम पीकर कभी किसी ने रेप अथवा मर्डर जैसे अपराध नहीं किए। पिछले दिनों (0ct. 2023) मध्यप्रदेश के धार जिले की मनावर तहसील के ग्राम पिपल्या खुर्द के किसान सीताराम के खेत से
7 लाख रुपए मूल्य के 630 गाँजा पौधे बरामद किए गए क्योंकि यह नारकोटिक्स अपराध है।पर जब जब हरिद्वार प्रयागराज उज्जैन नासिक में कुंभ आयोजन होता है तब प्रशासन व मीडिया के सामने अरबों-खरबों के गांजे का क्रय-विक्रय व उपयोग होता है और वह कई टन भार का गांजा कहीं तो पैदा होता ही होगा। क्या कुंभ के समय कानूनी प्रावधान शिथिल कर दिए जाते हैं? ऐसा इसलिए कि एक भी केस दर्ज नहीं होता है। क्योंकि गांजा एक औषधीय वनस्पति है। जिसके औषधीय सेवन से स्वास्थ्य सुधार होता है और समाज के लिए शराब जैसा कोई खतरा नहीं है। गांजा व भांग बिना अधिक खर्च के सहज ही उपजने वाली देशज वनस्पतियां हैं। जिनका अच्छा बाजार भाव है तो किसानों को इसकी लाइसेंसी खेती करने देने में क्या बाधा है ? शासन की राजस्व आय बढ़ेगी और किसानों की सदा-सर्वदा की ऋण ग्रस्तता में कमी आएगी। होम्योपैथी में मानसिक तनाव, अनिद्रा, अवसाद आदि मनोरोगों में काम आने वाली 2 सार्थक दवाएं ~ Cannabis Indica Q एवं Cannabis Sativa Q क्रमश: गांजा व भांग से ही बनती हैं। पर इन देशज हर्ब्स का कच्चा माल विदेशों से मंगाया जाता है, क्या यह सही है ?आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त दवाओं मृत संजीवनी सुरा, अहिफेनासव, मधुकासव और सूचीवेध (Injectables) पर जो प्रतिबंध है, उस पर भी औषधीय आवश्यकता से पुनर्विचार की आवश्यकता है।

गांजा रखना बेचना
है घोषित अपराध !
तृप्तानंद पर कुंभ में
किसको रहता याद !!

स्वामी तृप्तानंद
8963968789 wtsp
वर्तमान पता,मेवासा,सावरकुंडला, अमरेली, गुजरात में चातुर्मास के अनुक्रम में।