
इंदौर में 13.33 करोड़ की स्टाम्प चोरी,वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू की भूमिका अन्य बड़ी रजिस्ट्री में भी संदिग्ध होने की EOW को आशंका
भोपाल: आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा इंदौर के कमर्शियल प्लॉट की रजिस्ट्री में 13.33 करोड़ रुपए की स्टाम्प ड्यूटी चोरी करने के मामले में आरोपी वरिष्ठ पंजीयक अमरेश नायडू की भूमिका अन्य बड़ी रजिस्ट्री में भी संदिग्ध मानी जा रही है। अन्य मामलों से जुड़े यदि कोई शिकायत या दस्तावेज मिलते हैं तो उस पर भी FIR दर्ज हो सकती है।
इस संबंध में EOW में दर्ज FIR में यह लिखा गया है कि उन्होंने स्वयं के लाभ के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया, बड़े मूल्य की रजिस्ट्री पर जिला पंजीयक का पर्यवेक्षण निरंतर होता है।
EOW के अफसरों को आशंका है कि अमरेश नायडू और संजय सिंह ने कुछ और जमीनों की रजिस्ट्री पर इसी तरह की गड़बड़ी कर शासन को करोड़ का नुकसान पहुंचा हो सकता है। इस संबंध में अब उनके क्षेत्र में हुई बड़ी रजिस्ट्री की पड़ताल की जा सकती है।
इस मामले में EOW ने अपनी FIR में लिखा है वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू का दायित्व था कि यदि गाईड लाइन सही नहीं लगी है तो रजिस्ट्री को जप्त कर कलेक्टर आॅफ स्टॉम्प को भेजना चाहिए था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बड़े मूल्य की रजिस्ट्री पर जिला पंजीयक का निरंतर पर्यवेक्षण होता है। वरिष्ठ जिला पंजीयक का यह दायित्व होता है कि अपने नियंत्रण है कि अपने नियंत्रण अधीन कार्यरत पंजीयक द्वारा पंजीकृत किए जाने वाले दस्तावेजो का नियमित परीक्षण कर कमी शुल्क की वसूली करे।
FIR में यह भी लिखा गया है कि इन दोनों अफसरों ने अपने लाभ के लिए धोखाधड़ी के उद्देश्य से कमर्शियल प्लॉट डीजएलएफ गार्डन सिटी मांगल्या सड़क की गाईड लाइन 50 हजार 800 रुपए की दर से रजिस्ट्री नहीं करवाई। इसमें डीएलएफ गार्डन सिटी का नाम हटाकर मांगलिया सड़क गांव की गाईड लाइन से 14 हजार 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से रजिस्ट्रियां करवाई गई। इस कीमत पर 9 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई है। इसमें इन दो अफसरों के साथ अन्य को भी आरोपी बनाया गया है।
बड़े अफसरों का वरदहस्त
अमरेश नायडू को कुछ सीनियर IAS अफसरों का वरदहस्त है। इसके चलते वे यहां पर पदस्थ हुए। उनकी सीनियरटी को लेकर भी खासा विवाद चला था, जो मंत्रालय तक चर्चित हुआ था। इसमें भी वे अपने से जुड़े अफसरों की मदद से बाजी मार ले गए और वरिष्ठ पंजीयक के पद पर पदस्थ हुए। इधर यह भी माना जा रहा है कि कुछ आईएएस अफसर जुट गए हैं कि नायडू को इंदौर से नहीं हटाया जाए।





