SP’s Transfer: Collector से पंगा SP को महंगा पड़ा, जानिए क्या है पूरा मामला!
Bhopal : एक जिले के SP को कलेक्टर से पंगा लेना भारी पड़ गया। अंततः उन्हें वहां से रुखसत ही होना पड़ा। मामला अनूपपुर जिले के SP अखिल पटेल का है।
राजधानी भोपाल में पहुंच रही खबरों के अनुसार पुलिस अधीक्षक (SP) का पिछले 3- 4 महीने से कलेक्टर सोनिया मीणा से लगातार विवाद चल रहा था। दोनों के बीच संवादहीनता के हालात बन गए थे। अंदाजा लगाया जा सकता है, कि ऐसे में जिले का प्रशासन और लॉ एंड ऑर्डर कैसे चल कर रहा होगा!
स्थानीय सियासी चर्चाओं के मुताबिक, इस विवाद की जड़ दरअसल जिला पंचायत के पूर्व CEO हर्षल पंचोली रहे हैं, जिन्हें सरकार ने आज से 4 महीने पहले उस वक्त तबादला कर दिया था जब एक शासकीय मीटिंग में उनका प्रभारी मंत्री मीना सिंह से सार्वजनिक रूप से विवाद हो हुआ था। पंचोली 2015 बैच के IAS अधिकारी हैं और SP अखिल पटेल भी 2015 बैच के ही IPS हैं। बैचमेट होने से दोनों के बीच दोस्ती होने के कारण जब पंचोली का तबादला हुआ, उससे SP पटेल की भावनाएं आहत हुई। इसीलिए उनका पहले तो अंदर ही अंदर और बाद में कई मौकों पर प्रभारी मंत्री और कलेक्टर से तालमेल बिगड़ गया था।
जबकि, प्रभारी मंत्री और कलेक्टर के बीच अच्छा तालमेल है और SP की प्रभारी मंत्री से पटरी नही बैठ रही थी। इसके पीछे भी Ex CEO पंचोली ही बताए जाते हैं। बताया जाता है कि इन दोनों को स्थानीय मंत्री बिसाहुलाल सिंह का सपोर्ट था, लेकिन वे भी इनको बचा नहीं पाए। पंचोली तो खैर उसी समय तबादला होकर चले गए थे। लेकिन, कलेक्टर और SP के बीच जो मनमुटाव हुआ, उसका नतीजा SP के तबादले से हुआ।
इस विवाद का ही एक और कारण यह था कि गत दिनों जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी ने तो SP पटेल से अपनी जान-माल का खतरा बताते हुए प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी। बताया जाता है कि इस मामले में जिला अभियोजन अधिकारी को प्रभारी मंत्री और प्रशासन की शह मिली थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में प्रभारी मंत्री और शहडोल कमिश्नर की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बताया गया है कि प्रभारी मंत्री SP के ट्रांसफर के लिए पिछले दो-तीन महीने से लगातार कोशिश कर रही थी। यहां तक कि जब पंचोली का ट्रांसफर हुआ था, तब भी लोग मान रहे थे कि SP पटेल की भी बिदाई कुछ दिनों में ही हो जाएगी। लेकिन, उस समय पटेल ने PHQ में अपनी जमावट कर अपने तबादले को रोकने को मैनेज कर लिया था। इसी बीच जिला अभियोजन अधिकारी वाले मामले ने भी तूल पकड़ा और कमिश्नर ने भी बताया गया है कि इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपी और उसका परिणाम यह हुआ कि अब SP को जिला छोड़ना पड़ा।